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प्राकृतिक आपदाएं जैसे बाढ़, सूखा या अग्निकांड न सिर्फ इंसानों के लिए बल्कि पशुधन के लिए भी विनाशकारी साबित होती हैं। बिहार (Bihar Government) में लाखों किसान और पशुपालक आजीविका के लिए मवेशियों पर निर्भर हैं, लेकिन आपदा के समय उनके पशुओं की मौत हो जाने या गुम हो जाने से उनकी आर्थिक स्थिति बिगड़ जाती है। इस परेशानी को देखते हुए बिहार सरकार ने (Big Initiative Of Bihar Government) एक बड़ा और सराहनीय कदम उठाया है।
अब राज्य में बाढ़ या किसी अन्य आपदा के दौरान मरे हुए या लापता मवेशियों के बदले पशुपालकों को आर्थिक मदद (Financial help to cattle owners in lieu of dead or missing cattle) मिलेगी। ये योजना पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग (Animal & Fisheries Resources Department) द्वारा संचालित की जा रही है, जिसका उद्देश्य पशुपालकों की आर्थिक मदद करना और उनकी आजीविका को सुरक्षित रखना है।
किन पशुओं को मिलेगा लाभ? योजना की चार कैटेगरी
बिहार सरकार ने इस योजना को चार अलग-अलग श्रेणियों में बांटा है, ताकि हर तरह के पशुपालकों को फायदा मिल सके:
1. दूध देने वाले पशु (Dairy Animals)
इस कैटेगरी में गाय और भैंस जैसे दुधारू पशुओं को शामिल किया गया है। अगर आपदा के कारण इनकी मौत हो जाती है, तो प्रति पशु 37,500 रुपये तक की सहायता राशि दी जाएगी। हालांकि, एक परिवार को अधिकतम तीन बड़े पशुओं तक ही ये लाभ मिलेगा।
वहीं, बकरी, भेड़ और सूअर जैसे छोटे पशुओं के लिए 4,000 रुपये प्रति पशु के हिसाब से मुआवजा दिया जाएगा, लेकिन अधिकतम 30 पशुओं तक ही सहायता मिल सकेगी।
2. भार ढोने वाले पशु (Draft Animals)
इस कैटेगरी में बैल, घोड़े, ऊंट जैसे बड़े पशु आते हैं, जो खेती और सामान ढोने में मदद करते हैं। अगर आपदा में इनकी मौत हो जाती है, तो प्रति पशु 32,000 रुपये की सहायता राशि मिलेगी।
इसके अलावा, बछड़ा, खच्चर, गधा और टट्टू जैसे छोटे पशुओं के लिए 20,000 रुपये प्रति पशु का प्रावधान है। यहां भी अधिकतम तीन बड़े और छह छोटे पशुओं तक ही मदद दी जाएगी।
3. पोल्ट्री पशु (Poultry Farming)
अगर आपदा में मुर्गी, मुर्गा या अन्य पोल्ट्री पशुओं की मौत हो जाती है, तो 100 रुपये प्रति पशु के हिसाब से मुआवजा दिया जाएगा। हालांकि, एक परिवार को अधिकतम 5,000 रुपये तक ही ये सहायता मिल सकेगी।
4. आगजनी से प्रभावित पशु शेड (Cattle Shed Affected By Fire)
अगर किसी पशुपालक का पशु शेड (छप्पर या गोशाला) आग लगने से बर्बाद हो जाता है, तो उसे 3,000 रुपये प्रति शेड की दर से आर्थिक सहायता दी जाएगी।
कैसे करें आवेदन? जानें पूरी प्रक्रिया
इस स्कीम का फायदा लेने के लिए पशुपालकों को यहां बताए गये दस्तावेजों के साथ अप्लाई करना होगा:
- मृत्यु प्रमाण पत्र (संबंधित पशु चिकित्सक द्वारा प्रमाणित)
- आधार कार्ड
- बैंक खाता विवरण
- मोबाइल नंबर
अप्लाई करने के दो तरीके:
1.ऑफलाइन: जिला पशुपालन कार्यालय में जाकर आवेदन कर सकते हैं।
2.ऑनलाइन: बिहार सरकार की आधिकारिक वेबसाइट https://state.bihar.gov.in/ahd पर जाकर ऑनलाइन अप्लाई कर सकते हैं।
योजना पशुपालकों के लिए वरदान
बिहार सरकार की ये योजना पशुपालकों के लिए एक बड़ी राहत लेकर आई है। आपदा के समय मवेशियों की मौत से होने वाले आर्थिक नुकसान को कम करने में ये योजना उनके लिए काफी सहारा बनेगी। अगर आप या आपके आसपास कोई पशुपालक है, तो इस योजना की जानकारी ज़रूर शेयर करें, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इसका फायदा उठा सकें।
सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।
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