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भारत की कपास खेती (Cotton Farming In India) में एक नया अध्याय लिखने की तैयारी है। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक बड़ी घोषणा करते हुए बताया कि 11 जुलाई 2025 को कोयम्बटूर में कपास पर एक राष्ट्रीय सम्मेलन (National Conference on Cotton) आयोजित किया जाएगा। इस सम्मेलन में देशभर के किसानों, वैज्ञानिकों और नीति निर्माताओं के साथ मिलकर कपास उत्पादन बढ़ाने, जलवायु अनुकूल बीज विकसित करने और किसानों की आय दोगुनी करने पर मंथन किया जाएगा।
क्यों है ये सम्मेलन इतना महत्वपूर्ण?
भारत दुनिया का सबसे बड़ा कपास उत्पादक देश (India is the largest cotton producing country in the world) है, लेकिन पिछले कुछ सालों में TSV वायरस (Tobacco streak virus) के कारण कपास की पैदावार प्रभावित हुई है। किसानों को बीटी कॉटन के नए वायरस-रोधी बीजों की जरूरत है, साथ ही जलवायु परिवर्तन के दौर में ऐसी फसल प्रणाली चाहिए जो कम पानी में भी अच्छी उपज दे। इसी को ध्यान में रखते हुए ये सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है, जिसमें-
- कपास उत्पादन बढ़ाने की रणनीति
- जलवायु अनुकूल बीजों पर शोध
- किसानों की लागत कम करने के उपाय
- TSV वायरस से निपटने के तरीके
कपास निर्यात को बढ़ावा देने की योजना पर चर्चा होगी।
हम भारत को बनाएंगे ‘विश्व का फूड बास्केट’- शिवराज सिंह चौहान
केंद्रीय मंत्री ने ICAR की बैठक में कहा कि भारत की मिट्टी अत्यंत उपजाऊ है, यहां के किसान दुनिया को अन्न दे सकते हैं। हमारा लक्ष्य है कि किसानों की आमदनी बढ़े, उन्हें बेहतर बीज मिलें और भारत ‘विश्व का फूड बास्केट’ बने।
उन्होंने ये भी कहा कि खेती सिर्फ व्यवसाय नहीं, देश सेवा है। 144 करोड़ लोगों के पोषण और खाद्य सुरक्षा का दायित्व हम सभी पर है। इसलिए केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर काम करेंगी।
ख़राब बीज और नकली उर्वरकों पर सख़्त कार्रवाई की चेतावनी
मंत्री ने किसानों को ख़राब बीज और नकली उर्वरकों की बिक्री पर चिंता जताई और कहा कि सरकार इसके खिलाफ कड़े कानूनी प्रावधान लाएगी। उन्होंने वैज्ञानिकों से आग्रह किया कि वे किसान-हितैषी शोध करें, ताकि लैब में किए गए इन्वेंशन खेतों तक पहुंच सकें।
इंदौर में सोयाबीन, अब कोयम्बटूर में कपास… आगे क्या?
शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि इससे पहले इंदौर में सोयाबीन पर एक बड़ी बैठक हुई थी। अब कपास के बाद गन्ना और अन्य फसलों पर भी ऐसे ही सम्मेलन होंगे। यह सरकार की ‘फसलवार कार्ययोजना’ का हिस्सा है, जिसमें हर फसल की समस्याओं का अलग-अलग समाधान निकाला जाएगा।
किसान अपने सुझाव भेजें, सरकार सुनेगी
सरकार ने किसानों से अपील की है कि वे कपास की खेती से जुड़े अपने सुझाव 18001801551 पर भेजें, ताकि उनकी समस्याओं को सम्मेलन में शामिल किया जा सके।
सम्मेलन का टाइम और जगह:
तारीख़: 11 जुलाई 2025
टाइम: सुबह 10 बजे
जगह: कोयम्बटूर (तमिलनाडु)
क्या बदलाव लाएगा ये सम्मेलन?
यह सम्मेलन भारतीय कपास किसानों के लिए एक गेम-चेंजर साबित हो सकता है। अगर सरकार वैज्ञानिक शोध, किसानों की जरूरतों और बाजार की मांग के बीच सही तालमेल बना पाती है, तो भारत न सिर्फ कपास उत्पादन में आत्मनिर्भर बनेगा, बल्कि वैश्विक बाजार में भी अपनी धाक जमाएगा।
सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।
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