National Fish Farmers Day 2025: भारत मना रहा नीली क्रांति का जश्न, मछली पालन में 10 साल में दोगुना हुआ उत्पादन

10 जुलाई, 2025 को राष्ट्रीय मत्स्य किसान दिवस (National Fish Farmers Day 2025) के मौके पर नए मत्स्य क्लस्टर्स (Fisheries Clusters), प्रशिक्षण कार्यक्रम (Training Programs) और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं (Infrastructure Projects) की घोषणा होने जा रही है, जो इस क्षेत्र को और आगे बढ़ाएगी।

National Fish Farmers Day 2025: भारत मना रहा नीली क्रांति का जश्न, मछली पालन में 10 साल में दोगुना हुआ उत्पादन

क्या आप जानते हैं कि भारत अब दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मछली उत्पादक देश (India is the second largest fish producer in the world) बन चुका है? जी हां.. पिछले 10 सालों में हमारे मछली उत्पादन ने 104 फीसदी की छलांग लगाई है। 2013-14 में जहां 95.79 लाख टन मछली का उत्पादन होता था, वहीं 2024-25 तक यह आंकड़ा 195 लाख टन तक पहुंच गया है। ये सब संभव हुआ है ‘नीली क्रांति’ की बदौलत, जिसके तहत केंद्र सरकार ने 38,572 करोड़ रुपये का निवेश किया।

लेकिन ये सफर यहीं नहीं रुकने वाला है। 10 जुलाई, 2025 को राष्ट्रीय मत्स्य किसान दिवस (National Fish Farmers Day 2025) के मौके पर नए मत्स्य क्लस्टर्स (Fisheries Clusters), प्रशिक्षण कार्यक्रम (Training Programs) और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं (Infrastructure Projects) की घोषणा होने जा रही है, जो इस क्षेत्र को और आगे बढ़ाएगी।

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क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय मत्स्य किसान दिवस?

10 जुलाई का दिन भारतीय मत्स्य पालन  (National Fish Farmers Day 2025) के इतिहास में एक ऐतिहासिक उपलब्धि का प्रतीक है। 1957 में आज ही के दिन प्रोफेसर डॉ. हीरालाल चौधरी और डॉ. के.एच अलीकुन्ही (Professor Dr. Hiralal Choudhary and Dr. K.H Alikunhi) ने हाइपोफिज़ेशन तकनीक (Hypophysation Technique) का इस्तेमाल करके भारतीय मेजर कार्प मछलियों में कृत्रिम प्रजनन (induced breeding) को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। इस तकनीक ने अंतर्देशीय मत्स्य पालन (Inland fisheries) में क्रांति ला दी और भारत को मछली उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाया।

इस दिन को मनाने का मकसद है:

  • मछुआरों, मत्स्य किसानों और एक्वा-उद्यमियों के योगदान को सलाम करना।
  • टिकाऊ मत्स्य पालन तकनीकों पर चर्चा को बढ़ावा देना।
  • फिशरीज़ क्षेत्र में इनोवेशन और रोजगार के नए अवसर पैदा करना।

भारत की नीली क्रांति: कैसे बदला मत्स्य पालन?

1. मछली उत्पादन में ऐतिहासिक बढ़ोतरी

  • अंतर्देशीय मत्स्य पालन में 140 फीसदी की बढ़ोतरी।
  • समुद्री खाद्य निर्यात 60,500 करोड़ रुपये को पार कर गया।
  • झींगा उत्पादन में 270 प्रतिशत  का उछाल आया।

2. नए क्लस्टर, प्रशिक्षण और बेहतर बुनियादी ढांचा

10 जुलाई 2025 को भुवनेश्वर में आयोजित कार्यक्रम में:

  •  नए मत्स्य पालन क्लस्टर्स की घोषणा होगी।
  •  ICAR प्रशिक्षण कैलेंडर जारी किया जाएगा।
  • बीज प्रमाणीकरण और हैचरी संचालन के नए दिशा-निर्देश लॉन्च होंगे।

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3. मछुआरों और स्टार्टअप्स को सम्मान

इस दिन पारंपरिक मछुआरों, सहकारी समितियों, FFPOs और मत्स्य स्टार्टअप्स को सम्मानित किया जाएगा। साथ ही, PMMSY (प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना) के तहत नई परियोजनाओं का शुभारंभ होगा।

 भविष्य की रणनीति?

सरकार का लक्ष्य है:

  • मछुआरों की आय को दोगुना करना।
  • आधुनिक तकनीकों (जैसे Biofloc, Raceway System) को बढ़ावा देना।
  • निर्यात को बढ़ाकर 1 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचाना।
  • जलीय कृषि में स्थिरता सुनिश्चित करना।

National Fish Farmers Day 2025: भारत मना रहा नीली क्रांति का जश्न, मछली पालन में 10 साल में दोगुना हुआ उत्पादन

मत्स्य किसानों का योगदान अतुलनीय

मछली उत्पादन में भारत की यह ऐतिहासक उपलब्धि हमारे मछुआरों, किसानों और वैज्ञानिकों की मेहनत का नतीजा है। राष्ट्रीय मत्स्य किसान दिवस पर (National Fish Farmers Day 2025 )हम सभी को इन अनसुने हीरोज़ को सलाम करना चाहिए, जो देश की खाद्य सुरक्षा और अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रहे हैं।

 

सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।

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