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आज से ठीक कुछ दशक पहले, सरदार वल्लभभाई पटेल और त्रिभुवनदास पटेल (Sardar Vallabhbhai Patel and Tribhuvandas Patel) ने ‘अमूल’ के जरिए डेयरी सहकारिता की एक ऐसी नींव रखी थी, जिसने भारत को दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश बना दिया। अब, उन्हीं के सपनों को आगे बढ़ाते हुए, सरदार पटेल कोऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन (Sardar Patel Co-operative Dairy Federation) यानि SPCDF की स्थापना की गई है, जो देश के उन लाखों डेयरी किसानों को सशक्त बनाएगी, जो अभी तक सहकारी आंदोलन से जुड़े नहीं हैं।
क्या है SPCDF? क्यों है ये इतना खास?
गुजरात के आणंद में गृह मंत्री अमित शाह ने इस ऐतिहासिक योजना का शुभारंभ किया। ये नया फेडरेशन (Sardar Patel Co-operative Dairy Federation) 200 करोड़ रुपये की शुरुआती लागत के साथ काम करेगा और 22 राज्यों व 2 केंद्र शासित प्रदेशों में अपना विस्तार करेगा। सबसे बड़ी बात ये है कि ये संस्था उन किसानों को जोड़ेगी, जो अभी तक किसी भी सहकारी संस्था का हिस्सा नहीं हैं।
देश में आज भी 5 लाख गांवों के किसान असंगठित
हालांकि भारत में अमूल जैसी सफल सहकारी संस्थाएं मौजूद हैं, लेकिन आज भी 5 लाख से ज्यादा गांवों के डेयरी किसान किसी भी सहकारी संघ से नहीं जुड़े हैं। ये किसान सीधे बाजार में दूध बेचते हैं, जहां उन्हें उचित दाम नहीं मिल पाता और वे बिचौलियों के शोषण का शिकार होते हैं। SPCDF का मुख्य लक्ष्य ऐसे ही किसानों को संगठित करना है, ताकि उन्हें बेहतर मूल्य और बाजार तक सीधी पहुंच मिल सके।
अमूल की तर्ज पर, लेकिन बिना प्रतिस्पर्धा के
SPCDF की सबसे बड़ी खासियत ये है कि ये अमूल (GCMMF) या किसी अन्य राज्य स्तरीय डेयरी संघ के साथ प्रतिस्पर्धा नहीं करेगा। बल्कि, ये उन छोटी-छोटी अनरजिस्टर्ड दूध सहकारी समितियों को एक मंच पर लाएगी, जो अभी तक किसी बड़े संगठन से नहीं जुड़ी हैं।
किसानों को कैसे मिलेगा फायदा?
उचित दाम की गारंटी: SPCDF सीधे किसानों से दूध खरीदेगा, जिससे उन्हें बिचौलियों के चंगुल से मुक्ति मिलेगी।
तकनीक और प्रशिक्षण: किसानों को आधुनिक डेयरी प्रबंधन और पशुपालन की ट्रेनिंग दी जाएगी।
बाज़ार तक सीधी पहुंच: संगठित होने से किसानों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार में अपने उत्पाद बेचने का मौका मिलेगा।
सहकारी लाभ: सदस्य किसानों को लाभांश और अन्य वित्तीय सुविधाएं भी मिलेंगी।
SPCDF की संरचना: कौन करेगा निवेश?
- GCMMF (अमूल) – 20 फीसदी हिस्सेदारी
- गुजरात के जिला सहकारी दूध संघ – 60 फीसदी हिस्सेदारी
- 19 राज्यों व 2 केंद्र शासित प्रदेशों की ग्राम स्तरीय सहकारी समितियां – 20 फीसदी हिस्सेदारी
अमूल के चॉकलेट और चीज प्लांट का भी विस्तार
इसी कार्यक्रम में अमूल के चॉकलेट प्लांट के विस्तार और नए चीज प्लांट का भी उद्घाटन किया गया। ये कदम डेयरी उत्पादों के विविधीकरण (Diversification) को बढ़ावा देगा और किसानों के लिए अतिरिक्त आय के स्रोत खोलेगा।
डेयरी क्षेत्र में नया युग
सरदार पटेल और त्रिभुवनदास पटेल ने जिस सहकारिता की नींव रखी थी, SPCDF उसे एक नए स्तर पर ले जाएगी। ये संस्था न केवल किसानों की आय दोगुनी करने में मदद करेगी, बल्कि भारत को डेयरी उत्पादों में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। अब देखना ये है कि ये नया सहकारी मॉडल कैसे देश के गांव-गांव में बदलाव लाता है।
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