वर्तमान समय में डेयरी फार्मिंग बिजनेस तेजी से आगे बढ़ रहा है। कई आधुनिक तकनीकों के आगमन के बाद युवाओं का भी आकर्षण डेयरी फार्मिंग के बिजनेस के तरफ बढा है। वैसे तो हमारे देश भारत में गाय की बहुत सी नस्लें पाई जाती हैं लेकिन पशुपालकों को गाय की उन्हीं नस्लों का पालन करना चाहिए जिससे कि उन्हें अधिक दूध उत्पादन प्राप्त हो सके और साथ ही वे अधिक लाभ भी कमा सकें।
आज हम आपको गाय की उन प्रमुख नस्लों के बारे में बताएंगे जिनसे न केवल अधिक से अधिक दूध उत्पादन प्राप्त हो सकेगा बल्कि आप बहुत ही आसानी से अधिक मुनाफा भी कमा सकेंगे।
गाय की प्रमुख देसी नस्लें
लाल
1. सिन्धी
यह गाय शरीर से मध्यम आकार की होती है। इस गाय को गहरे लाल और भूरे रंग में पाया जाता है। इसके सींग छोटे और कान थोड़े बड़े होते हैं। यह प्रति बयांत 1600 लीटर तक दूध दे सकती है।
2. गिर
यह गाय शरीर से मध्यम आकार की होती है और इन्हें लाल रंग में पाया जाता है। इस नस्ल को आम गुजरात की गीर पहाड़ियों में पाया जाता है। इनके सींग मध्यम आकार के होते हैं और कान लंबे और पूंछ कोड़े जैसी पाई जाती है। इन गायों से प्रति ब्यांत 1500 लीटर तक दूध उत्पादन हो सकता है।
3. साहिवाल
यह गाय शरीर से मध्यम आकार की होती है और इन्हें लाल रंग में पाया जाता है। लंबे सिर वाली इस गाय के सींग छोटे, चमड़ी ढीली और थन लंबे होते हैं। यह गाय प्रति ब्यांत लगभग 1900 लीटर तक दूध उत्पादन कर सकती है।
4. हरियाणा नस्ल
यह गाय सफेद रंग में पाई जाती है। इनका चेहरा लंबा, माथा चौड़ा, सींग छोटे और पूंछ लंबी होती है। यह गाय प्रति ब्यांत पर करीब 900 लीटर तक दूध दे सकती है।
5. थारपारकर
गठीली शरीर वाली इस गाय का चेहरा थोड़ा लंबा होता है और यह मध्यम आकार की गाय होती है। इनके सींग लंबे और पूंछ बड़ी होती है और यह अधिकतर राजस्थान के थार, मरुस्थल और कच्छ में पाई जाती हैं। यह गाय प्रति ब्यांत लगभग 2200 लीटर तक दूध दे सकती है।