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सरसों की खेती भारत के किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण आय का साधन है। लेकिन अच्छी उपज और मुनाफ़ा तभी मिलेगा जब आप अपने खेत की स्थिति और जलवायु के अनुसार सही सरसों की क़िस्म (Mustard Variety) चुनेंगे। आज हम आपको बताएंगे कि कैसे आप अपने खेत के लिए सबसे उपयुक्त सरसों की क़िस्म (Mustard Variety) का चुनाव कर सकते हैं।
इस ब्लॉग में हम कुछ प्रमुख क़िस्मों के बारे में जानकारी देंगे जो अलग-अलग ज़ोन और परिस्थितियों के लिए बेहतरीन मानी जाती हैं।
सही क़िस्म चुनने के लिए क्या ध्यान रखें? (What to keep in mind to choose the right variety?)
जब आप सरसों की क़िस्म (Mustard Variety) का चुनाव करते हैं, तो इन बातों का ध्यान ज़रूर रखें:
- आपके क्षेत्र का जलवायु और मिट्टी का प्रकार
- खेत में सिंचाई सुविधा उपलब्ध है या नहीं
- बुवाई का समय (समय पर बुवाई या देर से बुवाई)
- क़िस्म की परिपक्वता अवधि
- रोग और कीटों के प्रति सहनशीलता
- तेल की मात्रा और उपज क्षमता
अब आइये जानते हैं कुछ बेहतरीन सरसों की क़िस्मों (Mustard Variety के बारे में, जो आपके खेत के लिए उपयुक्त हो सकती हैं।
एनआरसीडीआर-2 (भारतीय सरसों)
यदि आप ज़ोन II (दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, जम्मू-कश्मीर) के किसान हैं और समय पर सिंचित बुवाई करते हैं, तो एनआरसीडीआर-2 एक बेहतरीन सरसों की क़िस्म (Mustard Variety) है। इसकी पौधे की ऊंचाई 165-212 सेमी होती है और औसत उत्पादकता 1951-2626 किग्रा/हेक्टेयर है। इस क़िस्म में सफेद रतुआ और अल्टरनेरिया ब्लाइट जैसी बीमारियों का कम प्रकोप होता है और यह उच्च तापमान के प्रति सहनशील है।
एनआरसीएचबी-506 (हाइब्रिड सरसों)
राजस्थान और उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए ज़ोन III में एनआरसीएचबी-506 एक शानदार विकल्प है। यह क़िस्म उच्च तेल मात्रा (38.6-42.5%) देती है और औसत उपज 1550-2542 किग्रा/हेक्टेयर तक होती है। अगर आप हाई ऑयल कंटेंट चाहते हैं, तो यह सरसों की क़िस्म (Mustard Variety) आपके लिए सही है।
एनआरसीडीआर-601 (भारतीय सरसों)
अगर आपका खेत ज़ोन II में है और समय पर बुवाई होती है, तो एनआरसीडीआर-601 भी एक मजबूत विकल्प है। इसकी औसत उपज 1939-2626 किग्रा/हेक्टेयर तक होती है और यह भी सफेद रतुआ, अल्टरनेरिया ब्लाइट जैसी बीमारियों के खिलाफ बेहतर सहनशीलता रखती है।
एनआरसीएचबी-101 (भारतीय सरसों)
मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और बिहार जैसे राज्यों में अगर आपको देर से बुवाई करनी पड़ती है तो एनआरसीएचबी-101 उपयुक्त सरसों की क़िस्म (Mustard Variety) हो सकती है। इसकी औसत उत्पादकता 1382-1491 किग्रा/हेक्टेयर है। यह देर से बुवाई और वर्षा आधारित खेती के लिए बेहतर है।
डीआरएमआरआईजे-31 (गिरिराज)
यदि आप अधिक उपज और मोटे बीज चाहते हैं तो गिरिराज क़िस्म (डीआरएमआरआईजे-31) पर विचार कर सकते हैं। यह ज़ोन II के किसानों के लिए उपयुक्त है और औसत उत्पादकता 2225-2750 किग्रा/हेक्टेयर है। साथ ही, इसमें तेल की मात्रा भी 39-42.6% के बीच होती है।
एनआरसीवाईएस-05-02 (पीली सरसों)
देश के पीली सरसों उत्पादक क्षेत्रों के लिए एनआरसीवाईएस-05-02 एक बेहतरीन विकल्प है। जल्दी परिपक्व होने वाली इस क़िस्म की औसत उपज 1239-1715 किग्रा/हेक्टेयर है और तेल की मात्रा भी काफी अधिक (38.2-46.5%) पाई जाती है।
डीआरएमआर 150-35 (भारतीय सरसों)
यदि आप ज़ोन V में (जैसे बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल आदि) रहते हैं और अगेती बुवाई करना चाहते हैं, तो डीआरएमआर 150-35 आपके खेत के लिए बेहतर सरसों की क़िस्म (Mustard Variety) है। यह जल्दी परिपक्व होती है (114 दिन में) और तेल की मात्रा 39.8% है।
डीआरएमआर 1165-40 (भारतीय सरसों)
राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा जैसे क्षेत्रों के लिए डीआरएमआर 1165-40 एक अच्छी विकल्प है। यह क़िस्म समय पर बोई गई वर्षा आधारित स्थिति के लिए उपयुक्त है। इसकी उपज क्षमता 2200-2600 किग्रा/हेक्टेयर तक है और अंकुर अवस्था में गर्मी व नमी के तनाव को सहन कर सकती है।
डीआरएमआरआईसी 16-38 (बृजराज)
अगर खेत में सिंचाई की सुविधा है और बुवाई देर से करनी पड़ती है, तो बृजराज क़िस्म सही रहेगी। यह अल्टरनेरिया ब्लाइट, व्हाइट रस्ट जैसी बीमारियों के खिलाफ अच्छा बचाव देती है। उपज भी 1681-1801 किग्रा/हेक्टेयर तक मिलती है।
डीआरएमआर 2017-18 (राधिका)
राधिका क़िस्म भी देर से बोई गई सिंचित परिस्थितियों के लिए एक अच्छा विकल्प है। यह क़िस्म 1788 किग्रा/हेक्टेयर तक उपज देती है और तेल की मात्रा लगभग 40.7% रहती है। बीमारियों के खिलाफ भी यह क़िस्म काफी मजबूत है।
निष्कर्ष (Conclusion)
अपने खेत के लिए सही सरसों की क़िस्म (Mustard Variety) चुनना बहुत ज़रूरी है क्योंकि हर क्षेत्र की जलवायु, मिट्टी और खेती की परिस्थिति अलग होती है। चाहे आप अगेती बुवाई करें या देर से, सिंचित खेती करें या वर्षा आधारित – सही सरसों की क़िस्म (Mustard Variety) से ही आपको बेहतर उत्पादन और मुनाफ़ा मिलेगा।
हमेशा अपने क्षेत्र के ज़ोन और खेत की स्थिति को ध्यान में रखते हुए ही क़िस्म का चयन करें और उच्च गुणवत्ता की बुवाई सामग्री का उपयोग करें। सही चुनाव ही आपके खेत को समृद्ध बनाएगा!
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