Stubble Burning: पराली जलाने वाले किसानों पर सरकार का सख़्त एक्शन, MSP और योजनाओं का लाभ मिलना होगा बंद

अब जो किसान खेतों में पराली (Stubble Burning) जलाएंगे, उन्हें मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना (Mukhyamantri Kisan Kalyan Yojana) का लाभ नहीं मिलेगा। साथ ही, सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर उनकी फ़सल भी नहीं खरीदेगी। ये नियम 1 मई 2025 से लागू होगा। 

Stubble Burning: पराली जलाने वाले किसानों पर सरकार का सख़्त एक्शन, MSP और योजनाओं का लाभ मिलना होगा बंद

मध्य प्रदेश सरकार (Madhya Pradesh Government) ने पराली जलाने (Stubble Burning) वाले किसानों के खिलाफ बड़ा कदम उठाया है। अब जो किसान खेतों में नरवाई (पराली) जलाएंगे, उन्हें मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना (Mukhyamantri Kisan Kalyan Yojana) का लाभ नहीं मिलेगा। साथ ही, सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर उनकी फ़सल भी नहीं खरीदेगी। ये नियम 1 मई 2025 से लागू होगा। 

क्यों लिया गया ये सख़्त फैसला? (Why Was This Strict Decision Taken?)

पराली जलाने से वायु प्रदूषण बढ़ता है और मिट्टी की उर्वरा शक्ति (Fertility) कम हो जाती है। इससे:

1.ज़मीन के पोषक तत्व नष्ट होते हैं।

2.भविष्य की फसलों की पैदावार घटती है।

3.धुएं से स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि पर्यावरण और मिट्टी की सेहत बचाने के लिए यह कदम जरूरी था। जो किसान पराली जलाएंगे, उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलेगा।

 

क्या होंगे नए नियम? (What Will Be The New Rules?)

1. मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना का लाभ बंद – पराली जलाने वाले किसानों को इस योजना से हटा दिया जाएगा।

2. MSP पर फसल नहीं खरीदी जाएगी – अगले साल तक ऐसे किसान सरकारी खरीद में शामिल नहीं होंगे।

3. 1 मई से लागू हुए नए नियम – ये फैसला राजस्व विभाग की बैठक में लिया गया।

 

पराली जलाने के नुकसान (Disadvantages Of Burning Stubble)

1. मिट्टी की उर्वरता खराब होती है – आग लगाने से जमीन के अंदर के माइक्रोऑर्गेनिज्म और पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं।

2.वायु प्रदूषण बढ़ता है – धुएं से सांस की बीमारियां फैलती हैं, ख़ासकर बच्चों और बुजुर्गों पर असर पड़ता है।

3.भविष्य की फसलें कमजोर होती हैं – मिट्टी की गुणवत्ता गिरने से अगली बार पैदावार कम होगी।

 

क्या है ऑप्शन? पराली का सही इस्तेमाल कैसे करें? (What Are The Options? How To Use Straw Properly?)

सरकार ने किसानों को पराली जलाने के बजाय इन तरीकों को अपनाने की सलाह दी है:

1.पराली को खाद बनाएं (Composting) – इसे गड्ढों में डालकर जैविक खाद तैयार कर सकते हैं।

2.मल्चिंग (Mulching) – खेत में ही पराली को बिछाकर मिट्टी की नमी बरकरार रखी जा सकती है।

3.बायो-एथेनॉल और बायोगैस – पराली से ऊर्जा बनाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

4.सरकारी मशीनों का उपयोग – हैप्पी सीडर, बेलर मशीन से पराली को उठाकर बेचा जा सकता है।

 

 पराली न जलाएं, सरकारी सुविधाओं का लाभ उठाएं! (Do Not Burn Stubble, Take Advantage Of Government Facilities!)

मध्य प्रदेश सरकार का यह फैसला पर्यावरण और किसानों के भविष्य के लिए अच्छा है। अगर आप एक किसान हैं, तो पराली जलाने से बचें और इसे संसाधन के रूप में इस्तेमाल करें। सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए इस नियम का पालन करें, नहीं तो MSP और अन्य सुविधाएँ मिलनी बंद हो जाएंगी!

 

सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।

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