अक्टूबर माह में कब और कहां हो रहा है Kisan Mela और कहां मिलेगा रबी फसलों के उन्नत किस्मों का बीज
देश के अलग-अलग कृषि संस्थाओं ने अपने आस पास के कृषि मौसम के मिज़ाज को देखते हुए किसान मेले (Kisan […]
देश के अलग-अलग कृषि संस्थाओं ने अपने आस पास के कृषि मौसम के मिज़ाज को देखते हुए किसान मेले (Kisan […]
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला किया गया है कि सरकार किसानों पर 14 हजार करोड़ रुपये खर्च करने जा रही है।
ICAR- Central Institute Of Freshwater Aquaculture, Bhubaneswar (CIFA) मीठे पानी में मोती पालन (Pearl Farming) के राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है।
भारत सरकार अपने बफ़र स्टॉक या सार्वजनिक वितरण प्रणाली को बनाए रखने के लिए लगभग 23 फसलों के उपज को MSP पर खरीद करती है।
Agriculture Drone की खरीद के लिए महिला समूह को ड्रोन की कीमत का 80 प्रतिशत या अधिकतम 8 लाख रुपये तक की मदद दी जा रही है। योजना के तहत SC-ST, छोटे व सीमांत, महिलाओं और पूर्वोत्तर राज्यों के किसानों को ड्रोन का 50 प्रतिशत या अधिकतम 5 लाख रुपये अनुदान दिया जा रहा है।
कृषि विज्ञान केन्द्र (Krishi Vigyan Kendra, KVK) भारत में कृषि और कृषि से जुड़े अन्य आयामों के टेक्नोलॉजी विस्तार का एक केन्द्र है। जहां पर किसानों को खेती-किसानी की नई तकनीकों से लेकर किस्मों की ट्रेनिंग या फ़ार्म विज़िट के माध्यम से नई-नई जानकारियां दी जाती हैं।
एकीकृत कृषि प्रणाली उन स्थानों के लिए सबसे उपयुक्त मानी जाती है जहां पर एक फसल होती है, सिंचाई की कमी और कम बारिश का क्षेत्र हो। इस पद्धति से कृषि को पशुधन के साथ जोड़ कर लाभ कमा सकते हैं। मुर्गीपालन और मछली पालन को एक ही जगह पर रखा जा सकता है ताकि साल भर रोज़गार पैदा हो सके।
ड्रैगन फ्रूट (Dragon Fruit) दक्षिणी मैक्सिको, मध्य अमेरिका और दक्षिण अमेरिका का स्वादिष्ट फल है। इसकी खेती दक्षिण-पूर्व एशिया, भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका, कैरेबियन द्वीप समूह, ऑस्ट्रेलिया में उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय इलाकों में की जाती है।
फसल अवशेष जलाने से हमारी ज़मीन में उपलब्ध पोषक तत्वों को हानि होती है। धीरे-धीरे ज़मीन की उर्वरक शक्ति कम होती चली जाती है। साथ ही वायु प्रदूषण बढ़ने जैसी कई घटनाएं हम देख भी चुके हैं।
1964 में जवाहर लाल नेहरू के बाद भारत के दूसरे प्रधानमंत्री के रूप में लाल बहादुर शास्त्री ने पद भार संभाला। उनके सामने देश की आंतरिक सुरक्षा और बाहरी सुरक्षा के साथ-साथ देश की खाद्यान्न आपूर्ति की समस्या से कैसे निपटा जाए, इसकी चुनौती थी।
डॉ. एम. एस. स्वामीनाथन ने 1966 में मैक्सिको के बीजों को पंजाब की घरेलू किस्मों के साथ मिश्रित करके उच्च उत्पादकता वाले गेहूं के संकर बीज विकिसित किए।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् के स्थापना दिवस के अवसर पर आईसीएआर और उसके संस्थानों के प्रकाशनों के साथ-साथ वैज्ञानिकों के सहयोग से तैयार उत्पादों का लोकार्पण किया गया। जिसमें बागवानी विभाग द्धारा एवोकाडो की प्रजाति अर्का कुर्ग रवि, आम की प्रजाति पूसा दीपशिखा, भिंडी की प्रजाति काशी लालिमा, आलू की प्रजाति कुफरी फ्राईओम, मशरूम की प्रजाति DMRNBS-559 और फोम मैट विधि द्धारा तैयार सूखे पके केले के पाउडर लोकार्पण किया गया।
कृषि विज्ञान कांग्रेस का लक्ष्य दुनिया भर के प्रमुख शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं, छात्रों, किसानों, उद्यमियों जैसे वर्गों को एक साथ लाना है। ताकि वो कृषि-खाद्य प्रणालियों के सभी विषयों पर अपने शोध निष्कर्षों, विचारों और अनुभवों का एक दूसरे के साथ साझा कर सकें।
भारत बागवानी फसलों और फलों के सकल उत्पादन में दूसरे स्थान पर है। उत्तर प्रदेश के बाद मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल बागवानी उत्पादन में शीर्ष राज्य हैं।
खरीफ़ फसलों की MSP में बढ़ोतरी की गई है। सबसे ज़्यादा MSP में बढ़ोतरी मूंग की फसल में हुई है। देखिए कौन सी फसल पर बढ़ी कितनी एमएसपी।
पर्यावरण को सुरक्षा प्रदान करने का संकल्प लेने के उद्देश्य से ही हर साल विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। आइए जानते हैं पर्यावरण दिवस मनाने का उद्देश्य, क्या है इतिहास और क्या है इस साल की थीम।
मिलेट्स की खेती को देशभर में प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसी कड़ी में कृषि विभाग उत्तराखंड की ओर से चार दिवसीय उत्तराखंड ‘श्री अन्न’ महोत्सव का देहरादून के हाथीबड़कला में आयोजन किया गया। इसमें कई किसानों, स्टार्टअप्स और स्वयं सहायता समूहों ने भाग लिया।
वर्तमान में सूअर पालन युवाओं के बीच सबसे लोकप्रिय व्यवसाय बना हुआ है। वैज्ञानिक तकनीक से सूअर पालन करने को अधिक फ़ायदेमंद माना जाता है। मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय भारत सरकार की ओर से जारी वार्षिक रिपोर्ट 2021- 2022 के अनुसार भारत में कुल सूअरों की संख्या 9.06 मिलियन है।
वैश्विक मिर्च उत्पादन में भारत की 36 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ मसाला उत्पादक का प्रमुख देश है, भारत के कुल मिर्च उत्पादन में 57 प्रतिशत मिर्च उत्पादन आंध्र प्रदेश में होता है
हम लौकी की ऐसी किस्म के बारे में बताने वाले हैं जो अपनी लम्बाई और स्वाद के लिए काफ़ी मशहूर है। इसके बारे में आपने कम ही सुना होगा। लौकी की खेती से जुड़ी और कई बातें हम आपको बताएंगे।