भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् (ICAR) ने इस साल अपने स्थापना के 95 साल पूरे किए हैं। इस मौके पर तीन दिवसीय स्थापना एवं प्रौद्योगिकी दिवस का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरूआत 16 जुलाई को हुई। इसके मुख्य अतिथि कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, अतिथि केन्द्रीय मत्स्य पालन, पशु पालन एवं डेयरी मंत्री पुरषोत्तम रूपाला और केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी रहे।
साथ ही आईसीएआर और कई संस्थानों के कृषि वैज्ञानिक और कई कृषि विश्वविद्यालयों के कुलपति भी मौजूद रहे। इस अवसर पर ICAR के विभिन्न संस्थानों की ओर से तकनीक प्रदर्शनी भी लगाई गई जिसका शुभारम्भ केन्द्रीय मत्स्य पालन, पशु पालन एवं डेयरी मंत्री पुरषोत्तम रूपाला ने किया।
कार्यक्रम का स्वागत सम्बोधन करते हुए आईसीएआर के सचिव संजय गर्ग ने कहा कि आईसीएआर की स्थापना आज़ादी के पहले इम्पीरिकल काउसिल ऑफ़ एग्रीकल्चर रिसर्च के रूप में की गई थी। स्वतंत्रता के बाद आईसीएआर ने बहुत सी चुनौतियों का सामना किया है। उन्होंने कहां देश ने पिछले 6 वर्षों कृषि अनुसंधानों, कृषि वैज्ञानिकों और किसानों के सहयोग से 4.6 प्रतिशत की दर से वार्षिक वृद्धि दर्ज की है। और देश की GDP में कृषि का लगभग 18 प्रतिशत का योगदान है साथ लगभग 50 प्रतिशत वर्क फोर्स कृषि क्षेत्र से आता है।
प्रकाशनों और उत्पादों का किया गया लोकार्पण
स्थापना दिवस के अवसर पर आईसीएआर और उसके संस्थानों के प्रकाशनों के साथ-साथ वैज्ञानिकों के सहयोग से तैयार उत्पादों का लोकार्पण किया गया। जिसमें बागवानी विभाग द्धारा एवोकाडो की प्रजाति अर्का कुर्ग रवि, आम की प्रजाति पूसा दीपशिखा, भिंडी की प्रजाति काशी लालिमा, आलू की प्रजाति कुफरी फ्राईओम, मशरूम की प्रजाति DMRNBS-559 और फोम मैट विधि द्धारा तैयार सूखे पके केले के पाउडर लोकार्पण किया गया।
फसल विज्ञान विभाग के द्धारा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् के विभिन्न संस्थानों द्धारा कुल मिलाकर 8 फसलों की 27 किस्मों का विमोचन किया गया जिसमें धान की 11 किस्में, गन्ना की 8 किस्में, उड़द और मटर की 2-2 किस्में सरसों चने जई दीनानाथ घास की 1-1 किस्में और बौना काला नमक की 2 किस्मों का विमोचन किया गया है।
पशु विज्ञान विभाग द्धारा स्मार्ट सेंसर के माध्यम से पारम्परिक डेयरी उत्पादों की वास्तिविक समय गुणवक्ता का मूल्यांकन करने वाली किट विकशित की गई है जिसे LFA किट और ICAR-CSWRI द्धारा विकशित फैब्रिक ग्रो सैम्पलिंग बैग का भी विमोचन किया गय इसके माध्यम से सिंगल यूज प्लास्टिक की रीपलेसमेंट हो सकती है और प्लास्टिक प्रदूषण को रोकने में सहायक होगी। ICAR और उसके संस्थानों के वैज्ञानिकों के द्धारा विकशित की गई किस्मों, तकनीकों के लिए कृषि वैज्ञानिकों को संमानित भी किया गया है।
हिमांशु पाठक ने बताया आईसीएआर की उपलब्धियां
आईसीएआर के महानिदेशक हिमांशु पाठक ने ICAR की उपलब्धियों को बताते हुए कहां कि भारत में सम्पूर्ण विश्व की लगभग 2.3 प्रतिशत भूमि पायी जाती है, जहां लगभग 140 मिलियन हैक्टेयर भूमि पर खेती होती है। भारत में 86 प्रतिशत लघु और सीमांत किसान हैं और ऐसे करोड़ो किसान हैं जिनके पास खेती नहीं है, लेकिन दूसरों के खेतों में फसल उत्पादन का कार्य करते हैं।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद 250 से अधिक फसलों पर काम करता है। यही कारण है कि विश्व की 18 प्रतिशत आबादी वाला देश 2020-21 में लगभग US$50 बिलियन का निर्यात कर विश्व के टॉप 5 निर्यातक देशों में शामिल हुआ। साथ ही जनसंख्या और पशुधन के हिसाब से भारत पहले स्थान पर है। इस साल अनाज का उत्पादन 330 मिलियन टन से अधिक है और बागवानी का उत्पादन 347.2 मिलियन टन के आस-पास है।
भारत दूध, दाले, चाय, मसालों, जूट और केला उत्पादन सहित अन्य उत्पादन में सम्पूर्ण विश्व में पहले स्थान पर है वहीं चावल, गेहूं, फलों, सब्जियों और गन्ना उत्पादन के साथ अन्य उत्पादन में भारत पूरे विश्व में दूसरे स्थान पर है। कृषि क्षेत्र में भारत का पिछले 6 साल में 4.6 प्रतिशत ग्रोथ रेट के साथ खाद्यान्न की उत्पादकता भी बढ़ी है सन् 1970 जो उत्पादकता 0.7 टन प्रति हैक्टेयर था वो सन् 2022 में 2.4 टन हेक्टेयर पहुंच गया है। प्रति व्यक्ति प्रतिदिन फूड की उपलब्धता जो 1950- 51 के आस पास जो 800 ग्राम होता था वह बढ़ कर प्रति व्यक्ति प्रतिेदिन फूड की उपलब्धता 2किलो के पहुंच गई है ।
विश्व में सबसे बड़ा कृषि अनुसंधान केन्द्र है ICAR
17 निजी कंपनियों के साथ एमओयू पर हुए हस्ताक्षर
पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी मॉडल) के लिए आईसीएआर ने 17 निजी कंपनियों के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किया है जो ICAR के सभी केन्द्रों, संस्थानों, कृषि अनुसंधानों, शिक्षा और विस्तार सेवाओं के लिए निजी क्षेत्रों के साथ साझेदारी में काम करेंगे।इसके लिए सारे नियम तैयार बना लिए गए हैं जिन्हें जल्द ही लागू कर दिया जाएगा।
सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।