Agriculture Drone क्या है? कृषि ड्रोन में सब्सिडी के लिए कौन सी योजनाएं चलाई जा रही हैं?

Agriculture Drone की खरीद के लिए महिला समूह को ड्रोन की कीमत का 80 प्रतिशत या अधिकतम 8 लाख रुपये तक की मदद दी जा रही है। योजना के तहत SC-ST, छोटे व सीमांत, महिलाओं और पूर्वोत्तर राज्यों के किसानों को ड्रोन का 50 प्रतिशत या अधिकतम 5 लाख रुपये अनुदान दिया जा रहा है।

Agriculture Drone कृषि ड्रोन

कृषि क्षेत्र में दिन प्रतिदिन नई-नई तकनीकें आ रही हैं जो खेती-किसानी को आसान बना देती हैं। नई-नई टेक्नोलॉजी के चलते कृषि ड्रोन (Agriculture Drone) की मांग बढ़ रही है। नैनो यूरिया और नैनो डीएपी लॉन्च होने के बाद से इनके छिड़काव के लिए कृषि ड्रोन (Agriculture Drone) का उपयोग किया जा रहा है। इसके माध्यम से किसान बड़ी आसानी से अपनी फसलों में, बाग-बगीचो में तरल यूरिया, डीएपी और विभिन्न प्रकार के कीटनाशक दवाओं का छिड़काव कर सकते हैं।

कृषि ड्रोन के फ़ायदे (Benefits Of Agriculture Drone)

IARI के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. रबी नारायण साहू किसान ऑफ़ इडिया के संवाददाता सर्वेश बुंदेली से बाद करते हुए बताते हैं कि कृषि ड्रोन तकनीक की सहायता से किसान अपने खेतों में मैपिंग कर सकते हैं। किसान ड्रोन के विभिन्न सेंसरों की सहायता से पता लगा सकते हैं कि हमारी फसल में कौन से रोग लग रहे हैं। उसी हिसाब से किसान अपनी फसलों में खाद, दवा का छिड़काव कर सकते हैं और खुद को आर्थिक नुकसान से बचा सकते हैं।

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कृषि ड्रोन के लिए सरकार की योजनाएं (Agriculture Drone Schemes)

कृषि ड्रोन को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार विभिन्न प्रकार की योजनाएं चला रही हैं। इन योजनाओं के अन्तर्गत किसानों के लिए ड्रोन प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। साथ ही अनुदान पर किसानों को कृषि ड्रोन (Agriculture Drone) भी उपलब्ध करवाया जा रहा है।

किसान ड्रोन योजना (Kisan Drone Yojana)

किसान ड्रोन योजना की शुरुआत 19 फरवरी 2022 को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के 100 अलग–अगल स्थानों पर की थी। इस योजना के तहत केंद्र सरकार किसानों को ड्रोन उड़ाने का प्रशिक्षण देती है।

ये प्रशिक्षण किसानों को कृषि विज्ञान केंद्रों और कृषि महाविद्यालयों में दिया जा रहा है। योजना के तहत SC-ST, छोटे व सीमांत, महिलाओं और पूर्वोत्तर राज्यों के किसानों को ड्रोन की खरीद पर का 50 प्रतिशत या अधिकतम 5 लाख रुपये पर अनुदान दिया जा रहा है।

इस योजना के तहत अन्य किसानों को 40 प्रतिशत अनुदान या कहें कि अधिकतम 40 लाख रुपये और अगर बात किसी किसान उत्पादन संगठन या कहें कि FPO की करें तो उन्हें कृषि ड्रोन खरीदने पर 75 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है।

बात करें कृषि मशीनरीकरण पर उप मशीन के तहत मान्यता प्राप्त कृषि ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट या कृषि विज्ञान केंद्रों की तो उन्हें पूरे 100 प्रतिशत अनुदान के साथ कृषि ड्रोन उपलब्ध कराये जा रहे हैं।

इस योजना का लाभ लेने के लिए किसान को अपने राज्य की संबंधित एग्रीकल्चर विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन करना होगा। आवेदन की प्रक्रिया राज्य के अनुसार ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों तरह की हो सकती है।

ड्रोन दीदी योजना (Drone Didi Yojana) 

बात करें ड्रोन दीदी योजना की तो इसकी शुरुआत देश के प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने 30 नवंबर 2023 को की। इस योजना के तहत 15 हज़ार ड्रोन के वितरण का लक्ष्य रखा गया है, जिसके लिए सरकार 1261 करोड़ रुपये खर्च करेगी। बता दें कि 15 अगस्त 2023 को देश के प्रधानमंत्री ने लाल किले से ‘स्वयं सहायता समूह’ को ड्रोन टेक्नोलॉजी से सशक्त बनाने की घोषणा की थी।

इस योजना के तहत ड्रोन की खरीद के लिए महिला समूह को ड्रोन की कीमत का 80 प्रतिशत या अधिकतम 8 लाख रुपये तक की मदद दी जा रही है। बाकी शेष राशि कृषि इन्फ्रा वित्तपोषण सुविधा के तहत बतौर लोन के रूप में मिल सकेगी। जिस पर 3 फीसदी ब्याज सब्सिडी भी दी जाएगी।

इस योजना के तहत महिला ड्रोन पायलट को 10 से 15 गांव का एक क्लस्टर बनाकर ड्रोन दिया जाएगा, जिसमें एक महिला को ड्रोन सखी के रूप में चुना जाएगा। चुनी गई ड्रोन सखी को 15 दिन का ड्रोन प्रशिक्षण दिया जाता है, साथ ही महिला ड्रोन पायलट को 15 हज़ार रुपये प्रतिमाह वेतन भी दिया जाता है।

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कृषि ड्रोन के प्रकार और कार्य (Types Of Agriculture Drones)

कृषि क्षेत्र में ड्रोन (Drone) के प्रकार उनके काम के आधार पर हैं, जैसे-

  • छिड़काव करने वाले ड्रोन, जिसके माध्यम से 1 एकड़ भूमि पर 7 से 10 मिनट में आसानी से खाद-उर्वरकों और कीटनाशकों का छिड़काव कर सकते हैं।
  • मैपिंग ड्रोन, किसान फसलों की मैपिंग जैसे फसल सेहत की पहचान करना, पानी की आवश्यकता का पता लगाना और मिट्टी का विश्लेषण करने में सहायक है।
  • निगरानी ड्रोन या Monitoring Drone की बात करें तो थर्मल सेंसर और मल्टीस्पेक्ट्रल कैमरों से युक्त ये ड्रोन फसल के तापमान में होने वाले बदलाव का पता आसानी से लगा लेते हैं।
  • सीडिंग ड्रोन की बात करें तो ये खेतों में बीज बोने में सहायक है। इसके माध्यम से बुवाई करने पर बीजों की बर्बादी कम होती है।
  • मौसम ड्रोन की बात करें कि तो ये ड्रोन तापमान, आर्द्रता, हवा की गति और बारिश सहित वास्तविक समय का वायुमंडलीय डेटा इकट्ठा करने में मददगार है। ये ड्रोन मौसम परिवर्तन के अनुसार सिंचाई, कटाई और फसलों के प्रबंधन में मदद करता है।

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पहली बार कृषि ड्रोन की घोषणा

1 फरवरी 2022 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में वित्त साल 2022-23 के लिए सयुंक्त बजट पेश करते वक्त, बजट भाषण के दौरान बताया कि सरकार फसल मूल्यांकन, भूमि अभिलेखों के डिजिटलीकरण और कीटनाशकों के छिड़काव के लिए कृषि ड्रोन के उपयोग को बढ़ावा देगी।

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