Mushroom Cultivation with Banana: केले के साथ मशरूम की खेती करके किसान कमा सकते हैं अधिक मुनाफ़ा

केले के साथ मशरूम की खेती (Mushroom Cultivation with Banana) से किसान अतिरिक्त आय कमा सकते हैं और केले के अपशिष्ट का बेहतर उपयोग कर सकते हैं।

Mushroom Cultivation with Banana केले के साथ मशरूम की खेती

भारत के किसानों के लिए केले की खेती एक बहुत ही लाभदायक व्यवसाय साबित हो सकता है। यह न सिर्फ़ अच्छी आमदनी का स्रोत है, बल्कि कृषि प्रणाली के लिए एक महत्वपूर्ण फ़सल भी है। आज हम आपको बताएंगे कि कैसे केले की खेती और इससे जुड़े विविध उपयोग आपकी आर्थिक और पोषण स्थिति को मज़बूत कर सकते हैं।

भारत दुनिया में केले का सबसे बड़ा उत्पादक देश है। केला अपनी छोटी विकास अवधि और उच्च उत्पादन क्षमता के कारण अधिक आय देने वाली फ़सल है। इसके हर हिस्से – फल, पत्तियां, फूल की कलियां, तना और छद्म तना का प्रभावी उपयोग किया जा सकता है।

कृषि प्रणाली में केले का महत्व (Importance of Banana in Agriculture System)

बागवानी आधारित कृषि प्रणालियां भारत के कृषि परिवर्तन में अहम भूमिका निभाती हैं। ये न सिर्फ़ आर्थिक और सामाजिक लाभ प्रदान करती हैं, बल्कि पर्यावरण को भी फ़ायदा पहुंचाती हैं। केले की खेती इस प्रणाली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो किसानों को अच्छी आमदनी देने के साथ-साथ पोषण सुरक्षा भी प्रदान करती है। भारतीय कृषि प्रणाली अनुसंधान संस्थान, मोदीपुरम, मेरठ में 0.70 हेक्टेयर क्षेत्र में एक समेकित कृषि मॉडल विकसित किया गया है। इस मॉडल में केले की खेती को कृषि-बागवानी प्रणाली (0.04 हेक्टेयर) के रूप में शामिल किया गया है।

केले के साथ अंतर फ़सली खेती (Intercropping with Banana)

जुलाई में 2×2 मीटर की दूरी पर लगाए गए मोन्थन केले के पौधे 13-14 महीनों में फल देना शुरू कर देते हैं। केले की खेती के साथ मटर और सोयाबीन जैसी सब्जियों की अंतरफ़सली खेती की जा सकती है। इससे जमीन का पूरा उपयोग होता है और किसान को अतिरिक्त आमदनी मिलती है। इस मॉडल से प्राप्त परिणाम बताते हैं कि केले से 0.04 हेक्टेयर में 580 किलोग्राम उपज प्राप्त हुई। यह उपज परिवार के खाने के साथ-साथ बाज़ार में बेचकर अतिरिक्त आय का स्रोत भी बन सकती है।

केले के साथ मशरूम की खेती (mushroom cultivation with banana)

केले के साथ मशरूम की खेती (Mushroom Cultivation with Banana) एक नवीन पद्धति है जिससे किसान अतिरिक्त लाभ कमा सकते हैं। केले के पौधों से प्राप्त अपशिष्ट मशरूम की खेती में सब्सट्रेट के रूप में उपयोग करने की अच्छी क्षमता रखता है। किसान मोन्थन किस्म के केले की पत्तियों का उपयोग प्लुरोटस फ्लोरिडा मशरूम (ढिंगरी मशरूम या ऑयस्टर मशरूम) के उत्पादन के लिए कर सकते हैं। केले के साथ मशरूम की खेती (Mushroom Cultivation with Banana) से न सिर्फ़ अतिरिक्त आय होती है, बल्कि केले के अपशिष्ट का भी अच्छा उपयोग हो जाता है।

फ़सल कटाई के बाद, केले के छद्म तने और पत्तियों में लिग्नोसेल्युलोसिक फाइबर की उच्च मात्रा पाई जाती है, जो खाद्य मशरूम के विकास के लिए आदर्श है। हालांकि, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में केले के साथ मशरूम की खेती (Mushroom Cultivation with Banana) की तकनीक अभी कम विकसित है और इसे और परिष्कृत करने की आवश्यकता है।

केले में पोषक तत्वों का पुनर्चक्रण (Nutrient Recycling in Bananas)

केले की फ़सल के अवशेष पोषक तत्वों का एक सस्ता और प्रभावी स्रोत होते हैं। केले की खेती के बाद बचे अवशेषों का उपयोग खाद बनाने के लिए किया जा सकता है। इससे मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है और पर्यावरण का भी संरक्षण होता है। अध्ययन से पता चला है कि केले की खेती के 0.04 हेक्टेयर क्षेत्र से कुल 8.07 किलोग्राम नाइट्रोजन, 1.64 किलोग्राम फॉस्फोरस और 18.12 किलोग्राम पोटाश बचाया जा सकता है। यह पोषक तत्वों की बचत होती है और खेती की लागत को कम करता है।

केले का मूल्य संवर्धन (value addition of banana)

केले की खेती से प्राप्त फलों का प्रसंस्करण करके विभिन्न उत्पाद बनाए जा सकते हैं। मोन्थन केला एक बहुमुखी फल है जिसे चिप्स, अचार, जैम और स्क्वैश जैसे उत्पादों में प्रसंस्करित किया जा सकता है। हरे केले के जैम, केले की चटनी, केले का अचार और केले से बना सॉस जैसे उत्पाद बनाकर किसान अपनी आय बढ़ा सकते हैं। अध्ययन से पता चला है कि केले से बने प्रसंस्करित उत्पादों से 0.8 से 8.5 गुना तक अधिक आय प्राप्त की जा सकती है।

आर्थिक फ़ायदे (Economic Benefits)

केले की खेती आधारित कृषि-बागवानी मॉडल से किसानों को अच्छा आर्थिक लाभ मिल सकता है। इस मॉडल से 344,785 रुपये का सकल रिटर्न और 181,324 रुपये का शुद्ध रिटर्न मिल सकता है। केले के साथ मशरूम की खेती (Mushroom Cultivation with Banana) और केले के मूल्य संवर्धन से किसान अपनी आय को और बढ़ा सकते हैं। यह मॉडल 4 सदस्यी परिवार के लिए भोजन, चारा और आय की आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम है।

रामसिंह यादव किसान (Ram Singh Yadav is a farmer)

रामसिंह यादव, मेरठ के एक किसान, पहले परंपरागत खेती करते थे और उन्हें बहुत कम मुनाफ़ा होता था। केले की खेती शुरू करने के बाद, उनकी आय में काफी वृद्धि हुई। वे बताते हैं, “केले की खेती से मुझे न सिर्फ़ अच्छी आमदनी मिली, बल्कि मैंने केले के साथ मशरूम की खेती (Mushroom Cultivation with Banana) भी शुरू की, जिससे मेरी आय दोगुनी हो गई।” रामसिंह ने आगे कहा, “मैंने केले के अवशेषों से खाद भी बनाई और केले से विभिन्न उत्पाद जैसे चिप्स और अचार बनाकर बेचे। इससे मेरी आमदनी में और इजाफा हुआ।”

निष्कर्ष (Conclusion)

केले की खेती किसानों के लिए एक लाभदायक व्यवसाय है जो न सिर्फ़ अच्छी आमदनी प्रदान करता है, बल्कि पोषण सुरक्षा भी सुनिश्चित करता है। केले के साथ मशरूम की खेती (Mushroom Cultivation with Banana) और केले के मूल्य संवर्धन से किसान अपनी आय को और बढ़ा सकते हैं।

केले के हर हिस्से का उपयोग करके और इसके अवशेषों से पोषक तत्वों का पुनर्चक्रण करके, किसान अपने संसाधनों का अधिकतम उपयोग कर सकते हैं और टिकाऊ कृषि प्रथाओं को बढ़ावा दे सकते हैं। भारतीय कृषि प्रणाली अनुसंधान संस्थान द्वारा विकसित मॉडल से पता चलता है कि केले की खेती कृषि प्रणाली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो किसानों की आर्थिक स्थिति को मज़बूत कर सकता है।

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