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भारत में ग्रामीण कार्यबल (Rural Workforce) का बड़ा हिस्सा कृषि और उससे जुड़े क्षेत्रों में कार्यरत है। हालांकि, इस कार्यबल की केंद्रीय रूप से कोई सही गणना नहीं की जाती है।
फिर भी, सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) से जुड़े राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) की ओर से किए गए आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (Periodic Labour Force Survey) से कृषि और इससे संबंधित क्षेत्रों में लगे श्रमिकों की स्थिति का आकलन किया जाता है।
National Bank for Agriculture and Rural Development (NABARD) द्वारा किए गए ‘नाबार्ड अखिल भारतीय ग्रामीण वित्तीय समावेशन सर्वेक्षण (All India Rural Financial Inclusion Survey)’ के अनुसार, कृषि वर्ष 2016-17 में कृषि कार्य करने वाले परिवारों की संख्या 48 प्रतिशत थी, जो 2021-22 में बढ़कर 56.7 फीसदी हो गई। जो ये दिखाता है कि कृषि क्षेत्र में श्रमिकों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है, जिससे ये क्षेत्र भारत की अर्थव्यवस्था (Economy of India) में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
पीएलएफएस सर्वेक्षण वर्ष | कृषि में लगे श्रमिकों का प्रतिशत |
2020-21 | 46.5 |
2021-22 | 45.5 |
2022-23 | 45.8 |
कृषि क्षेत्र में सरकारी योजनाएं
किसानों की आय बढ़ाने और कृषि क्षेत्र को सुदृढ़ बनाने के लिए भारत सरकार कई योजनाएं संचालित कर रही है। प्रमुख योजनाएं इस प्रकार हैं:
1. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN)
ये योजना छोटे और सीमांत किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए शुरू की गई है, जिसमें पात्र किसानों को हर साल 6,000 रुपये की सहायता तीन किश्तों में दी जाती है।
2. प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना (PM-KMY)
यह योजना वृद्धावस्था में किसानों को आर्थिक सुरक्षा देने के लिए शुरू की गई है, जिसके तहत 60 वर्ष की आयु के बाद किसानों को प्रतिमाह 3,000 रुपये की पेंशन मिलती है।
3. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY)
इस योजना का उद्देश्य किसानों को प्राकृतिक आपदाओं के कारण होने वाले नुकसान से बचाना है। इसके तहत न्यूनतम प्रीमियम पर बीमा कवर दिया जाता है।
4. कृषि अवसंरचना कोष (AIF)
इस योजना के तहत किसानों, किसान उत्पादक संगठनों (FPOs) और स्टार्ट-अप्स को कृषि संबंधी बुनियादी ढांचा जैसे कोल्ड स्टोरेज, गोदाम और प्रसंस्करण इकाइयों के निर्माण के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
5. 10,000 नए किसान उत्पादक संगठनों (FPOs) का गठन
किसानों को एकजुट करने और उनके सामूहिक विकास को सुनिश्चित करने के लिए इस स्कीम की शुरुआत की गई। इससे किसानों की बाजार तक पहुंच बढ़ेगी और उनकी आय में बढ़ोत्तरी होगी।
6. राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन और शहद मिशन (NBHM)
ये स्कीम मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने और किसानों को अतिरिक्त आय का साधन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से काम करती है।
7. राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन (NMNF)
ये मिशन जैविक और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देता है, जिससे रासायनिक उर्वरकों पर निर्भरता कम हो और मिट्टी की गुणवत्ता बनी रहे।
8. स्टार्ट-अप्स और ग्रामीण उद्यमों के लिए कृषि कोष (Agri SURE)
इस योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि आधारित स्टार्ट-अप्स को वित्तीय सहायता और तकनीकी मार्गदर्शन दिया जाता है।
9. कृषि मशीनीकरण उप-मिशन (SMAM)
कृषि मशीनीकरण को बढ़ावा देने के लिए ये स्कीम किसानों को सब्सिडी पर आधुनिक कृषि उपकरण उपलब्ध कराती है।
10. परम्परागत कृषि विकास योजना (PKVY)
जैविक खेती (Organic Farming) को प्रोत्साहित करने और किसानों को इससे जोड़ने के लिए यह योजना चलाई जा रही है।
ग्रामीण कार्यबल के लिए कौशल विकास कार्यक्रम
सरकार ग्रामीण युवाओं के कौशल प्रशिक्षण (एसटीआरवाई) को भी संचालित कर रही है। इसका उद्देश्य ग्रामीण युवाओं और किसानों को कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में अल्पावधि कौशल प्रशिक्षण (सात दिन की अवधि) प्रदान करना है, ताकि उनके ज्ञान और कौशल की उन्नति हो सके और ग्रामीण क्षेत्रों में मजदूरी/स्वरोजगार को बढ़ावा मिले।
इस घटक का उद्देश्य कुशल श्रमशक्ति की एक सूची बनाने के लिए कृषि आधारित व्यावसायिक क्षेत्रों में महिला किसानों सहित ग्रामीण युवाओं को अल्पावधि कौशल आधारित प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रदान करना है।
हाल ही में, एसटीआरवाई कार्यक्रम को कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन एजेंसी (एटीएमए) कैफेटेरिया के अंतर्गत शामिल कर लिया गया है।
कृषि अवसंरचना कोष और ग्रामीण कृषि की मज़बूती
कृषि अवसंरचना कोष (Agri Infra Fund) ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि आधारित उद्योगों के विकास के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ये कोल्ड स्टोरेज, गोदाम और प्रोसेसिंग यूनिट्स के निर्माण के लिए वित्तीय सहायता और रियायती दर पर ऋण देता है।
इसका उद्देश्य किसानों को बेहतर भंडारण सुविधा, बाजार तक आसान पहुंच और कृषि उत्पादकता में विस्तार करना है।
वित्तीय सहायता और कम ब्याज दर पर ऋण प्रदान करना
कृषि अवसंरचना कोष (एग्री इंफ्रा फंड) गांवों में कृषि आधारित उद्योगों का विस्तार करने में मदद करता है। ये कोल्ड स्टोरेज, गोदामों और प्रोसेसिंग इकाइयों जैसे बुनियादी ढांचे के विकास के लिए वित्तीय सहायता और कम ब्याज दर पर ऋण प्रदान करता है।
ये कोष आधुनिक कृषि पद्धतियों और प्रौद्योगिकी अपनाने, उत्पादकता बढ़ाने और विभिन्न कृषि आधारित क्षेत्रों में विविधीकरण को बढ़ावा देने का समर्थन करता है।
किसानों, एफपीओ और स्टार्ट-अप के बीच उद्यमशीलता को बढ़ावा
इसका उद्देश्य ग्रामीण कृषि को बदलना, बाजार तक पहुंच बढ़ाना और किसानों की आजीविका में सुधार करना है। यह किसानों, एफपीओ और स्टार्ट-अप के बीच उद्यमशीलता को प्रोत्साहित करता है, जिससे रोजगार के अवसर पैदा होते हैं।
इसके बारें में कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर ने राज्य सभा में एक सवाल के लिखित जवाब में दी।
कृषि कार्यबल का विस्तार और उसकी कुशलता
भारत सरकार की ओर से चलाई जा रही योजनाएं और कार्यक्रम कृषि क्षेत्र को सशक्त बनाने और किसानों की आय बढ़ाने में सहायक साबित हो रही हैं।
कृषि कार्यबल का विस्तार और उसकी कुशलता में वृद्धि, ग्रामीण अर्थव्यवस्था के समग्र विकास में सहायक होगी।
सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।
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