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मछली पालन और डेयरी क्षेत्र के लिए सरकार की योजनाएं देशभर के किसानों और मछुआरों को बेहतर आर्थिक स्थिति में लाने का एक सशक्त उपाय साबित हो रही हैं। भारत सरकार की Ministry of Fisheries, Animal Husbandry and Dairying द्वारा लागू की गई विभिन्न योजनाओं ने मछुआरों और डेयरी किसानों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इनमें से एक प्रमुख योजना है प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (PMMSY), जो विशेष रूप से गहरे समुद्र में मछली पकड़ने वाले मछुआरों के लिए बीमा और अन्य लाभ प्रदान करती है।
प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (PMMSY) और उसके लाभ
प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (PMMSY) का उद्देश्य मछली पालन और मरीन संसाधनों का सतत उपयोग बढ़ाना है। इस योजना के तहत मछुआरों को कई सुविधाएं दी जाती हैं, जिनमें बीमा कवर भी शामिल है। खासकर गहरे समुद्र में मछली पकड़ने वाले मछुआरों के लिए यह योजना एक सुरक्षा कवच का काम करती है।
इस योजना के तहत मछुआरों को Accidental Insurance मिलता है, जिसमें केंद्र और राज्य सरकार पूरी बीमा प्रीमियम राशि का भुगतान करती है। मछुआरों को इस योजना के तहत किसी भी दुर्घटना के कारण 5,00,000 रुपये की मृत्यु या स्थायी विकलांगता पर मुआवजा मिलता है। इसके अलावा, स्थायी आंशिक विकलांगता के लिए 2,50,000 रुपये और दुर्घटना में अस्पताल में भर्ती होने पर 25,000 रुपये तक का खर्च सरकार द्वारा उठाया जाता है।
इसके साथ ही प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (PMMSY) योजना के तहत मछुआरों के लिए कई अन्य सामाजिक सुरक्षा योजनाएं भी लागू की गई हैं, जिनमें मछली पकड़ने के जहाजों के लिए insurance subvention scheme का प्रावधान है। इस योजना के माध्यम से मछुआरों को प्राकृतिक आपदाओं और दुर्घटनाओं से होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए बीमा कवर मिलता है।
समुद्री मछुआरों को मिलेगा सुरक्षा कवच
समुद्र में मछली पकड़ने वाले मछुआरों के लिए प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (PMMSY) एक महत्वपूर्ण पहल है। गहरे समुद्र में मछली पकड़ने का काम जोखिमपूर्ण होता है, और ऐसे में बीमा कवर मछुआरों के लिए एक सुरक्षा की तरह काम करता है। इस बीमा योजना के तहत मछुआरों को 2% प्रीमियम दर पर मछली पकड़ने वाले जहाजों के लिए बीमा दिया जाता है, जो प्राकृतिक आपदाओं और दुर्घटनाओं से होने वाले नुकसान का हिस्सा उठाता है।
सरकार द्वारा इस बीमा योजना को लागू करने से मछुआरों को आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलती है, क्योंकि उन्हें किसी अप्रत्याशित घटना से होने वाले वित्तीय नुकसान का सामना नहीं करना पड़ता। इसके अलावा, प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (PMMSY) योजना के तहत मछुआरों के लिए प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण कार्यक्रम भी चलाए जाते हैं। इनमें मछली पालन, मरीन कल्चर, सीवीड कल्चर, और अन्य आधुनिक मछली पालन तकनीकों पर प्रशिक्षण दिया जाता है, जो मछुआरों को नवीनतम तकनीकों से परिचित कराता है।
Fisheries and Aquaculture Infrastructure Development Fund (FIDF) का समर्थन
मछली पालन और मछली पकड़ने के क्षेत्र में इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए भी भारत सरकार की तरफ से महत्वपूर्ण योजनाएं लागू की गई हैं। Fisheries and Aquaculture Infrastructure Development Fund (FIDF) के तहत 7522.48 करोड़ रुपये का कोष उपलब्ध कराया गया है, जिसका उद्देश्य मछली पालन क्षेत्र में संरचनात्मक विकास करना है।
यह कोष मछली पकड़ने के हैबर्स, फिश लैंडिंग सेंटर्स, कोल्ड स्टोरेज जैसे बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए उपयोग किया जाता है। इसके अलावा, यह कोष मछली के प्रसंस्करण इकाइयों, फिश फीड मिल्स, और मरीन फिन-फिश हैचरीज जैसे प्रोजेक्ट्स के लिए भी प्रयोग में लाया जाता है। FIDF के तहत मछुआरों को ब्याज पर छूट मिलती है, जिससे उन्हें बुनियादी ढांचे के निर्माण में मदद मिलती है।
Supporting Dairy Cooperatives and Farmer Producer Organizations (SDCFPO): डेयरी क्षेत्र में भी समर्थन
भारत सरकार की योजना Supporting Dairy Cooperatives and Farmer Producer Organizations (SDCFPO) के तहत भी किसानों को सहकारी डेयरी समितियों और किसान उत्पादक संगठनों के माध्यम से सहायता दी जाती है। इस योजना के अंतर्गत, सरकार डेयरी उत्पादन को बढ़ावा देने और मछली पालन के साथ-साथ किसानों की आय बढ़ाने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है।
National Programme for Dairy Development (NPDD) और Dairy Processing and Infrastructure Development Fund (DIDF)
इसके अतिरिक्त, National Programme for Dairy Development (NPDD) और Dairy Processing and Infrastructure Development Fund (DIDF) जैसी योजनाएं भी किसानों और डेयरी क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इन योजनाओं के तहत सरकार डेयरी क्षेत्र में आधुनिकीकरण, प्रसंस्करण और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए परियोजनाओं को मंजूरी देती है।
वर्ष 2021-22 से 2025-26 की अवधि के दौरान मत्स्य पालन और डेयरी क्षेत्र के विकास के लिए कार्यान्वित विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत वर्ष-वार बजट आवंटन:
वर्ष (Year) | बीई (BE) | आरई (RE) | व्यय (Expenditure) |
I. प्रधान मंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY), | |||
2021-22 | 1000 | 1200 | 1169.19 |
2022-23 | 1879 | 1410 | 1169.86 |
2023-24 | 2000 | 1500 | 1148.88 |
2024-25 | 2352 | 1500 | 989.32* |
2025-26 | 2465 | ||
II. मत्स्य पालन और जलीय कृषि अवसंरचना विकास निधि (FIDF) | |||
2021-22 | 1500 | 1000 | 1000 |
2022-23 | 1200 | 1200 | 1200 |
2023-24 | 2500 | 2500 | 2440 |
2024-25 | 3000 | 2500 | 625 |
2025-26 | 3000 | – |
वर्ष (Year) | बीई (BE) | आरई (RE) | व्यय (Expenditure) |
III. राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम (NPDD) | |||
2021-22 | 255 | 402.9 | 402.9 |
2022-23 | 340.01 | 220 | 219.4 |
2023-24 | 326.93 | 371 | 370.83 |
2024-25 | 371 | 450 | 420.29* |
2025-26 | |||
IV. डेयरी प्रसंस्करण और अवसंरचना विकास निधि (DIDF) | |||
2021-22 | 49 | 10 | |
2022-23 | 100 | 23.52 | |
2023-24 | 40 | 40 | |
2024-25 | 100 | 51.26* | |
2025-26 | 100 | —- | |
V. डेयरी सहकारी समितियों और किसान उत्पादक संगठन समर्थन (SDCFPO) | |||
2021-22 | 100 | 130 | 130 |
2022-23 | 100 | 100 | 100 |
2023-24 | 100 | 121 | 117.75 |
2024-25 | 100 | 100 | 100.00 (असाइनमेंट) |
2025-26 | 100 |
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) के तहत राज्यवार जारी निधियों का विवरण (2020-21 से 2024-25 तक)
📌 (राशि: लाख रुपये में)
क्र.सं. | राज्य/केंद्र शासित प्रदेश | कुल परियोजना लागत | केंद्रीय हिस्सा | जारी की गई निधि |
1 | अंडमान और निकोबार | 5867.1 | 3122.53 | 696.7 |
2 | आंध्र प्रदेश | 239872.67 | 55910.38 | 48211.79 |
3 | अरुणाचल प्रदेश | 20028.09 | 13232.27 | 9847.62 |
4 | असम | 53962.88 | 29682.11 | 20731.89 |
5 | बिहार | 54712.98 | 17365.23 | 7928.31 |
6 | छत्तीसगढ़ | 92338.45 | 30404.41 | 20569.4 |
7 | दादरा और नगर हवेली | 13516.89 | 6800.65 | 178.9 |
8 | दिल्ली | 533.25 | 286.08 | 163.3 |
9 | गोवा | 11616.49 | 4849.74 | 4405.68 |
10 | गुजरात | 96068.53 | 29277.71 | 6516.7 |
11 | हरियाणा | 76086.75 | 26216.03 | 10151.73 |
12 | हिमाचल प्रदेश | 15388.15 | 7861.5 | 3813.69 |
13 | जम्मू और कश्मीर | 15019.86 | 7773.04 | 7961.8 |
14 | झारखंड | 43856.06 | 14818.28 | 11570.76 |
15 | कर्नाटक | 105634.95 | 36350.59 | 35958.72 |
16 | केरल | 135811.54 | 57628.59 | 31842.33 |
17 | लद्दाख | 3374.6 | 2036.76 | 1016.99 |
18 | लक्षद्वीप | 6763.48 | 4458.13 | 1419.12 |
19 | मध्य प्रदेश | 89925 | 29449.98 | 19013.71 |
20 | महाराष्ट्र | 144767.36 | 54426.66 | 27877.83 |
21 | मणिपुर | 20181.7 | 9584.33 | 2944.63 |
22 | मेघालय | 13262.36 | 7425.73 | 3596.21 |
23 | मिजोरम | 14785.8 | 8128.27 | 6347.38 |
24 | नागालैंड | 16368.38 | 10543.52 | 6709.46 |
25 | ओडिशा | 113867.6 | 46425.75 | 25983.27 |
26 | पुडुचेरी | 33866.46 | 22996.05 | 5713.91 |
27 | पंजाब | 16792.95 | 4514.79 | 2476.27 |
28 | राजस्थान | 7095.14 | 2372.65 | 864.12 |
29 | सिक्किम | 7827.43 | 4681.43 | 3300.05 |
30 | तमिलनाडु | 115284.67 | 44535.55 | 13631.12 |
31 | तेलंगाना | 34117.09 | 10842.16 | 9582.93 |
32 | त्रिपुरा | 25862.81 | 14762.41 | 5859.84 |
33 | उत्तर प्रदेश | 129432.1 | 41230.99 | 28911.7 |
34 | उत्तराखंड | 32297.07 | 16667.37 | 8780.37 |
35 | पश्चिम बंगाल | 54439.43 | 22554.7 | 5075.97 |
कुल | 18,606,26.07 | 6,992,16.37 | 3,996,54.2 |
मत्स्य पालन क्षेत्र में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए अब तक मत्स्य पालन और जलीय कृषि अवसंरचना विकास निधि (FIDF) के तहत स्वीकृत परियोजनाओं का राज्य/केंद्रशासित प्रदेशवार विवरण:
क्र. सं. | राज्य का नाम | स्वीकृत परियोजनाओं की संख्या | कुल परियोजना लागत | ब्याज अनुदान के लिए पात्र राशि |
1 | आंध्र प्रदेश | 10 | 1396.83 | 653.06 |
2 | अरुणाचल प्रदेश | 1 | 0.68 | 0.54 |
3 | असम | 1 | 0.41 | 0.18 |
4 | गोवा | 1 | 6.42 | 5 |
5 | गुजरात | 5 | 1354.92 | 750 |
6 | हरियाणा | 1 | 1.17 | 0.64 |
7 | हिमाचल प्रदेश | 1 | 5.17 | 5 |
8 | जम्मू और कश्मीर | 2 | 120.7 | 93.17 |
9 | कर्नाटक | 2 | 1.44 | 0.79 |
10 | केरल | 3 | 162.82 | 151.2 |
11 | महाराष्ट्र | 13 | 1031.3 | 770.25 |
12 | मणिपुर | 4 | 1.15 | 0.9 |
13 | मिजोरम | 1 | 8.57 | 6.85 |
14 | ओडिशा | 4 | 60.18 | 33.83 |
पुदुचेरी | 1 | 2.46 | 1.97 | |
15 | तमिलनाडु | 66 | 1576.08 | 1337.81 |
16 | तेलंगाना | 1 | 4.7 | 2.31 |
17 | उत्तर प्रदेश | 1 | 0.22 | 0.09 |
18 | पश्चिम बंगाल | 18 | 66.07 | 44.69 |
कुल | – | 136 | 5801.06 | 3858.19 |
पिछले पांच वर्षों (2020-21 से 2024-25) के दौरान राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम (NPDD) के तहत राज्यों को जारी की गई धनराशि का विवरण:
क्र. सं. | राज्य / केंद्र शासित प्रदेश का नाम | कुल व्यय (लाख रुपये में) |
1 | आंध्र प्रदेश | 7342.25 |
2 | असम | 336.4 |
3 | बिहार | 275.3 |
4 | गोवा | 39.81 |
5 | गुजरात | 17267.24 |
6 | हरियाणा | 502.69 |
7 | हिमाचल प्रदेश | 2627.18 |
8 | जम्मू और कश्मीर | 9849.43 |
9 | झारखंड | 915.79 |
10 | कर्नाटक | 12657.83 |
11 | केरल | 3872.73 |
12 | लद्दाख | 50 |
13 | मध्य प्रदेश | 1621.78 |
14 | महाराष्ट्र | 1349.59 |
15 | मणिपुर | 901.89 |
16 | मेघालय | 3062.52 |
17 | नागालैंड | 394.71 |
18 | ओडिशा | 1591.08 |
19 | पुदुचेरी | 481.05 |
20 | पंजाब | 9296 |
21 | राजस्थान | 9551.93 |
22 | सिक्किम | 2427.82 |
23 | तमिलनाडु | 10352.22 |
24 | तेलंगाना | 1082.29 |
25 | त्रिपुरा | 604.14 |
26 | उत्तर प्रदेश | 544.9 |
27 | उत्तराखंड | 2342.16 |
28 | पश्चिम बंगाल | 71.47 |
कुल योग | – | 101412.2 |
पिछले चार वर्षों (2020-21 से 2024-25) के दौरान डेयरी सहकारी समितियों और किसान उत्पादक संगठनों (SDCFPO) के बुनियादी ढांचा विकास समर्थन हेतु राज्यों को जारी की गई धनराशि का विवरण:
क्र. सं. | राज्य / केंद्र शासित प्रदेश का नाम | कुल |
1 | आंध्र प्रदेश | 12.94 |
2 | असम | 0.04 |
3 | बिहार | 3.22 |
4 | गुजरात | 516.34 |
5 | हरियाणा | 2.16 |
6 | जम्मू और कश्मीर | 0 |
7 | झारखंड | 0.35 |
8 | कर्नाटक | 26.68 |
9 | मध्य प्रदेश | 1.03 |
10 | महाराष्ट्र | 19.74 |
11 | ओडिशा | 0 |
12 | पंजाब | 29.2 |
13 | राजस्थान | 8.4 |
14 | तमिलनाडु | 7.73 |
15 | तेलंगाना | 0.65 |
16 | उत्तर प्रदेश | 0.22 |
कुल योग | – | 628.7 |
31-12-2024 तक पिछले चार वर्षों (2020-21 से 2024-25) के दौरान डेयरी प्रसंस्करण और अवसंरचना विकास कोष (DIDF) के तहत बुनियादी ढांचा विकास सहायता के लिए राज्यों को जारी धनराशि का विवरण:
क्र. सं. | राज्य का नाम | परियोजनाओं की संख्या | कुल परियोजना लागत (₹ करोड़) | स्वीकृत ऋण (₹ करोड़) | वितरित ऋण (₹ करोड़) |
1 | आंध्र प्रदेश | 1 | 97.75 | 78.2 | 34.73 |
2 | बिहार | 1 | 113.27 | 78.8 | 76.39 |
3 | गुजरात | 5 | 1879.11 | 1469.59 | 1280.76 |
4 | हरियाणा | 4 | 420.19 | 336.14 | 197.5 |
5 | कर्नाटक | 10 | 2479.9 | 1344.83 | 1028.98 |
6 | केरल | 1 | 15.25 | 12.2 | 8.62 |
7 | मध्य प्रदेश | 1 | 338 | 270.4 | 237.86 |
8 | महाराष्ट्र | 2 | 488.33 | 290.66 | 247.13 |
9 | पंजाब | 4 | 318.41 | 249.77 | 205.73 |
10 | राजस्थान | 1 | 79.33 | 59.77 | 55.35 |
11 | तेलंगाना | 3 | 261.51 | 156.7 | 134.22 |
12 | तमिलनाडु | 3 | 239.16 | 191.32 | 28.08 |
योग | – | 36 | 6730.21 | 4538.38 | 3535.34 |
NCDC’s projects
क्र. सं. | राज्य का नाम | परियोजनाओं की संख्या | कुल परियोजना लागत (₹ करोड़) | स्वीकृत ऋण (₹ करोड़) | वितरित ऋण (₹ करोड़) |
1 | तमिलनाडु | 1 | 46.66 | 37.33 | 19.33 |
कुल योग | 37 | 6776.87 | 4575.71 | 3554.67 |
निष्कर्ष
भारत सरकार द्वारा लागू की गई योजनाएं जैसे प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना(PMMSY), Fisheries and Aquaculture Infrastructure Development Fund (FIDF), और Supporting Dairy Cooperatives and Farmer Producer Organizations (SDCFPO) मछुआरों और किसानों के लिए एक नए युग की शुरुआत कर रही हैं। इन योजनाओं के माध्यम से मछुआरों को सुरक्षा कवच मिल रहा है, जबकि डेयरी और मछली पालन क्षेत्र में संरचनात्मक और तकनीकी सुधार हो रहे हैं।
सरकार की इन योजनाओं का लक्ष्य है कि मछुआरे और किसान न केवल अपनी आय बढ़ाएं, बल्कि स्थायी और समृद्ध जीवन जीने के लिए पूरी तरह सक्षम हों। ये योजनाएं उनके लिए एक मजबूत सहारा साबित हो रही हैं, जो उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित हो रही हैं।
Article Source: https://pib.gov.in/PressReleaseIframePage.aspx?PRID=2112273
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