कश्मीर की ज़मीन अब सिर्फ़ सेब और नाशपाती तक सीमित नहीं रही। यहां के कुछ किसान विदेशी सब्ज़ियां भी उगा रहे हैं। पुलवामा ज़िले के एक किसान ने ब्रोकली, ब्रसेल्स स्प्राउट्स, चाइनीज़ पत्ता गोभी और केल जैसी विदेशी सब्ज़ियों की खेती शुरू की और कामयाबी पाई।
कौन हैं प्रगतिशील किसान ग़ुलाम मोहम्मद मीर? (Progressive Farmer Ghulam Mohammad Mir)
ग़ुलाम मोहम्मद मीर, जो शोपियां ज़िले के रहने वाले हैं, आज देश के बेहतरीन ब्रसेल्स स्प्राउट्स उगाने वाले किसानों में गिने जाते हैं। वो किसान सलाहकार बोर्ड के सदस्य भी हैं। उन्होंने पुलवामा के नौपोरा गांव में अपने खेत पर करीब 16 कनाल में कई विदेशी सब्ज़ियां लगाई हुई हैं।
विदेश सब्ज़ियों की खेती की शुरुआत कैसे हुई? (How Did Exotic Vegetable Farming Begin?)
मीर को कृषि विभाग के एक प्रशिक्षण कार्यक्रम से प्रेरणा मिली। निदेशक कृषि कार्यालय से प्रमाणित संकर बीज निशुल्क प्राप्त हुए। जब फसल तैयार हुई, तो उन्होंने इसकी जानकारी कृषि अधिकारियों को दी। विभाग ने बाज़ार तक पहुंचने में उनकी मदद की। इससे उन्हें अच्छी कमाई हुई।
केल साग की खेती (Kale Leaf Farming)
गुलाम अहमद मीर पिछले करीब 8 सालों से ब्रोकली की खेती भी कर रहे हैं। इसके अलावा केल भी उगाते हैं। ये एक विदेशी साग है और पत्तागोभी परिवार से है और सर्दियों में उगाई जाती है। पौधे की पत्तियां 50-60 दिन बाद तोड़ी जा सकती हैं। एक पौधे से कई बार पत्तियां तोड़ी जा सकती हैं। एक एकड़ में औसतन 40-50 क्विंटल उत्पादन हो सकता है। इसके अलावा, चाइनीज़ पत्ता गोभी भी उन्होंने अपने खेत पर लगा रखी है। मीर ने बताया कि चाइनीज़ पत्ता गोभी का उनके क्षेत्र में अचार भी बनाया जाता है। चाइनीज़ पत्ता गोभी का रेट 70 रुपये किलो उन्हें मिला।
विदेशी सब्ज़ियों की खेती में उन्नत किस्मों का चयन (Choosing Improved Exotic Vegetable Varieties)
ग़ुलाम मोहम्मद मीर कहते हैं वो अपने फ़ार्म में 2008 से विदेशी सब्ज़ियों की खेती में नई-नई किस्मों का चयन करते हैं। मीर बताते हैं कि 1975-76 में वो हरियाणा के एक किसान के फ़ार्म में सब्ज़ियों के खेत में ही मज़दूरी करते थे। दिन की दिहाड़ी थी 3 रुपये। वहां से फिर वो अपने गांव आए और ख़ुद की सब्ज़ियों की खेती शुरू की। कभी ₹3 की मज़दूरी करने वाले मीर ने अब दस परिवारों को रोज़गार दिया है। अब कई किसान उनकी खेती का तरीका सीख रहे हैं।
ब्रसेल्स स्प्राउट्स और चाइनीज़ पत्ता गोभी की बाज़ार में मांग (Market Demand for Brussels Sprouts & Chinese Cabbage)
होटल, रेस्टोरेंट और कैफ़े
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बड़े शहरों के फाइव स्टार होटल, क्विक सर्विस रेस्टोरेंट (QSR), कैफे, ओरिएंटल/कॉन्टिनेंटल रेस्तरां में इन सब्ज़ियों की मांग होती है।
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किसान सीधे होटल चेन के किचन सप्लायर्स या फ्रेश वेजिटेबल डिस्ट्रीब्यूटर्स से जुड़ सकते हैं।
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Google पर “fresh vegetable suppliers to hotels in [शहर का नाम]” सर्च करें।
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होटल किचन/कैटरिंग सर्विसेस के साथ B2B संपर्क बनाएं।
फ़ार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गनाइज़ेशन (FPO) और एफपीसी नेटवर्क
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यदि किसान किसी FPO या FPC के सदस्य हैं, तो सामूहिक रूप से कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग, थोक खरीदारों या बड़े बाजारों से सौदा कर सकते हैं।
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नजदीकी कृषि विभाग या कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) से संपर्क करें।
एग्जीबिशन और फार्म फेयर (प्रदर्शनी)
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कई राज्य स्तरीय कृषि मेले, हॉर्टिकल्चर फेस्टिवल्स, फूड प्रोसेसिंग एक्सपो में किसान अपने प्रोडक्ट दिखा सकते हैं और खरीदार से संपर्क कर सकते हैं।
प्रमुख शहर जहां विदेशी सब्ज़ियों की मांग ज़्यादा है (Top Cities with High Demand for Exotic Vegetables)
- दिल्ली NCR
- मुंबई / पुणे
- बेंगलुरु
- हैदराबाद
- गुरुग्राम / नोएडा
- कोच्चि / चेन्नई (होटल सेक्टर के लिए)
सीख और सुझाव (Lessons and tips)
ग़ुलाम मोहम्मद मीर जैसे किसान बताते हैं कि सही ट्रेनिंग और तकनीक से कश्मीर में विदेशी सब्ज़ियां उगाना संभव है। छोटे खेत से शुरुआत करें। कृषि विभाग से बीज और जानकारी लें। अपनी सब्ज़ियां सीधे होटल, कैफ़े और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म को बेचें।
अगर और किसान इस तरह की खेती अपनाएं, तो कश्मीर देश की प्रीमियम सब्ज़ी उत्पादन की सूची में शामिल हो सकता है। ज़रूरत है तो नए प्रयोग, बाज़ार से जुड़ाव और ठंडी जगह पर भंडारण की व्यवस्था की।
सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।