14 खरीफ़ फसलों की MSP में हुई बढ़ोतरी, रामतिल को मिला सबसे ज़्यादा फ़ायदा

प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने खरीफ़ विपणन सीज़न 2025-26 के लिए 14 फसलों के MSP में वृद्धि को मंजूरी दी है। सबसे ज़्यादा बढ़ोतरी रामतिल, रागी, तिल और कपास के न्यूनतम समर्थन मूल्य में की गई है ताकि किसानों को लाभकारी मूल्य मिल सके।

14 खरीफ़ फसलों की MSP में हुई बढ़ोतरी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने विपणन सत्र 2025-26 के लिए 14 खरीफ़ फसलों की MSP में बढ़ोतरी को मंज़ूरी दे दी है। ये फैसला किसानों को उनकी उपज का उचित और लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लिया गया है।

किन फसलों का एमएसपी बढ़ा?

2025-26 के लिए 14 खरीफ फसलों के एमएसपी में वृद्धि की गई है। इनमें प्रमुख रूप से अनाज, दलहन, तिलहन और कपास शामिल हैं।

सबसे ज़्यादा बढ़ोतरी इन फसलों में:

  • रामतिल: ₹820 प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी (कुल MSP ₹9537)

  • रागी: ₹596 प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी (कुल MSP ₹4886)

  • कपास (मध्यम रेशे): ₹589 की बढ़ोतरी (कुल MSP ₹7710)

  • तिल: ₹579 की बढ़ोतरी (कुल MSP ₹9846)

फसलों का तुलनात्मक डेटा (रु. प्रति क्विंटल)

फसल 2025-26 का MSP (₹/क्विंटल) 2024-25 का MSP (₹/क्विंटल) वृद्धि (₹) लागत पर मार्जिन (%)
धान (सामान्य) 2369 2300 69 50%
धान (ग्रेड ए) 2389 2320 69
ज्वार (हाइब्रिड) 3699 3371 328 50%
ज्वार (मालदंडी) 3749 3421 328
बाजरा 2775 2625 150 63%
रागी 4886 4290 596 50%
मक्का 2400 2225 175 59%
तूर / अरहर 8000 7550 450 59%
मूंग 8768 8682 86 50%
उड़द 7800 7400 400 53%
मूंगफली 7263 6783 480 50%
सूरजमुखी के बीज 7721 7280 441 50%
सोयाबीन (पीला) 5328 4892 436 50%
तिल 9846 9267 579 50%
रामतिल 9537 8717 820 50%
कपास (मध्यम रेशे) 7710 7121 589 50%
कपास (लंबे रेशे) 8110 7521 589

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लागत पर लाभ की स्थिति

सरकार ने कहा है कि 2025-26 के लिए एमएसपी उत्पादन लागत का कम से कम 1.5 गुना रखा गया है। इसके अनुसार, बाजरा पर 63%, मक्का और अरहर पर 59%, और उड़द पर 53% लाभ का अनुमान है। शेष फसलों पर भी न्यूनतम 50% लाभ सुनिश्चित किया गया है।

MSP नीति: खेती को लाभ का सौदा बनाने की कोशिश

केंद्रीय बजट 2018-19 में घोषित नीति के तहत सरकार ने एमएसपी को अखिल भारतीय औसत उत्पादन लागत के कम से कम 1.5 गुना तय करने की बात कही थी। इस दिशा में यह बढ़ोतरी उसी नीति का पालन है।

खरीद और भुगतान में हुआ सुधार

2014-15 से 2024-25 के बीच:

  • धान की खरीद: 7608 लाख मीट्रिक टन (LM T)

  • 14 खरीफ फसलों की कुल खरीद: 7871 LMT

  • धान उत्पादकों को MSP के रूप में भुगतान: ₹14.16 लाख करोड़

  • 14 खरीफ फसल उत्पादकों को कुल MSP भुगतान: ₹16.35 लाख करोड़

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सरकार का फ़ोकस: अनाज से आगे बढ़कर विविधता की ओर

अब केवल धान या गेहूं जैसी मुख्य फसलों पर ही नहीं, बल्कि दालों, तिलहनों और पोषक अनाज (जैसे रागी, बाजरा, ज्वार) पर भी अधिक MSP दिया जा रहा है। सरकार का मानना है कि यह निर्णय फसलों के विविधिकरण और पोषक अनाजों व दलहनों की खेती को प्रोत्साहित करेगा। इससे न केवल किसानों की आय बढ़ेगी, बल्कि देश की खाद्य सुरक्षा और पोषण स्तर में भी सुधार आएगा।

सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।

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