प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने कच्छ की धरती पर एक नए युग (PM Modi Vision On Seafood And Solar Energy) की शुरुआत की। उन्होंने 53,400 करोड़ रुपये से अधिक की विकास योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण (Laying of foundation stone and inauguration of development projects) किया, जिससे कच्छ अब देश का सबसे तेजी से उभरता हुआ आर्थिक केंद्र बनने जा रहा है। पीएम मोदी ने कहा, ‘कभी बंजर कहलाने वाला कच्छ आज कृषि, उद्योग और ग्रीन एनर्जी का हब बन चुका है।’
नर्मदा का पानी बना गेम-चेंजर
पीएम मोदी ने कच्छ के लोगों के संघर्षों को याद करते हुए कहा कि नर्मदा नहर के पानी ने इस क्षेत्र की तकदीर बदल दी। पहले यहां पानी की किल्लत थी, आज कच्छ के किसान आम, खजूर, अनार, जीरा और यहां तक कि ड्रैगन फ्रूट जैसी फसलें उगाकर दुनिया में निर्यात कर रहे हैं। उन्होंने केवड़िया से मोडकुबा नहर परियोजना को कच्छ के किसानों के लिए वरदान बताया, जिससे पलायन रुका और रोजगार बढ़ा।

ग्रीन हाइड्रोजन और सोलर एनर्जी से कच्छ बनेगा वर्ल्ड लीडर
पीएम मोदी ने खवड़ा सोलर कॉम्प्लेक्स और देश के पहले स्वदेशी ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि कच्छ दुनिया के सबसे बड़े ग्रीन एनर्जी हब में से एक बनने जा रहा है। यहां का ग्रीन हाइड्रोजन पूरी तरह ‘मेड इन इंडिया’ तकनीक से बना है। ये परियोजना न केवल पर्यावरण संरक्षण में मदद करेगी, बल्कि हजारों युवाओं को रोजगार भी देगी।
कच्छ के बंदरगाह: भारत की व्यापारिक शक्ति
प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत का 30 फीसदी समुद्री व्यापार कच्छ के बंदरगाहों (कांडला, मुंद्रा) से होता है। उन्होंने मॉडर्न जेटी और कार्गो स्टोरेज सुविधा का उद्घाटन किया, जिससे बंदरगाहों की क्षमता बढ़ेगी। साथ ही, शिपबिल्डिंग और पोर्ट-लेड डेवलपमेंट के लिए अलग बजट आवंटन से युवाओं को नए अवसर मिलेंगे।

हथकरघा, सिरेमिक और नमक उद्योग को ग्लोबल पहचान
कच्छ की हस्तशिल्प कला (एम्ब्रॉयडरी, बंधनी, अजरख प्रिंट) को हाल ही में जीआई टैग मिला है, जिससे स्थानीय कारीगरों को वैश्विक बाजार में पहचान मिलेगी। पीएम मोदी ने कहा, “कच्छ के हथकरघा, सिरेमिक, नमक और फूड प्रोसेसिंग उद्योग दुनिया भर में छा रहे हैं।
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