2024-25 के लिए कृषि उत्पादन अनुमान (Agricultural Production Estimates for 2024-25)
भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने वर्ष 2024-25 के लिए खरीफ़ और रबी फ़सलों का अनुमान जारी किया है। केंद्रीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि सरकार की योजनाओं और किसानों को मिलने वाली सहायता से कृषि उत्पादन लगातार बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार किसानों को सहायता और प्रोत्साहन प्रदान कर रही है, जिससे कृषि क्षेत्र में सुधार हुआ है।
फ़सल उत्पादन का मूल्यांकन कैसे होता है? (How is Crop Production Evaluated?)
फ़सलों के उत्पादन का अनुमान लगाने के लिए सरकार कई तरीकों का इस्तेमाल करती है, जैसे:
- राज्यों से मिले आंकड़ों का विश्लेषण
- रिमोट सेंसिंग (सैटेलाइट डेटा)
- मौसम की निगरानी
- वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों से विचार-विमर्श
- पिछले वर्षों के आंकड़ों का अध्ययन
कृषि मंत्रालय इन सभी स्रोतों से प्राप्त जानकारी का उपयोग करता है और इनका तुलनात्मक अध्ययन करता है, जिससे अनुमान अधिक सटीक हो सके।
2024-25 में खरीफ़ और रबी फ़सलों का अनुमानित उत्पादन (Estimated Production of Kharif and Rabi crops in 2024-25)
नीचे दी गई तालिका में विभिन्न फ़सलों के उत्पादन का अनुमान दिया गया है:
फ़सल | खरीफ़ उत्पादन (लाख मीट्रिक टन) | रबी उत्पादन (लाख मीट्रिक टन) |
---|---|---|
खाद्यान्न | 1663.91 | 1645.27 |
चावल | 1206.79 (रिकॉर्ड) | 157.58 |
गेहूं | – | 1154.30 (रिकॉर्ड) |
मक्का | 248.11 (रिकॉर्ड) | 124.38 |
श्री अन्न | 137.52 | 30.81 |
तूर | 35.11 | – |
चना | – | 115.35 |
मसूर | – | 18.17 |
तिलहन | 276.38 | 140.31 |
मूंगफली | 104.26 (रिकॉर्ड) | 8.87 |
सोयाबीन | 151.32 (रिकॉर्ड) | – |
सरसों | – | 128.73 |
गन्ना | 4350.79 | – |
कपास | 294.25 लाख गांठें | – |
जूट | 83.08 लाख गांठें | – |
किन फ़सलों का उत्पादन बढ़ा? (Production of which Crops Increased?)
कई प्रमुख फ़सलों के उत्पादन में वृद्धि देखी गई है, जिनमें शामिल हैं:
- खरीफ़ चावल: 1206.79 लाख मीट्रिक टन, जो पिछले साल के 1132.59 लाख मीट्रिक टन की तुलना में 74.20 लाख मीट्रिक टन अधिक है।
- गेहूं: 1154.30 लाख मीट्रिक टन, जो पिछले साल के 1132.92 लाख मीट्रिक टन से 21.38 लाख मीट्रिक टन अधिक है।
- खरीफ़ मूंगफली: 104.26 लाख मीट्रिक टन, जो पिछले साल के 86.60 लाख मीट्रिक टन से 17.66 लाख मीट्रिक टन अधिक है।
- सोयाबीन: 151.32 लाख मीट्रिक टन, जो पिछले साल के 130.62 लाख मीट्रिक टन से 20.70 लाख मीट्रिक टन अधिक है।
अनुमान कैसे तय किए जाते हैं? (How are Estimates decided?)
फ़सल उत्पादन का अनुमान लगाने के लिए कई वैज्ञानिक और तकनीकी तरीकों का उपयोग किया जाता है। खरीफ़ फ़सलों का अनुमान मुख्य रूप से फ़सल कटाई प्रयोग (CCE) पर आधारित होता है। वहीं, रबी फ़सलों का अनुमान औसत उपज के आधार पर तय किया जाता है। कुछ फ़सलों की कटाई अभी जारी है, इसलिए भविष्य में ये आंकड़े बदले जा सकते हैं।
कुछ फ़सलों जैसे तूर, गन्ना और अरंडी की कटाई अभी चल रही है, इसलिए इनका अंतिम उत्पादन आंकड़ा भविष्य में बदल सकता है। वहीं, ज़ायद फ़सलों का अनुमान तीसरे अग्रिम अनुमान में जोड़ा जाएगा।
सरकार की योजनाओं का असर (Impact of Government Schemes)
कृषि क्षेत्र में लगातार सुधार का मुख्य कारण सरकार की विभिन्न योजनाएं और नीतियां हैं। सरकार किसानों को आधुनिक तकनीकों, उन्नत बीज, उर्वरक सब्सिडी और सिंचाई योजनाओं के जरिए सहायता प्रदान कर रही है। इससे किसानों को अधिक उपज प्राप्त करने में मदद मिल रही है।
सरकार के समर्थन से छोटे और मध्यम वर्ग के किसानों को भी फ़ायदा हुआ है। कृषि ऋण, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, और अन्य सरकारी कार्यक्रमों ने किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाया है।
निष्कर्ष (Conclusion)
इस साल के फ़सल उत्पादन अनुमान से पता चलता है कि भारत में कृषि क्षेत्र तेजी से आगे बढ़ रहा है। नई तकनीकों और सरकारी समर्थन से किसानों को लाभ हो रहा है और उनका उत्पादन लगातार बढ़ रहा है। इन आंकड़ों से किसानों, सरकार और नीति-निर्माताओं को बेहतर योजना बनाने में मदद मिलेगी ताकि कृषि उत्पादन और अधिक बढ़ाया जा सके।
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