Fisheries Startup Grand Challenge 2.0: मछली पालन के लिए स्टार्टअप्स को मिलेगा सरकारी सहयोग

Fisheries Startup Grand Challenge 2.0 भारत सरकार की पहल है, जो मत्स्य पालन क्षेत्र में नए स्टार्टअप्स और आधुनिक तकनीकों को बढ़ावा देती है।

Fisheries Startup Grand Challenge 2.0 फिशरीज स्टार्टअप ग्रैंड चैलेंज 2.0

भारत सरकार के मत्स्य पालन विभाग ने फिशरीज स्टार्टअप ग्रैंड चैलेंज 2.0 (Fisheries Startup Grand Challenge 2.0) शुरू किया है। इसका मकसद नए स्टार्टअप्स को बढ़ावा देना और मत्स्य पालन (फिशरीज) क्षेत्र में नई तकनीकों को अपनाना है। इस प्रतियोगिता में भाग लेने वाले स्टार्टअप्स को अपनी नई और अनोखी तकनीकों को पेश करने का मौका मिलेगा, जिससे यह क्षेत्र और उन्नत हो सके।

इस प्रतियोगिता का उद्देश्य (The purpose of this competition)

  • मत्स्य पालन में नई और उपयोगी तकनीकों को लाना।
  • मछली उत्पादन को बढ़ावा देना और इसे अधिक लाभदायक बनाना।
  • स्टार्टअप्स को आर्थिक और तकनीकी मदद देना, जिससे वे अपने आइडिया को साकार कर सकें।

कौन-कौन भाग ले सकता है? (Who can participate?)

इस प्रतियोगिता में वही स्टार्टअप्स भाग ले सकते हैं जो:

  • स्टार्टअप इंडिया पोर्टल पर रजिस्टर्ड हैं।
  • मत्स्य पालन से जुड़ी नई तकनीक, प्रोडक्ट या सेवा विकसित कर रहे हैं।
  • कम से कम एक व्यावहारिक प्रोटोटाइप (MVP) या शुरुआती मॉडल (POC) तैयार कर चुके हैं।

कैसे करें आवेदन? (How to apply?)

अगर आप भी अपने स्टार्टअप को इस चैलेंज में शामिल करना चाहते हैं, तो इन आसान स्टेप्स को फॉलो करें:

  1. स्टार्टअप इंडिया पोर्टल पर लॉग इन करें।
  2. फिशरीज स्टार्टअप ग्रैंड चैलेंज 2.0 (Fisheries Startup Grand Challenge 2.0) पेज पर जाएं।
  3. ऑनलाइन आवेदन फॉर्म भरें और जरूरी दस्तावेज़ अपलोड करें।
  4. सबमिट करने के बाद कंफर्मेशन प्राप्त करें।

क्या मिलेगा विजेताओं को? (What will the winners get?)

इस प्रतियोगिता में जीतने वाले 10 स्टार्टअप्स को कुल ₹1 करोड़ की फंडिंग मिलेगी। साथ ही, उन्हें इनक्यूबेशन (मार्गदर्शन और ट्रेनिंग) का अवसर भी दिया जाएगा, जिससे वे अपने बिजनेस को आगे बढ़ा सकें।

पुरस्कार राशि:

  • पहला स्थान: ₹3,00,000
  • दूसरा स्थान: ₹2,00,000
  • तीसरा स्थान: ₹1,00,000

अंतिम तिथि और महत्वपूर्ण तारीखें (Last date and important dates)

  • आवेदन की अंतिम तिथि: 11 मई 2025
  • आवेदन परिणाम तिथि: 20 जून 2025

राष्ट्रीय मत्स्य डिजिटल प्लेटफॉर्म (NFDP) मोबाइल ऐप (National Fisheries Digital Platform (NFDP) Mobile App)

मत्स्य पालन विभाग ने राष्ट्रीय मत्स्य डिजिटल प्लेटफॉर्म (NFDP) मोबाइल ऐप भी लॉन्च किया है। यह ऐप मत्स्य पालकों, उद्यमियों और स्टार्टअप्स को मत्स्य पालन क्षेत्र से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारी और सरकारी योजनाओं की जानकारी देने के लिए विकसित किया गया है।

इस ऐप के माध्यम से:

  1. मछली पालकों को सरकारी योजनाओं की जानकारी मिलेगी।
  2. स्टार्टअप्स को बाजार की आवश्यकताओं और संभावित ग्राहकों की जानकारी मिलेगी।
  3. मत्स्य पालन से जुड़े वैज्ञानिक और तकनीकी अपडेट मिलेंगे।

फिशरीज स्टार्टअप ग्रैंड चैलेंज 2.0 क्यों महत्वपूर्ण है? (Why is Fisheries Startup Grand Challenge 2.0 important?)

भारत में मत्स्य पालन एक प्रमुख आर्थिक गतिविधि है और इससे लाखों लोगों को रोजगार मिलता है। यह क्षेत्र तेजी से बढ़ रहा है और इसमें नई तकनीकों की जरूरत है ताकि उत्पादन क्षमता और गुणवत्ता में सुधार हो सके। ये प्रतियोगिता स्टार्टअप्स को वित्तीय सहायता और नवाचार करने का अवसर प्रदान करती है। इसके माध्यम से मत्स्य पालन उद्योग को आधुनिक और तकनीकी रूप से सशक्त बनाया जा सकता है।

फिशरीज स्टार्टअप ग्रैंड चैलेंज 2.0 क्या है? (What is Fisheries Startup Grand Challenge 2.0?)

फिशरीज स्टार्टअप ग्रैंड चैलेंज 2.0 (Fisheries Startup Grand Challenge 2.0) मत्स्य पालन क्षेत्र में नई तकनीकों, नवाचारों और स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित करने की एक अनूठी पहल है। इससे न केवल इस क्षेत्र में तकनीकी विकास होगा, बल्कि मछली पालकों की आय भी बढ़ेगी और मत्स्य पालन उद्योग को और अधिक मजबूत बनाया जा सकेगा।

अगर आप एक स्टार्टअप चला रहे हैं और मत्स्य पालन क्षेत्र में कुछ नया करना चाहते हैं, तो यह चैलेंज आपके लिए एक बेहतरीन अवसर है। इस प्रतियोगिता में भाग लेकर आप न केवल आर्थिक सहायता प्राप्त कर सकते हैं, बल्कि अपने विचारों और तकनीकों को राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शित करने का मौका भी पा सकते हैं।

अधिक जानकारी के लिए स्टार्टअप इंडिया पोर्टल पर जाएं और आवेदन करें।

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सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।

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