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केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 8 जून 2025 को भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान, बेंगलुरु में किसानों से मुलाकात की और उनकी बातें सुनीं। ये मुलाकात ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ का हिस्सा है, जिसकी शुरुआत 29 मई को ओडिशा से हुई थी और ये 12 जून तक चलेगा।
अब तक इस अभियान के तहत कृषि मंत्री ने ओडिशा, जम्मू, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, पंजाब, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में जाकर किसानों से बातचीत की है। बेंगलुरु में भी उन्होंने किसानों के खेतों का दौरा किया और उनकी मेहनत की सराहना की।
कमलम और टमाटर की खेती की तारीफ़
शिवराज सिंह चौहान ने बेंगलुरु के आस-पास की बागवानी में हुई प्रगति की तारीफ़ की। उन्होंने कमलम (ड्रैगन फ़्रूट) की खेती को देखा और कहा कि तीसरे साल से किसान इससे 6-7 लाख रुपये प्रति एकड़ कमा सकते हैं। टमाटर की खेती के बारे में भी उन्होंने बताया कि किसान 3-4 लाख रुपये प्रति एकड़ तक कमा रहे हैं।
लैब से खेत तक पहुंचे रिसर्च
उन्होंने कहा कि खेती को आगे बढ़ाने के लिए वैज्ञानिकों की जानकारी खेत तक पहुंचनी चाहिए। इसी उद्देश्य से ये अभियान चल रहा है, जिसमें देश के 16,000 वैज्ञानिक गांव-गांव जाकर किसानों को जानकारी दे रहे हैं। ये पहली बार है जब इतने बड़े स्तर पर ऐसा प्रयास किया जा रहा है।
खेती को लाभदायक बनाने की बात
कृषि मंत्री ने कहा कि खेती को किसानों के लिए फ़ायदे का सौदा बनाना ज़रूरी है। उन्होंने चार अहम लक्ष्यों का ज़िक्र किया:
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हर व्यक्ति को खाने के लिए पर्याप्त अनाज देना
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सभी को पोषणयुक्त आहार मिलना
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किसानों की आमदनी बढ़ाना
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मिट्टी की उर्वरक क्षमता को बचाना
नकली बीज और कीटनाशकों पर सख्ती
कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार नकली बीज और कीटनाशक बेचने वालों के खिलाफ़ कड़ा कानून बना रही है। जो लोग किसानों को नुकसान पहुंचाते हैं, उनके खिलाफ़ सख्त कार्रवाई होगी।
किसानों को बाज़ार तक पहुंच
उन्होंने बताया कि सरकार ने एक नई योजना बनाई है जिससे आलू, प्याज और टमाटर की फसल को ज़्यादा दाम मिलने वाले शहरों तक पहुंचाया जा सके। इसके लिए किसानों को ट्रांसपोर्ट का खर्च सरकार देगी। साथ ही अगर भंडारण की ज़रूरत हुई तो सरकार उसकी भी मदद करेगी।
नई दिशा की ओर कदम
शिवराज सिंह चौहान ने किसानों से कहा कि वे केवल पारंपरिक खेती तक सीमित न रहें। उन्हें नई फसलें, प्रोसेसिंग और निर्यात की तरफ भी ध्यान देना चाहिए। सरकार हर कदम पर किसानों के साथ है।
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