हरियाणा के किसानों के लिए खुशख़बरी! जैविक मंडियों और ब्रांडिंग से बदलेगी तस्वीर, प्राकृतिक खेती के साथ मिलेगा उपज का सही दाम

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी (Chief Minister Naib Singh Saini) ने घोषणा की है कि हरियाणा में दो जैविक मंडियां (Organic Mandis and Branding in Haryana) बनाई जाएंगी, जहां किसान अपनी प्राकृतिक खेती की उपज आसानी से बेच सकेंगे।

हरियाणा के किसानों के लिए खुशख़बरी! जैविक मंडियों और ब्रांडिंग से बदलेगी तस्वीर, प्राकृतिक खेती के साथ मिलेगा उपज का सही दाम

हरियाणा सरकार (Haryana Government) ने प्राकृतिक खेती (Natural Farming) को लेकर एक बड़ा और ठोस कदम उठाया है। अब किसानों को सिर्फ प्राकृतिक खेती करने के लिए ही प्रोत्साहित नहीं किया जाएगा, बल्कि उनकी उपज की बिक्री की भी पूरी व्यवस्था की जाएगी।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी (Chief Minister Naib Singh Saini) ने घोषणा की है कि हरियाणा में दो जैविक मंडियां (Organic Mandis and Branding in Haryana) बनाई जाएंगी, जहां किसान अपनी प्राकृतिक खेती की उपज आसानी से बेच सकेंगे। साथ ही, उन्हें ब्रांडिंग और पैकेजिंग के लिए 20 हजार रुपये की आर्थिक सहायता भी दी जाएगी। ये मंडिया गुरूग्राम और हिसार में बनाई जाएंगी। 

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क्यों ज़रूरी हैं जैविक मंडियां? (Why Are Organic Markets Necessary?)

अब तक किसानों के मन में सबसे बड़ा सवाल यही था कि प्राकृतिक खेती (Natural Farming) तो कर लें, लेकिन उपज बेचेंगे कहां? क्योंकि अलग से इसकी कोई व्यवस्था नहीं थी। लेकिन अब हरियाणा सरकार ने इस समस्या का समाधान निकाल लिया है।

  • गेहूं, धान, दालों के लिए अलग से प्राकृतिक और जैविक मंडी बनाई जाएगी।
  • फल और सब्जियों के लिए हिसार में एक अलग मंडी स्थापित की जाएगी।
  • उपज का सही मूल्य निर्धारण करने के लिए हरियाणा किसान कल्याण प्राधिकरण के तहत एक समिति बनाई जाएगी।

20 हजार रुपये मिलेंगे ब्रांडिंग और पैकेजिंग के लिए (20 Thousand Rupees Will Be Pay For Branding And Packaging)

प्राकृतिक खेती (Natural Farming) से जुड़े किसानों को अब सिर्फ उपज ही नहीं, बल्कि उसे बेचने का तरीका भी सिखाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने घोषणा की है कि प्राकृतिक खेती के उत्पादों की ब्रांडिंग और पैकेजिंग के लिए प्रति किसान 20 हजार रुपये दिए जाएंगे। इससे किसान अपने उत्पादों को बेहतर तरीके से बाजार में पेश कर सकेंगे और अच्छी कीमत पा सकेंगे।

मुफ्त जांच के लिए प्रयोगशालाएं (Laboratories For Free Testing)

प्राकृतिक खेती (Natural Farming) की उपज की गुणवत्ता देखने के लिए विशेष प्रयोगशालाएं बनाई जाएंगी, जहां किसानों की फसलों की फ्री जांच होगी। इससे उपज की विश्वसनीयता बढ़ेगी और बाजार में उसकी कीमत भी अच्छी मिलेगी।

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पंचायती ज़मीन पर प्राकृतिक खेती को प्राथमिकता (Priority Given To Natural Farming On Panchayat Land)

हरियाणा सरकार ने यह भी फैसला किया है कि:

1. हर एक पंचायत में 10 फीसदी ज़मीन (कम से कम 1 एकड़) प्राकृतिक खेती के लिए आरक्षित की जाएगी।

2. ये ज़मीन भूमिहीन किसानों को नीलामी के जरिए दी जाएगी।

3. कैथल के खंड पूंडरी में 53 एकड़ सरकारी ज़मीन प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों को पट्टे पर दी जाएगी। 

 देसी गाय पर 30 हजार रुपये की सब्सिडी (30 Thousand Rupees Subsidy On Desi Cow)

प्राकृतिक खेती में देसी गाय का विशेष महत्व है। इसलिए सरकार ने एक देसी गाय खरीदने पर 30 हजार रुपये की सब्सिडी देने का ऐलान किया है। अब तक 492 किसानों को यह लाभ मिल चुका है।

एक लाख एकड़ में प्राकृतिक खेती का टारगेट (Target Of Natural Farming In One Lakh Acres)

हरियाणा सरकार ने 2025-26 तक एक लाख एकड़ जमीन पर प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने का लक्ष्य रखा है। अब तक 1.84 लाख किसानों ने 2.73 लाख एकड़ ज़मीन का रजिस्ट्रेशन कराया है, जो साबित करता है कि प्राकृतिक खेती की तरफ किसानों का रुझान बढ़ रहा है।

हरियाणा के किसानों के लिए खुशख़बरी! जैविक मंडियों और ब्रांडिंग से बदलेगी तस्वीर, प्राकृतिक खेती के साथ मिलेगा उपज का सही दाम

क्यों ज़रूरी है प्राकृतिक खेती? (Why Is Natural Farming Necessary?)

मुख्यमंत्री ने कहा कि “रासायनिक खादों से भूमि, जल और वायु प्रदूषित हो रहे हैं। प्राकृतिक खेती न सिर्फ पर्यावरण को बचाएगी, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को स्वस्थ भोजन भी देगी।”

हरियाणा बन रहा है प्राकृतिक खेती का हब (Haryana Is Becoming A Hub Of Natural Farming)

हरियाणा सरकार की यह पहल न सिर्फ किसानों के लिए फायदेमंद है, बल्कि पूरे देश के लिए एक मिसाल बन सकती है। जैविक मंडियां, ब्रांडिंग सहायता, मुफ्त जांच और जमीन आवंटन जैसी योजनाएं किसानों को प्राकृतिक खेती की तरफ आकर्षित करेंगी। अब देखना है कि यह मॉडल कितना सफल होता है और क्या अन्य राज्य भी इससे सीख लेते हैं। 

 

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