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प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुए पोस्ट-बजट वेबिनार में देश के बीज और पौधों की नस्लों को बचाने के लिए एक नया जीन बैंक बनाने की घोषणा की। इसका मकसद आने वाली पीढ़ियों के लिए फसलों की विविधता और खाद्य सुरक्षा को मजबूत करना है।
वेबिनार का उद्देश्य (Objective of the Webinar)
इस वेबिनार का मकसद सरकार, उद्योग, वैज्ञानिकों और आम लोगों को एक मंच पर लाना है, ताकि बजट में की गई घोषणाओं को सही तरीके से लागू किया जा सके। वेबिनार के मुख्य विषय थे:
- लोगों में निवेश (शिक्षा और स्वास्थ्य में सुधार)
- आर्थिक विकास (रोजगार और व्यापार को बढ़ावा देना)
- नवाचार (नई तकनीकों को अपनाना)
इस चर्चा का लक्ष्य भारत को 2047 तक एक विकसित देश बनाना है।
जीन बैंक क्या होता है? (What is a gene bank?)
जीन बैंक एक ऐसा भंडार होता है, जहां बीज, परागकण (Pollen) और पौधों के ऊतक (Tissue) सुरक्षित रखे जाते हैं। इसका मुख्य उद्देश्य उन पौधों को बचाना है, जो विलुप्त होने के खतरे में हैं, ताकि भविष्य में इनका उपयोग किया जा सके।
भारत का पहला जीन बैंक (India’s first gene bank)
भारत का पहला जीन बैंक 1996 में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के तहत नई दिल्ली में बनाया गया था। यह देशभर में 12 केंद्रों के माध्यम से फसलों के बीजों को इकट्ठा और संरक्षित करता है।
वर्तमान जीन बैंक में क्या-क्या है? (What is in the current gene bank?)
15 जनवरी 2025 तक इस जीन बैंक में 4.7 लाख से ज्यादा बीज और पौधों के नमूने (Accessions) संग्रहीत हैं:
- अनाज (Cereals): 1.7 लाख नमूने
- मोटे अनाज (Millets): 60,600+ नमूने
- दालें (Legumes): 69,200+ नमूने
- तिलहन (Oilseeds): 63,500+ नमूने
- सब्जियां (Vegetables): 30,000 नमूने
दूसरा राष्ट्रीय जीन बैंक (Second National Gene Bank)
वित्त मंत्रालय ने 2025-26 के बजट में दूसरा राष्ट्रीय जीन बैंक बनाने की घोषणा की है। इसमें 10 लाख (1 मिलियन) पौधों के नमूने संग्रहीत किए जाएंगे। यह सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के वैज्ञानिकों और किसानों के लिए बहुत मददगार होगा।
भारत की जैव विविधता और इसका महत्व (Biodiversity of India and its importance)
भारत में 811 से ज्यादा खेती योग्य फसलें और 902 से ज्यादा जंगली फसलें पाई जाती हैं। ये फसलें जलवायु परिवर्तन से लड़ने, खाद्य सुरक्षा बनाए रखने और कृषि में सुधार करने के लिए जरूरी हैं। ICAR के मौजूदा जीन बैंक में पहले से ही 4.7 लाख नमूने संग्रहीत हैं और यह दुनियाभर के वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं के लिए संसाधन प्रदान करता है।
भारत की वैश्विक भूमिका (India’s global role)
दूसरा जीन बैंक भारत को दुनिया में जैव विविधता संरक्षण में अग्रणी बनाएगा। यह दक्षिण एशियाई (SAARC) और BRICS देशों को भी मदद देगा, खासकर उन देशों को जिनके पास अपने आनुवंशिक संसाधनों को सुरक्षित रखने की पर्याप्त सुविधा नहीं है।
जलवायु परिवर्तन और बीजों की सुरक्षा (Climate change and seed protection)
जलवायु परिवर्तन, प्राकृतिक आपदाएं और भू-राजनीतिक बदलाव फसलों की विविधता के लिए खतरा बन रहे हैं। इसलिए, यह नया जीन बैंक भारत के लिए एक सुरक्षा कवच का काम करेगा और लंबे समय तक बीजों को सुरक्षित रखेगा।
निष्कर्ष (Conclusion)
यह पहल भारत में खेती को सुरक्षित और टिकाऊ बनाने के लिए बहुत जरूरी है। इससे भारत की खाद्य सुरक्षा मजबूत होगी और किसानों को नई किस्मों के बीज मिल सकेंगे। यह भारत और दुनिया दोनों के लिए कृषि अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देगा।
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