हाई डेंसिटी आम की खेती कर रहीं जम्मू-कश्मीर की अनीता कुमारी, HADP प्रोग्राम का लिया लाभ

रियासी की महिला किसान अनीता कुमारी ने HADP योजना के तहत हाई डेंसिटी आम की खेती कर अब तक ₹1.5 लाख की कमाई की। आधुनिक तकनीक, सरकारी सहायता और मेहनत ने उन्हें न केवल आत्मनिर्भर बनाया, बल्कि वह गांव की अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गई हैं।

हाई डेंसिटी आम की खेती

जम्मू-कश्मीर के रियासी ज़िले की एक महिला किसान अनीता कुमारी ने होलिस्टिक एग्रीकल्चर डेवलपमेंट प्रोग्राम (HADP) के तहत आम की हाई डेंसिटी खेती करके कृषि क्षेत्र में एक प्रेरणादायक उदाहरण पेश किया। उन्होंने अपने खेत में करीब 400 आम के पौधे लगाकर इस साल लगभग 1.5 लाख रुपये की आमदनी की है।

क्या है HADP? (What is HADP?)

HADP (Holistic Agriculture Development Programme) जम्मू-कश्मीर सरकार की एक प्रमुख पहल है, जिसका उद्देश्य राज्य के कृषि क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाना, किसानों की आय बढ़ाना और आधुनिक कृषि तकनीकों को ज़मीनी स्तर तक पहुंचाना है। इस योजना के तहत किसानों को प्रशिक्षण, वित्तीय सहायता, तकनीकी जानकारी और ज़रूरी संसाधनों की सुविधा दी जाती है।

हाई डेंसिटी आम की खेती- कम समय में अधिक लाभ (High-Density Mango Farming- More Profit in Less Time)

हाई डेंसिटी प्लांटेशन (High Density Plantation) तकनीक में पौधों को वैज्ञानिक तरीके से पास-पास लगाया जाता है, जिससे कम समय में अधिक उत्पादन होता है। अनीता कुमारी ने अपने खेत में इसी तकनीक को अपनाया। बागवानी विभाग ने उन्हें उन्नत किस्म के पौधे, ड्रिप सिंचाई, पैकेज हाउस, और वॉटर हार्वेस्टिंग टैंक जैसी सुविधाएं मुहैया कराईं।

तीन साल की मेहनत के बाद अब उनके आम फल देने लगे हैं, और इस साल उन्होंने अब तक ₹1.5 लाख तक की आम की बिक्री कर ली है। इससे न सिर्फ़ उन्हें स्वरोज़गार मिला है, बल्कि वो अब अन्य ग्रामीण महिलाओं के लिए भी प्रेरणा बन गई हैं।

kisan of india facebook

HADP से कैसे मिला लाभ? (How Did HADP Help Anita?)

  • प्रशिक्षण और मार्गदर्शन: कृषि अधिकारियों ने अनीता को HDP तकनीक का प्रशिक्षण दिया।

  • वित्तीय सहायता: पौधों और संसाधनों पर सब्सिडी मिली।

  • जल संरक्षण: वॉटर हार्वेस्टिंग टैंक से सिंचाई की सुविधा मिली।

  • बाज़ारसे जुड़ाव: पैकेज हाउस की मदद से उपज का बेहतर तरीके से भंडारण और मार्केटिंग की गई।

HADP क्या करता है? (What Does HADP Do?)

पहल उद्देश्य
संपूर्ण परियोजनाएं खेती से लेकर पशुपालन तक कृषि की हर इकाई को सशक्त बनाना
डिजीटल पोर्टल्स आवेदन प्रक्रिया सरल बनाना, प्रशिक्षण और संसाधन प्रदान करना
सेवा केंद्र स्थानीय स्तर पर किसान सहायता, इनपुट व परामर्श
वित्तीय समर्थन सब्सिडी, लोन, सरल ब्याज दरें और लचीली शर्तें
प्रशिक्षण अभियान व्यक्तिगत किसान से लेकर FPO तक सभी को जागरूक बनाना

HADP का उद्देश्य और भविष्य की योजना (HADP’s Vision and Future Plans)

2030 तक ₹1 लाख करोड़ कृषि अर्थव्यवस्था: मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि HADP का उद्देश्य 2030 तक जम्मू-कश्मीर में ₹1‑लाख करोड़ का कृषि‑आधारित अर्थव्यवस्था स्थापित करना है।

रोज़गार एवं उद्यमिता: अगले 5 वर्षों में लगभग 2.9 लाख रोज़गार सृजन और 18,000 से अधिक कृषि‑उद्यमों की स्थापना करने का लक्ष्य रखा गया है।

युवा और महिला सशक्तीकरण: नवाचार, कौशल विकास, डिजीटल उपकरणों के माध्यम से युवा और महिलाएं कृषि क्षेत्र में सक्षम बनें।

kisan of india instagram

HADP का लक्ष्य (Goal of HADP)

कुल निवेश: इस योजना के लिए जम्मू-कश्मीर सरकार ने कुल ₹5,013 करोड़ का बजट तय किया है और अगले 5 सालों में राज्य की खेती को आगे बढ़ाना इसका मकसद है।

29 अलग-अलग योजनाएं: इसके तहत कुल 29 अलग-अलग योजनाएं चलाई जा रही हैं, जिनमें खेती, बागवानी, पशुपालन, रिसर्च और फसलों की प्रोसेसिंग (प्रसंस्करण) से जुड़े काम शामिल हैं।

किसानों के लिए फ़ायदेमंद कृषि काम: इन योजनाओं के तहत ऐसे कामों को बढ़ावा दिया जा रहा है जिनसे किसानों को अच्छी कमाई हो सके, जैसे बीज उत्पादन, कम जगह में ज्यादा फल उगाने वाली तकनीक, मौसम के अनुसार सब्ज़ियों की खेती, मशरूम की खेती, शहद उत्पादन (मधुमक्खी पालन), रेशम कीट पालन, दूध उत्पादन (डेयरी), पशु और मुर्गी पालन, और पशुओं के खाने का चारा (फ़ीड) बनाना।

सुविधाओं का विकास (इंफ्रास्ट्रक्चर): किसानों को ज़रूरी सुविधाएं देने के लिए कई कदम उठाए गए हैं जैसे- गांवों में किसान सेवा केंद्र (Kisan Khidmat Ghar – KKG) की स्थापना, जैविक खाद बनाने के लिए वर्मी कम्पोस्ट यूनिट, खेतों की सिंचाई के लिए बेहतर सिस्टम, चारा बनाने की मशीनें (फीड मिल), प्रसंस्करण के लिए फैक्ट्रियां, फलों और सब्ज़ियों को सुरक्षित रखने के लिए कोल्ड स्टोरेज, और कृषि उपज की जांच के लिए गुणवत्ता लैब।

महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक कदम (A Step Towards Women Empowerment)

ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं के लिए अनीता की ये कहानी एक मॉडल केस बन गई है। HADP जैसी योजनाएं अगर सही जानकारी और समर्थन के साथ लागू हों, तो महिलाएं न सिर्फ़ खेती में आत्मनिर्भर बन सकती हैं, बल्कि आर्थिक रूप से भी मज़बूत हो सकती हैं।

होलिस्टिक एग्रीकल्चर डेवलपमेंट प्रोग्राम (HADP) जैसे प्रयासों से न केवल आधुनिक तकनीकों को बढ़ावा मिल रहा है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों को भी नई दिशा मिल रही है। इस तरह की पहलें भविष्य में कृषि विकास के साथ‑साथ महिला एवं युवा सहभागिता को भी प्रोत्साहित कर सकती हैं।

सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top