झारखंड के खूंटी ज़िले के खेतों में खिली उम्मीद, गेंदा फूल की खेती से बढ़ी आमदनी

गेंदा फूल की खेती से खूंटी के महिला और युवा किसान बन रहे लखपति, फूलों की खेती बन रही है ग्रामीण क्षेत्रों में आय का नया ज़रिया।

गेंदा फूल की खेती genda phool ki kheti

झारखंड का खूंटी ज़िला इन दिनों गेंदा फूल की खेती को लेकर चर्चा में है। यहां महिला समूहों और युवा किसानों ने गेंदा फूल की खेती को एक आय का अच्छा स्रोत बना लिया है, और इसे आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। खासतौर पर राष्ट्रीय बागवानी मिशन और स्थानीय एफपीओ के सहयोग से इस क्षेत्र में खेती के नए अवसर खुल रहे हैं।

गेंदा फूल की खेती से किसानों को बेहतर प्रशिक्षण मिल रहा है, जिससे उनकी उत्पादकता बढ़ी है। फूल की मांग पूजा और सजावट के लिए बढ़ रही है, और इससे किसानों को अच्छा लाभ मिल रहा है। यह खेती युवाओं और महिलाओं के लिए भी एक बेहतर अवसर बन रही है, जो सामूहिक रूप से इस व्यवसाय को सफल बना रहे हैं।

सखी मंडल की दीदियों और युवाओं की मेहनत रंग ला रही है (The hard work of the sisters and youth of Sakhi Mandal is paying off)

खूंटी, कर्रा, अड़की, तोरपा, रनियां और मुरहू प्रखंड के हजारों किसान अब गेंदा फूल की खेती कर रहे हैं। इन किसानों में खासतौर पर सखी मंडल की महिलाएं और युवा सक्रिय रूप से शामिल हैं। सखी मंडल की सदस्य सुनीता देवी बताती हैं कि गेंदा फूल की खेती से उनकी आमदनी में अच्छा इज़ाफा हुआ है और इससे उनके परिवार की आर्थिक स्थिति में भी बड़ा सुधार आया है। पहले जो मुश्किलें थीं, अब वह धीरे-धीरे खत्म होती जा रही हैं।

गेंदा फूल की खेती इन किसानों के लिए केवल एक व्यवसाय नहीं, बल्कि एक स्थिर और दोहरी आय का साधन बन गई है। जहां एक ओर फूलों की सीधी बिक्री से किसानों को अच्छा मुनाफ़ा हो रहा है, वहीं दूसरी ओर इस खेती के चलते स्थानीय लोगों को रोज़गार के नए अवसर भी मिल रहे हैं। इससे ग्रामीण इलाकों में रोज़गार की कमी को काफी हद तक दूर किया जा रहा है। इस तरह, सखी मंडल की दीदियों और युवाओं की मेहनत ने इस खेती को एक नई दिशा दी है, जो न केवल उनके जीवन को बेहतर बना रही है, बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए एक उम्मीद की किरण साबित हो रही है।

250 एकड़ भूमि में हो रही गेंदा फूल की व्यावसायिक खेती (Commercial cultivation of marigold flowers is being done in 250 acres of land)

महिला कृषि बागवानी स्वावलंबी सहकारी समिति से जुड़े किसान लगभग 250 एकड़ भूमि में गेंदा फूल की खेती कर रहे हैं। समिति की समन्वयक निधि कुमारी का कहना है कि गेंदा फूल की खेती से किसानों की औसतन आय 20,000 से 25,000 रुपये तक बढ़ी है। यह खेती अब खूंटी के किसानों के लिए एक आर्थिक क्रांति बन चुकी है। कई किसान तो इस सीजन में 30,000 रुपये तक की अतिरिक्त आमदनी भी कमा रहे हैं।

गेंदा फूल की खेती को मिल रहा तकनीकी और बाजार समर्थन (Marigold flower cultivation is getting technical and market support)

एफपीओ के समन्वयक धरम कुमार ने बताया कि कोलकाता की नर्सरी से करीब तीन लाख गेंदा फूल के छोटे पौधे मंगवाकर किसानों के बीच वितरित किए गए हैं। ख़रीफ़ सीजन में इन पौधों से बेहतर उत्पादन होता है। उन्होंने यह भी बताया कि गेंदा फूल की खेती को लेकर किसानों में जागरूकता बढ़ी है और हर साल नए किसान इस क्षेत्र से जुड़ रहे हैं। एक ट्रक में जब पौधे पहुंचते हैं, तो पूरा गांव उत्साह से भर जाता है।

महिलाओं और युवाओं को मिला स्वरोज़गार का साधन (Women and youth got means of self-employment)

गेंदा फूल की खेती न केवल खेती से मुनाफ़ा दे रही है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में रोज़गार का नया साधन भी बन रही है। महिला किसान अब आत्मनिर्भर हो रही हैं और कई युवा खेती को एक व्यावसायिक अवसर के रूप में देखने लगे हैं। यह पहल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मज़बूत करने के साथ-साथ महिला सशक्तिकरण का भी उदाहरण बन रही है।

झारखंड के खूंटी ज़िले के खेतों में खिली उम्मीद, गेंदा फूल की खेती से बढ़ी आमदनी

गेंदा फूल की खेती क्यों है फ़ायदेमंद? (Why is marigold flower cultivation beneficial?)

  • गेंदा फूल की मांग पूजा, सजावट और औषधीय उपयोगों के कारण सालभर बनी रहती है।
  • इसकी खेती कम लागत में शुरू की जा सकती है और इसमें कीट-रोगों का प्रकोप भी कम होता है।
  • फूल की बिक्री स्थानीय मंडियों के साथ-साथ दूरस्थ बाजारों में भी होती है।
  • ख़रीफ़ मौसम में यह फ़सल बहुत अच्छी उपज देती है, जिससे किसानों को सीजनल मुनाफ़ा मिलता है।

गेंदा फूल की खेती ने बढ़ाया आत्मविश्वास (Cultivation of marigold flowers boosted confidence)

गेंदा फूल की खेती ने खूंटी ज़िले के किसानों, विशेषकर महिलाओं का आत्मविश्वास बढ़ाया है। जो किसान पहले केवल पारंपरिक खेती करते थे, वे अब व्यावसायिक खेती की ओर बढ़ चुके हैं। इससे साफ है कि यदि सही दिशा, तकनीकी सहायता और बाजार उपलब्ध हो, तो फूलों की खेती जैसे विकल्प ग्रामीण आजीविका में क्रांतिकारी बदलाव ला सकते हैं।

निष्कर्ष (Conclusion)

गेंदा फूल की खेती आज खूंटी के ग्रामीण क्षेत्रों में समृद्धि की नई कहानी लिख रही है। महिला सशक्तिकरण, युवा रोज़गार और आत्मनिर्भरता की दिशा में यह एक सकारात्मक पहल बन चुकी है। सरकारी योजनाओं और स्थानीय संस्थाओं के सहयोग से आने वाले समय में गेंदा फूल की खेती अन्य जिलों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बन सकती है।

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सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।

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