बेहतरीन व्यवसाय है मधुमक्खी पालन, जानिए कैसे कमा सकते हैं मुनाफा

मधुमक्खी पालन (Bee Farming) व्यावसाय का एक सबसे बेहतरीन जरिया है। मधुमक्खियों से मिलने वाले शहद की मार्केट में काफी डिमांड होती है। शहद सर्दी जुकाम समेत तमाम रोगों के लिए लाभकारी होता है। और यही वजह है कि मधुमक्खी पालन को व्यवसाय के लिहाज से कारगर माना जाता है।

मधुमक्खी पालन घर या व्यापार के लिए करके अच्छी क्वालिटी वाले शहद से प्रकृति के साथ जुड़ा जा सकता है। शुरुआत में कई गलती भी होती हैं। लेकिन टाइम के साथ दूसरे साल इसे निवेश के लिए तैयार हो जाते हैं। हालांकि कुछ देशों में मधुमक्खी पालन की शुरुआत के लिए राज्य की अनुमति लेना, ट्रेनिंग या औपचारिक लाइसेंस लेना जरुरी होता है।

ऐसा इसीलिए होता है क्योंकि मधुमक्खी का डंक सेंसटिव लोगों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है। यही वजह है कि इसके पालन पर अनुमति भी ली जाती है।

इसलिए महत्वपूर्ण होती हैं मधुमक्खियां

आपको बता दें कि शहद और बाकी उत्पादों जैसे रॉयल जेली, प्रोपोलिस, मोम के उत्पादन के अलावा मधुमक्खियां पौधों के परागण के लिए भी जरुरी होती हैं। मधुमक्खियां फूल के नर भागों से परागकण को समान प्रजाति के फूल के मादा भागों में संचारित करती हैं। जो कई पौधों, सब्जियों, नट, बीज, घास आदि के लिए महत्वपूर्ण है।

ज्यादातर किसान केवल फसल के उद्देश्य से मधुमक्खी के छत्तों को अपने खेतों खासकर कपास, टमाटर, मिर्च, बादाम की खेती के पास रखते हैं। इसका कारण ये है कि मधुमक्खियां सभी परागणकारी कीड़ों में से कम से कम 80% परागण के लिए जिम्मेदार होती हैं।

मधुमक्खी से फायदा

मधुमक्खी से शहद मिलता है और शहद का इस्तेमाल बहुत से कामों में होता है। शहद खाने में इस्तेमाल होता है। इससे तमाम पकवान बनाए जाते हैं। साथ ही दवा के रूप में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है। बाजार में शहद की काफी डिमांड होती है। शहद एक औषधी के रुप में भी इस्तेमाल किया जाता है। और यही वजह है कि आजकल बहुत से लोग शहद के व्यवसाय में लगे हुए हैं और इसीलिए मधुमक्खियों को पाला जाता है। इससे व्यवसाय कर अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है। मधुमक्खी पालन से न केवल शहद व्यवसाय बल्कि मोम भी मिलता है।

कैसे पालें मधुमक्खी

मधुमक्खी पालने के लिए बाजार से मधुमक्खी पालन बॉक्स यानि पेटियाँ लाई जाती है। 4 से 5 हजार स्क्वायर फीट की जमीन पर 200 से 300 पेटियों की जरूरत पड़ती है। इन पेटियों के अंदर ही मधुमक्खियां रहती हैं और अपना छत्ता बनाकर शहद का निर्माण करती है। लेकिन ध्यान रहे शहद निकालने के लिए मुंह पर ढकने के लिए जाली वाले सुरक्षात्मक कपड़े, चाकू, ड्रम, रिमूविंग मशीन, दस्तानें की जरुरत होती है। इसके बाद ड्रम्स में शहद इकट्ठा किया जाता है।

पेटियों में कैसे बनता है शहद

दरअसल पेटियों में करीब 7000 मधुमक्खियां रहती हैं। इसमें एक रानी मधुमक्खी औरनर मधुमक्खी और वर्कर मधुमक्खी रहती हैं। पेटियों को खेतों और बगीचों में रखा जाता है जहां पर मधुमक्खियों को फूल मिल सके। इसके बाद मधुमक्खियां फूलों का रस पीकर बक्सों के छत्ते में भरती हैं। 3 किलोमीटर तक का भ्रमण करती हैं। रानी मधुमक्खी 1 दिन में 1500 से 2000 तक अंडे देती है। वर्कर मधुमक्खियां अपने पंखों को हिलाकर कर रस का पानी सुखा देती हैं और शहद तैयार हो जाता है।

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