Fish Hatchery: मछली बीज उत्पादन की इस तकनीक ने बदल दी भूमिहीन महिलाओं की ज़िंदगी, पढ़ें कहानी

मछली बीज उत्पादन (Fish Hatchery) से किसानों को उच्च लाभ मिलता है। बंगाल की कैटफ़िश प्रजाति 'मिस्तस गुलियो' से सुंदरबन के निवासियों की आजीविका में सुधार हुआ है।

मछली बीज उत्पादन

मछली पालन किसानों के लिए हमेशा से फ़ायदेमंद होता है, लेकिन क्या आपको पता है कि मछली बीज उत्पादन यानी हैचरी (Fish Hatchery) से बढ़िया पैसा कमाया जा सकता है। ये आपको कम दाम में अच्छा मुनाफ़ा दे सकता है। बंगाल में पाई जाने वाली कैटफ़िश प्रजाति ‘मिस्तस गुलियो’ (Mystus gulio) सुंदरबन डेल्टा के निवासियों की आजीविका का एक साधन है। ये छोटी स्वदेशी मछली स्थानीय लोगों के बीच ‘नोना टेंगरा’ के नाम से जानी जाती है।

होमस्टेड हैचरी बीज उत्पादन तकनीक

पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले के बुद्धपुर गांव की महिलाओं के एक समूह ने अपनी आजीविका को सुदृढ़ बनाने के लिए आईसीएआर (ICAR) द्वारा विकसित उत्पादक तकनीक को अपनाया है। होमस्टेड हैचरी बीज उत्पादन तकनीक (Fish Hatchery-cum-seed production technology) को काकद्वीप अनुसंधान केंद्र के भाकृअनुप-केंद्रीय खारा जल कृषि संस्थान, चेन्नई ने विकसित किया है जो कम लागत में किसानों को अच्छा मुनाफ़ा दे सकें।

तीन दिनों में औरतों ने सीखी ये तकनीक

मॉड्यूलर हैचरी यूनिट के तीन घटक हैं- ब्रूडस्टॉक विकास, प्रजनन और लार्वा पालन। प्रजनन के लिए 1,000 लीटर एफआरपी टैंक का इस्तेमाल किया गया जिससे निरंतर पानी का प्रवाह बना रहे। KRC-CIBA ने काकद्वीप केंद्र में Mystus gulio के बीज उत्पादन पर महिलाओं को तीन दिन की ‘हैंड्स ऑन ट्रेनिंग’ दी। इन तीन दिनों में महिलाओं को कई चीज़ें सिखाई गईं जैसे परिपक्व और स्वस्थ ब्रूड मछली का चयन करना (नर : मादा -2:1), परिपक्वता का सही आंकलन करना, प्रजनन टैंक में एग कलेक्टर (Egg Collector) को स्थापित करना, हॉर्मोन का प्रबंधन करना, इंजेक्शन देने के 8-12 घंटे बाद स्पॉनिंग का अवलोकन करना, अंडों को एकीकृत करना, लार्वा पालन करना और साथ ही नर्सरी की भी ट्रेनिंग दी गयी।

Bengal Catfish

लंबे समय तक मुनाफ़ा 

ट्रेनिंग में सीखी तकनीक को प्रशिक्षित महिलाओं ने घर पर ही अपने खाली समय से दो घंटे निकालकर अभ्यास करना शुरू किया। उनकी इस कोशिश ने सफल परिणाम दिए। महिलाओं ने Mystus gulio प्रजाति की मछली के 20,000 बीज उत्पादन किए। इन्होंने नर्सरी में उत्पादित तीस दिन पुराने इन बीजों को पश्चिम बंगाल के सागर द्वीप, नमखाना और काकद्वीप के किसानों को एक रुपये की दर से बेचा। इस व्यापार से उन्हें हर महीने 10,400 रूपये का लाभ मिला।

भूमिहीन गरीबों के लिए वरदान

ये मॉडल आर्थिक तौर पर किसानों की आजीविका के लिए वरदान साबित हुआ। इसने मुख्य रूप से प्राकृतिक स्टॉक द्वारा बीज के उत्पादन पर रोक लगाई, साथ ही मतस्य बीज की बढ़ती मांग को पूरा किया। सफल परीक्षण के बाद पश्चिम बंगाल के सुंदरबन क्षेत्र के भूमिहीन गरीबों ने इस तकनीक को बढ़ावा दिया जिससे कि उन्हें कम खर्च में बेहतर आजीविका का साधन मिल सका।

निष्कर्ष

Fish Hatchery या मछली बीज उत्पादन एक ऐसा व्यवसाय है जो न केवल किसानों के लिए लाभकारी साबित हो सकता है, बल्कि यह क्षेत्रीय स्तर पर ग्रामीण लोगों की जीवनशैली को भी बेहतर बना सकता है। काकद्वीप जैसे स्थानों में महिलाओं द्वारा अपनाए गए इस मॉडल ने न सिर्फ उन्हें स्थिर आय का एक स्रोत प्रदान किया है, बल्कि इससे पूरे क्षेत्र में आर्थिक बदलाव भी आया है। इस तकनीक को फैलाने और अन्य क्षेत्रों में भी लागू करने से मछली पालन में एक नई दिशा मिलेगी।

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