ऑस्ट्रेलिया के मंसूबों पर पानी फेरने वाले रिषभ पंत के जीवन की कहानी है बेहद दिलचस्प… ऐसे बने उम्दा खिलाड़ी

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ब्रिस्बेन में चौथे और फाइनल टेस्ट मैच में धमाकेदार और शानदार पारी खेलने वाले ऋषभ पंत की […]

रिषभ पंत rishabh pant

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ब्रिस्बेन में चौथे और फाइनल टेस्ट मैच में धमाकेदार और शानदार पारी खेलने वाले ऋषभ पंत की हर किसी ने तारीफ की। इतना ही नहीं इसके लिए पंत को इनाम मिलने की झड़ी सी लग गई। जीत के नायक रहे विकेटकीपर बल्लेबाज रिषभ पंत के साथ JSW स्पोर्ट्स ने तो कई साल का करार भी कर लिया है।

ये रिषभ पंत की मेहनत ही है जिसके लिए आज उन्हें इनाम मिल रहे हैं। लेकिन ये इनाम ये वाहवाही उन्हें यूहीं नहीं मिल रही इसके लिए उन्होंने कड़ी तपस्या की है..तो चलिए जानते हैं इस खिलाड़ी के संघर्ष के बारे में…

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टीम इंडिया के नए पोस्टर ब्वॉय ऋषभ पंत में सिक्सर खिलाड़ी युवराज सिंह उनमें अपनी झलक देखते हैं। यहां तक पंत की तुलना एडम गिलक्रिस्ट से भी की जाती है। यूं तो हर इंसान की तरह पंत के जीवन में भी कई उतार-चढ़ाव रहे हैं लेकिन कम ही लोग जानते हैं कि इस खिलाड़ी की किस्मत इतनी तेजी से आखिर बदली कैसे…

बात उस समय की है जब 2016 तक ऋषभ अंडर-14 और अंडर-16 क्रिकेट खेला करते थे। उस समय कोई नहीं जानता था कि रिषभ पंत कौन हैं। लेकिन पिछले साल खेले गए अंडर-19 वर्ल्‍डकप में इस युवा खिलाड़ी शानदार प्रदर्शन के दम पर रातोंरात स्टार बन गया।

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कुछ ऐसे शुरु हुआ रिषभ का सफर

ऋषभ पंत ने क्रिकेट के गुर क्लब क्रिकेट से सीखे…तब वो दिल्ली के मशहूर क्लब सोनेट के लिए खेलते थे। रिषभ के कोच ने बताया कि हम एक टैलेंट हंट का आयोजन करते थे। पंत ने जब इसके बारे में सुना तो वो इसमें हिस्सा लेने के लिए अपनी मां के साथ सीधा रुड़की से दिल्‍ली चले आए। तब वो महज 12 साल के थे। रिषभ पंत ने अंडर-12 टूर्नामेंट में तीन शतक लगाए और मैन ऑफ द टूर्नामेंट रहे। पंत अपनी प्रतिभा के दम पर सोनेट में अपनी जगह बनाई और फिर लगातार बेहतरीन प्रदर्शन करते गए। इसके बाद उन्हें अंडर-19 टीम में चुन लिया गया।

गुरुद्वारे में लंगर खाकर करते थे प्रैक्टिस

रिषभ पंत जब रुड़की से दिल्ली आए तो यहां वो किसी को नहीं जानते थे और न ही उनका रहने का कोई ठिकाना था लेकिन हार नहीं मानने की ठाना। डटे रहे, मेहनत करते रहे…जब कहीं से कोई उम्मीद नहीं दिखाई दी तो भगवान भरोसे आगे बढ़ते गए। आखिरकार मोतीबाग के गुरुद्वारे में रहने का ठिकाना मिल गया…रिषभ गुरुद्वारे में ही रहते, वहीं से लंगर खाकर प्रैक्टिस के लिए निकल जाते थे। मां गुरुद्वारे में सेवा करतीं और रिषभ क्रिकेट में आगे बढ़ते गए। ये सिलसिला कई महीनों तक चला। धीरे-धीरे रिषभ की मेहनत रंग लाने लगी और फिर उन्होंने किराये पर कमरा ले लिया।

शानदार प्रदर्शन से आईपीएल फ्रैंचाइजी की नजरों में आए..

अपने शानदार प्रदर्शन की वजह से रिषभ आईपीएल में दिल्ली की टीम में शामिल हुए। उन्हें 10 लाख की बेस प्राइज में खरीदा गया…लेकिन बाद में यहीं 10 लाख वाला प्लेयर बाद में 1.9 करोड़ रुपये में लिया गया। उस वक्‍त पंत की उम्र महज 18 साल थी। हालांकि दो साल बाद 2018 में उन्‍हें मोटी रकम मिली। दिल्‍ली ने मौजूदा सीजन में पंत को 15 करोड़ रुपये में रिटेन किया है।

पिता की मौत के बाद भी क्रीज पर डटे रहे

बात आईपीएल 2017 की है…जब रिषभ रॉयल चैलेंजर्स बंगलोर टीम का हिस्सा थे। उस समय उनके पिता राजेंद्र पंत का देहांत हो गया। उनके पिता को दिल का दौरा पड़ा था.. पंत तुरंत रुड़की रवाना हो गए… पिता के अंतिम संस्कार से लौटकर पंत दोबारा टीम से जुड़ गए और अगले मैच में दिल्ली डेयरडेविल्स के खिलाफ 33 गेंदों पर अर्धशतक जड़ा। रिषभ ने कुल 36 गेंद पर 57 रन बनाए। इस पारी में रिषभ ने 3 चौके और 4 छक्के जड़े।

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