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मैं किसानों और खेती से जुड़ी काम की जानकारी तलाशने उत्तर प्रदेश के मेरठ गया था। वहाँ मेरी अमित त्यागी से मुलाकात हुई, जो वर्मीकम्पोस्टिंग के गुरु माने जाते हैं। पहले तीन पार्ट में हमने उनसे कई अहम सवाल पूछे। मसलन बेड बनाने के लिए कैसी होनी चाहिए मिट्टी और पानी? बेड बनाने का कौन सा तरीका है सबसे बेहतर? और बेड बनाने में कितनी आती है लागत? इन सब सवालों के जवाब आप ऊपर दिए गए लिंक पर जाकर पढ़ सकते हैं। अब इस चौथे और आखिरी पार्ट में हम वर्मीकम्पोस्ट बिज़नेस में ब्रांडिंग और मार्केटिंग के महत्व के बारे में जानेंगे।
वर्मीकम्पोस्ट यूनिट में कई तरह की सुविधाएं
अमित त्यागी ने वर्मीकम्पोस्ट यूनिट के अंदर ही अपना ऑफ़िस, लैब, ट्रेनिंग सेंटर बनाया हुआ है। लैब में मिट्टी और खाद से संबंधित जांच की सुविधा वो किसानों को देते हैं। साथ ही कई युवा और किसानों वर्मीकम्पोस्ट की ट्रेनिंग के लिए उनके फ़ार्म पर पहुंचते हैं।
कैसे देते हैं वर्मीकम्पोस्ट की ट्रेनिंग?
अमित त्यागी दो दिन का ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाते हैं। इसमें वो ऑर्गेनिक फ़ार्मिंग, जैविक खाद, वर्मीकम्पोस्टिंग के उत्पादन से लेकर मार्केटिंग तक की ट्रेनिंग देते हैं। पहले थ्योरी के ज़रिए समझाया जाता है फिर प्रैक्टिकल करवाए जाते हैं। साथ ही दो दिन की ट्रेनिंग के दौरान रहने, खाने और अन्य कई सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं।
कैसे करते हैं ब्रांडिंग और मार्केटिंग?
उन्होंने बताया कि मार्केट में कई तरह की पैकेजिंग मौजूद है। एक किलो से लेकर 10 किलो तक के कट्टे पैक किए जाते हैं। अगर आप खुदरा बाज़ार में बेचना चाहते हैं तो क्वालिटी वाली पैकेजिंग होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि जैसी आप पैकिंग करेंगे आपको वैसा ही दाम मिलेगा। आपको मार्केटिंग के लिए अपने प्रॉडक्ट की पूरी जानकारी होनी चाहिए। इसके साथ ही आपके प्रॉडक्ट की क्वालिटी भी अच्छी होनी चाहिए।
सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।