जैविक खेती तो सब करते हैं, राज कुमार राठौर का तरीक़ा हटके है

राज कुमार राठौर ने 1.5 एकड़ भूमि पर जैविक खेती और प्राकृतिक कृषि अपनाकर फ़सलों की गुणवत्ता बढ़ाई और स्थानीय किसानों के लिए एक आदर्श स्थापित किया।

जैविक खेती Organic Farming

उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले के रुपेठा गांव में रहने वाले राज कुमार राठौर एक प्रगतिशील किसान हैं, जिन्होंने अपने 1-5 एकड़ भूमि पर जैविक खेती और प्राकृतिक कृषि के जरिए न केवल अपनी फ़सलों की गुणवत्ता बढ़ाई है, बल्कि स्थानीय किसानों के लिए एक आदर्श भी प्रस्तुत किया है। 14 अप्रैल 1961 को जन्मे राज कुमार राठौर ने पारंपरिक खेती के साथ-साथ आधुनिक जैविक और प्राकृतिक कृषि पद्धतियों को अपनाकर अपने क्षेत्र में खेती को नई दिशा दी है।

जैविक खेती की दिशा में योगदान (Contribution towards organic farming) 

राज कुमार राठौर ने अपने खेतों में जैविक खेती (Organic Farming)को बढ़ावा दिया है। उन्होंने गोबर, जैविक खाद, और प्राकृतिक कीटनाशकों का इस्तेमाल करके अपने खेतों को पूरी तरह से रसायन मुक्त बनाया है। इसके साथ ही, उन्होंने अपने खेत में मिट्टी की उर्वरता को बनाए रखने के लिए फ़सल चक्रीकरण (crop rotation) की विधि को अपनाया है।  

  1. गोबर और जैविक खाद का उपयोग:

राज कुमार अपने खेतों में केवल जैविक खाद जैसे गोबर की खाद और जीवामृत का उपयोग करते हैं। इससे न केवल मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार हुआ है, बल्कि उनकी फ़सलों की पौष्टिकता और स्वाद भी बेहतर हुआ है।  

  1. प्राकृतिक कीटनाशक:  

राज कुमार ने नीम का तेल और गोमूत्र से तैयार प्राकृतिक कीटनाशकों का उपयोग करना शुरू किया है, जो फ़सलों को हानिकारक कीटों से बचाने में मदद करते हैं। इससे उनकी फ़सलें स्वस्थ रहती हैं और उत्पादन लागत भी कम होती है।  

  1. फ़सल विविधता और चक्रीकरण:  

राज कुमार ने अपने खेतों में फ़सल विविधता अपनाई है। उन्होंने धान, गेहूं, मक्का और दालों की खेती के साथ-साथ सब्जियों की खेती भी शुरू की है। इसके अलावा, फ़सल चक्रीकरण का उपयोग करके उन्होंने मिट्टी की उर्वरता को बनाए रखा है।  

सीमित संसाधनों में नई संभावनाएं (New possibilities with limited resources) 

राज कुमार के पास 1-5 एकड़ की भूमि है, लेकिन उन्होंने इसे इतने अच्छे से प्रबंधित किया है कि उनकी खेती अन्य किसानों के लिए प्रेरणा बन गई है। उनके प्रयासों से यह सिद्ध हुआ है कि सीमित संसाधनों में भी नवाचार और मेहनत के बल पर बेहतर उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है।  

  1. स्थानीय बाज़ार में पहचान:  

राज कुमार के खेतों में उत्पादित फ़सलें पूरी तरह जैविक होने के कारण उनकी मांग स्थानीय बाज़ार में अधिक है। उनके ग्राहक उनकी फ़सलों की गुणवत्ता और पौष्टिकता की तारीफ़ करते हैं।  

  1. खुद की लागत कम करना:

जैविक और प्राकृतिक खेती के कारण राज कुमार की लागत में भारी कमी आई है। रसायनिक खाद और कीटनाशकों पर निर्भरता कम होने से उनकी खेती टिकाऊ और पर्यावरण के अनुकूल बन गई है।  

किसानों के लिए प्रेरणा (Inspiration for farmers) 

राज कुमार राठौर न केवल एक सफल किसान हैं, बल्कि अन्य किसानों के लिए प्रेरणा स्रोत भी हैं। उन्होंने अपने अनुभव और ज्ञान को अपने क्षेत्र के अन्य किसानों के साथ साझा किया है। वह अपने गांव और आसपास के क्षेत्र में जैविक खेती (Organic Farming) को बढ़ावा देने के लिए किसानों को प्रशिक्षित करते हैं।  

  1. जागरूकता अभियान:  

राज कुमार अपने क्षेत्र के किसानों के लिए जागरूकता अभियान चलाते हैं। वह उन्हें जैविक खेती (Organic Farming) के लाभ और इसकी पद्धतियों के बारे में बताते हैं। उनके प्रयासों से कई किसानों ने जैविक खेती (Organic Farming)को अपनाना शुरू किया है।  

  1. सामाजिक जुड़ाव:  

राज कुमार ने सोशल मीडिया के माध्यम से भी किसानों को जागरूक करना शुरू किया है। वह व्हाट्सएप और अन्य प्लेटफार्म्स पर किसानों के लिए समूह बनाकर खेती से संबंधित सुझाव और जानकारी साझा करते हैं।  

सरकारी योजनाओं का लाभ न लेना (Not taking advantage of government schemes)

अब तक राज कुमार ने किसी भी सरकारी योजना का लाभ नहीं लिया है। हालांकि, वह सरकारी योजनाओं और सब्सिडी के बारे में जानकारी प्राप्त करने और उनका उपयोग करने की दिशा में प्रयासरत हैं। उनका मानना है कि यदि सरकार की योजनाओं का सही उपयोग किया जाए, तो किसानों की स्थिति में सुधार लाया जा सकता है।  

भविष्य की योजनाएं (future plans) 

राज कुमार राठौर का लक्ष्य अपने खेती मॉडल को और अधिक उन्नत बनाना और अन्य किसानों के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत करना है।  

  1. जैविक उत्पादों का विस्तार:  

वह अपने जैविक उत्पादों को स्थानीय बाज़ार से बाहर राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाने की योजना बना रहे हैं।  

  1. प्राकृतिक खेती का प्रचार-प्रसार:  

राज कुमार अधिक से अधिक किसानों को जैविक और प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए प्रेरित करना चाहते हैं।  

  1. नई तकनीकों का उपयोग:  

वह अपनी खेती में नई तकनीकों और संसाधनों को शामिल करने की दिशा में काम कर रहे हैं, ताकि उनकी खेती और अधिक टिकाऊ और लाभदायक बन सके।  

  1. उत्पादन बढ़ाने की योजना:  

राज कुमार अपनी फ़सलों के उत्पादन को बढ़ाने के लिए नए प्रयोगों और शोध में निवेश करने की योजना बना रहे हैं।  

राज कुमार राठौर ने जैविक खेती के क्षेत्र में अपनी मेहनत, लगन और नवीन सोच के दम पर एक नई पहचान बनाई है। उनकी खेती न केवल पर्यावरण के अनुकूल है, बल्कि यह स्थानीय बाज़ार में भी एक भरोसेमंद ब्रांड बन गई है।  

निष्कर्ष (conclusion)

उनकी कहानी यह संदेश देती है कि सीमित संसाधनों और छोटे भूमि क्षेत्र में भी नवाचार और सही दृष्टिकोण के माध्यम से खेती को लाभदायक बनाया जा सकता है। राज कुमार जैसे किसान भारत के कृषि क्षेत्र को एक नई दिशा दे रहे हैं और अन्य किसानों को भी प्रेरित कर रहे हैं। उनके प्रयास निश्चित रूप से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मज़बूत करेंगे और भारतीय कृषि को टिकाऊ और समृद्ध बनाएंगे।  

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सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।

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