किसान सम्मान निधि की किस्त नहीं मिली तो ज़रूर पढ़ें
पुश्तैनी ज़मीन के ऐसे हिस्सेदार जिनके नाम पर खेत नहीं है उन्हें सम्मान निधि का लाभ नहीं मिलेगा
PMKSN योजना का फ़ायदा उठाने वाले करीब 33 लाख अयोग्य लोगों से किस्तों की रकम वापस भी ली जाएगी। ये रकम करीब 2,500 करोड़ रुपये है। अयोग्य लाभार्थियों की संख्या के घटाने के बाद भी किसान सम्मान निधि का फ़ायदा करीब सवा 11 करोड़ लोगों को मिलेगा। दिसम्बर 2019 से शुरू हुए PMKSN योजना के तहत किसानों के खाते में दो-दो हज़ार रुपये की तीन किस्तों के रूप में सालाना 6,000 रुपये भेजे जाते हैं। इसके लाभार्थियों के बैंक खातों से उनके आधार नम्बर का जुड़ा होना ज़रूरी है।
यदि आप ऐसे किसान हैं जिनके बैंक खाते में अभी तक प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (Pradhan Mantri Kisan Samman Nidhi, PMKSN) की सातवीं किस्त के 2,000 रुपये नहीं पहुँचे हैं तो ये ख़बर आपके लिए ही है। सरकार ने सातवीं किस्त 25 दिसम्बर 2020 को जारी की थी और आठवीं किस्त मार्च के आख़िरी तक सिर्फ़ योग्य लाभार्थियों के पास भेजी जाएगी।
अयोग्य लाभार्थियों से वसूली होगी
PMKSN योजना का फ़ायदा उठाने वाले करीब 33 लाख अयोग्य लोगों से किस्तों की रकम वापस भी ली जाएगी। ये रकम करीब 2,500 करोड़ रुपये है। अयोग्य लाभार्थियों की संख्या के घटाने के बाद भी किसान सम्मान निधि का फ़ायदा करीब सवा 11 करोड़ लोगों को मिलेगा। दिसम्बर 2019 से शुरू हुए PMKSN योजना के तहत किसानों के खाते में दो-दो हज़ार रुपये की तीन किस्तों के रूप में सालाना 6,000 रुपये भेजे जाते हैं। इसके लाभार्थियों के बैंक खातों से उनके आधार नम्बर का जुड़ा होना ज़रूरी है। PMKSN योजना में 2,500 करोड़ रुपये के घपले-घोटाले की पोल खुलने के बाद सरकार ने इसकी पुरानी व्यवस्था में भी कुछ बदलाव भी किये हैं।
अब कौन हैं PMKSN के लिए योग्य?
- अब लाभार्थियों के ख़ुद के नाम पर खेत का होना ज़रूरी है। यानी, अब पहले की तरह पुश्तैनी ज़मीन में हिस्सेदारी रखने वालों को योजना का लाभ नहीं मिलेगा।
- जो किसान इनकम टैक्स का भुगतान करते हों वे भी अपात्र होंगे।
- दस हजार से अधिक पेंशन पाने वाले किसान को भी योग्य नहीं माना जाएगा।
- सरकारी कर्मचारी, पेशेवर डॉक्टर, इंजीनियर, चार्टर्ड एकान्टेंट, वकील, आर्किटेक्ट, सांसद, विधायक, मेयर, ज़िला पंचायत अध्यक्ष जैसे संवैधानिक पदों पर मौजूद लोग भी योजना का लाभ नहीं पा सकते, भले ही वो किसान भी हों और उनके नाम से खेती की ज़मीन भी हो।
कैसे करें गलती में सुधार?
PMKSN के पुराने लाभार्थियों को अपने रजिस्ट्रेशन फ़ॉर्म में अपनी ज़मीन का ब्यौरा जुड़वा लेना चाहिए। वर्ना, PMKSN की किस्त अटक सकती है। हालाँकि, केन्द्रीय कृषि मंत्रालय ने साफ़ किया है कि नये नियमों का असर पुराने लाभार्थियों पर नहीं पड़ेगा। लेकिन फंड ट्रांसफर उन्हीं लाभार्थियों को किया जाएगा, जिनका डेटा उनकी राज्य सरकार प्रमाणित करेगी। लिहाज़ा, लाभार्थियों को आधार नम्बर सही होना अनिवार्य है।
रजिस्ट्रेशन फ़ार्म की गलतियों को किसान ख़ुद भी ‘फार्मर्स कॉर्नर’ पर जाकर या कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) के ज़रिये सुधार सकते हैं। पीएम किसान पोर्टल pmkisan.gov.in पर मौजूद ‘फार्मर्स कॉर्नर’ के ज़रिये किसान अपने नाम में आधार कार्ड पर मौजूद नाम के मुताबिक बदलाव भी कर सकते हैं। आधार नम्बर में सुधार के लिए ‘एडिट आधार फेलियर रिकार्ड’ (edit adhar failure record) को क्लिक करके वहाँ सही ब्यौरा डालना चाहिए।
नये रजिस्ट्रेशन का तरीका
- gov.in पर Farmers Corner पर जाएँ
- यहाँ ‘New Farmer Registration’ का विकल्प चुनें
- अब आधार नम्बर और कैप्चा कोड डालकर अपना राज्य चुने और प्रोसेस को आगे बढ़ायें।
- फॉर्म में अपना बैंक खाता नम्बर और खेत से जुड़ा ब्यौरा भरकर फॉर्म सबमिट करें।