Table of Contents
अजय कुमार बेनीवाल, हरियाणा के झज्जर ज़िले के दादनपुर गांव के एक प्रगतिशील किसान है। अजय कृषि क्षेत्र में इनोवेशन और ग्नीन एनर्जी के उपयोग का अनूठा उदाहरण हैं। उनकी हाई-टेक नर्सरी, जो राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड से मान्यता प्राप्त है, मिट्टी रहित पौध तैयार करने की आधुनिक तकनीक का उपयोग करती है। सौर ऊर्जा के उपयोग से संचालित ये नर्सरी क्षेत्र में एक मिसाल बनी हुई है।
शुरुआत का सफर
अजय बताते हैं:
“मैंने पारंपरिक खेती से शुरुआत की थी, लेकिन मुझे जल्दी ही ये एहसास हुआ कि कृषि क्षेत्र में नवाचार ही टिकाऊ भविष्य का आधार है। इसलिए मैंने हाई-टेक नर्सरी स्थापित करने का निर्णय लिया।”
हरियाणा जैसे क्षेत्र में जहां भूमि की उर्वरता और जल की उपलब्धता एक चुनौती है, अजय ने मिट्टी रहित पौध तैयार करने की तकनीक अपनाई। यह तकनीक न केवल संसाधनों की बचत करती है, बल्कि पौधों की गुणवत्ता और उत्पादन क्षमता को भी बढ़ाती है।
मिट्टी रहित पौध: उन्नत तकनीक का प्रयोग
अजय की नर्सरी की सबसे खास बात यह है कि यहां पौधे बिना मिट्टी के उगाए जाते हैं।
तकनीकी पहलू (Technical Aspects):
1. कोको पीट और लाइट का उपयोग (Use of coco peat and light): पौध उगाने के लिए कोकोपीट और पर लाइट जैसे हल्के माध्यम का उपयोग किया जाता है, जो पौधों को आवश्यक नमी और पोषण प्रदान करता है।
2.तापमान नियंत्रण (Temperature Control): नर्सरी में तापमान को नियंत्रित करने के लिए आधुनिक तकनीक का उपयोग किया जाताहै, जिससे पौधों को आदर्श परिस्थितियां मिलतीहैं।
3.हाइड्रोपोनिक्स और एयरोपोनिक्स (Hydroponics and Aeroponics): कुछ पौधे हाइड्रोपोनिक्स और एयरोपोनिक्स तकनीक के माध्यम से उगाए जाते हैं, जो जल और पोषण का कुशल उपयोग सुनिश्चित करताहै।
सौर ऊर्जा का उपयोग (Use of solar energy): टिकाऊ कृषि की ओर कदम
अजय की नर्सरी पूरी तरह से सौर ऊर्जा से संचालित होती है। उन्होंने सोलर ट्यूब वेल कनेक्शन के माध्यम से अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा किया है।
फायदे:
•ऊर्जा लागत में कमी (Reduce energy costs): सौर ऊर्जा के उपयोग से बिजली की लागत लगभग शून्य हो गई है।
•पर्यावरण संरक्षण (Environmental Protection): ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन न होने से यह तकनीक पर्यावरण केअनुकूल है।
•निरंतर संचालन (Continuous Operation): सौर ऊर्जा के उपयोग से नर्सरी हर मौसम में सुचारु रूप से संचालित होती है।
अजय का कहना है:
“सोलर एनर्जी से न केवल मेरी उत्पादन लागत घटी है, बल्कि यह पर्यावरण संरक्षण की दिशा में मेरा छोटा सा योगदान है।”
किसानों के लिए वरदान: उच्च गुणवत्ता वाली पौध
अजय की नर्सरी में तैयार पौध किसानों के लिए एक वरदान है।
पौधों की विशेषताएं (Features of plants):
1.उच्च गुणवत्ता (high quality): पौधों को उन्नत तकनीक और पोषक तत्वों के संतुलित उपयोग से तैयार किया जाता है।
2.कीट प्रतिरोधी (insect repellent): इन पौधों में कीटों और बीमारियों के प्रति अधिक प्रतिरोधक क्षमता होती है।
3.बेहतर उत्पादकता (Better Productivity): यह पौधे अधिक उपज देते हैं, जिससे किसानों की आय बढ़ती है।
एक स्थानीय किसान सुरेश कहते हैं:
“अजय जी से खरीदी गई पौधों से मेरी उपज में 30% तक का इजाफा हुआ है। उनकी नर्सरी ने हमें बेहतर तकनीक अपनाने के लिए प्रेरित किया है।”
सरकारी योजनाओं का लाभ (Benefits of government schemes)
अजय ने सोलर ट्यूब वेल कनेक्शन के लिए सरकारी योजना का लाभ उठाया।
फायदे:
•जल और ऊर्जा की बचत।
•सिंचाई के लिए सौर ऊर्जा का उपयोग।
•उत्पादकता में सुधार।
सरकारी योजनाओं के समर्थन से अजय ने अपनी नर्सरी को सस्टेनेबल और कम लागत वाली बनाया।
सफलता की कहानी
अजय की नर्सरी हर महीने 10,000 से अधिक पौधों का उत्पादन करती है। इनमें फल, सब्जी, और फूलों के पौधे शामिल हैं।
वार्षिक आय (Annual Income):
•नर्सरी से उनकी वार्षिक आय 10 लाख रुपये तक पहुंच चुकी है।
•पौधों की बिक्री से 7 लाख रुपये।
•सह-फसल और अन्य गतिविधियों से 3 लाख रुपये।
अजय कहते हैं:
“सही तकनीक और योजना के साथ कृषि में असीम संभावनाएं हैं। मैंने इसे अपनाकर खुद को और अपने क्षेत्र के किसानों को आत्मनिर्भर बनाया है।”
भविष्य की योजनाएं (future plans)
अजय अपने नर्सरी प्रोजेक्ट को और विस्तार देने की योजना बना रहे हैं।
आगामी लक्ष्य:
1.डिजिटल मार्केटिंग (Digital Marketing): ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से पौधों की बिक्री बढ़ाना।
2.प्रशिक्षण केंद्र (Training Center): किसानों को नई तकनीकों के लिए प्रशिक्षित करना।
3.निर्यात (Export): पौधों को अंतरराष्ट्रीय बाजारों में ले जाना।
अजय का संदेश:
अजय किसानों को सलाह देते हैं कि वे आधुनिक तकनीकों को अपनाएं और अपनी खेती को टिकाऊ और लाभदायक बनाएं। वे कहते हैं:
“परंपरागत तरीकों से हटकर नई तकनीकों को अपनाने का समय आ गया है। जैविक और उन्नत कृषि ही भविष्य का रास्ता है।”
अजय कुमार बेनीवाल की कहानी हमें यह सिखाती है कि नवाचार, समर्पण और सही दृष्टिकोण से कृषि क्षेत्र में क्रांति लाई जा सकती है। उनकी हाई-टेक नर्सरी न केवल हरियाणा के किसानों के लिए प्रेरणा है, बल्कि पूरे देश के लिए एक आदर्श मॉडल है। उनकी पहल से किसानों की आय बढ़ी है, पर्यावरण को संरक्षण मिला है, और कृषि क्षेत्र में नई संभावनाओं के द्वार खुले हैं।
ये भी पढ़ें: जानिए कैसे उद्यमी स्टार्ट अप बढ़ा रहे हैं मधुमक्खी पालन करने वाले किसानों की कमाई?
सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।