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उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के रहटी गांव के निवासी अमित कुमार सिंह ने डेयरी फ़ार्मिंग के क्षेत्र में कदम रखने का फैसला किया है। उनका उद्देश्य न केवल गुणवत्तापूर्ण डेयरी उत्पाद उपलब्ध कराना है, बल्कि एक ऐसा मॉडल तैयार करना है जो अन्य किसानों के लिए भी प्रेरणादायक हो।
छोटे स्तर पर डेयरी फ़ार्मिंग की शुरुआत
अमित कुमार सिंह ने अपने सपने को साकार करने के लिए अपनी जमीन पर 30×120 वर्ग फीट का शेड तैयार करना शुरू किया है। इस शेड में पशुओं के बेहतर स्वास्थ्य और आराम के लिए सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
शुरुआत का उद्देश्य
अमित का उद्देश्य डेयरी फ़ार्मिंग का विस्तार कर प्रतिदिन 200+ लीटर दूध का उत्पादन करना है। इसके लिए वे आधुनिक प्रबंधन और संसाधनों का उपयोग कर उच्च गुणवत्ता वाले डेयरी उत्पाद उपलब्ध कराने की योजना बना रहे हैं, जिससे क्षेत्र में रोजगार और आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा। छोटे स्तर पर डेयरी फ़ार्मिंग से शुरूआत करने का मकसद यह है कि इससे ग्रामीण इलाकों में आर्थिक सुधार हो सके और छोटे किसान भी इस व्यवसाय से लाभान्वित हो सकें।
प्रसंस्करण इकाई की योजना
अमित दूध, घी, पनीर और बॉटलिंग जैसे उत्पादों को उच्च गुणवत्ता के साथ बाजार में उपलब्ध कराने के लिए एक प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित करने की योजना बना रहे हैं, जिससे उपभोक्ताओं को शुद्ध और ताज़ा डेयरी उत्पाद मिल सकें। छोटे स्तर पर डेयरी फ़ार्मिंग को बढ़ावा देने से स्थानीय किसानों को भी आर्थिक लाभ मिलेगा और यह ग्रामीण इलाकों में रोजगार सृजन में मदद करेगा।
आर्थिक बाधाओं और आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते कदम
कोरोना महामारी के कठिन समय में भी अमित ने अपनी मेहनत और संसाधनों के बल पर बिना किसी सहायता के छोटे स्तर पर डेयरी फ़ार्मिंग की शुरुआत की, जिससे आत्मनिर्भरता और दृढ़ संकल्प का उत्कृष्ट उदाहरण पेश किया।
कर्ज से दूरी
अमित ने कर्ज से बचते हुए अपनी खुद की आय और संसाधनों का उपयोग कर डेयरी फ़ार्मिंग की शुरुआत की, आत्मनिर्भरता और वित्तीय जिम्मेदारी का एक प्रेरणादायक उदाहरण प्रस्तुत किया।
चुनौतियां और सीख
अमित कहते हैं, “10 पशु पालना और 1 पशु पालना, दोनों में काफी अंतर होता है। बड़े स्तर पर काम करने के लिए अधिक प्रबंधन और समझ की जरूरत होती है।”
मार्केटिंग और वितरण
अमित वर्तमान में अपने डेयरी उत्पादों को छोटे स्तर पर स्थानीय डेयरी यूनिट्स को बेचते हैं। उनका लक्ष्य भविष्य में इन उत्पादों को सीधे उपभोक्ताओं तक पहुंचाना है, जिससे उनकी बिक्री बढ़े और वो अधिक ग्राहकों तक अपनी सेवाएं पहुंचा सकें।
भविष्य की योजना
अमित की योजना एक मजबूत मार्केटिंग रणनीति तैयार करने और अपने डेयरी उत्पादों को सीधे उपभोक्ताओं तक पहुंचाने की है। इससे वो अपनी बिक्री बढ़ाने और ग्राहक आधार को मजबूत करने की दिशा में कदम बढ़ाएंगे, जिससे उनका व्यवसाय अधिक सफल हो सके। अमित कुमार सिंह अपने डेयरी फार्म को एक आधुनिक और आत्मनिर्भर मॉडल बनाना चाहते हैं।
भौगोलिक लाभ
जौनपुर जिले के पास अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट और नेशनल हाइवे जैसी कनेक्टिविटी के साधनों का लाभ उठाकर अमित अपनी मार्केटिंग और वितरण रणनीति को और मजबूत करना चाहते हैं। इससे उन्हें दूर-दराज के क्षेत्रों तक अपनी सेवाओं को पहुंचाने में मदद मिलेगी और उनके व्यापार को तेजी से विस्तार मिलेगा।।
प्रशिक्षण और मार्गदर्शन
अमित डेयरी फ़ार्मिंग के नए और वैज्ञानिक तरीकों को सीखने के लिए विभिन्न माध्यमों से जानकारी और प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। वे विशेषज्ञों से मार्गदर्शन ले रहे हैं ताकि अपने व्यवसाय को और अधिक उन्नत और प्रभावी बना सकें, और गुणवत्ता में सुधार कर सकें।
निष्कर्ष
अमित कुमार सिंह की कहानी एक किसान के रूप में आत्मनिर्भरता, मेहनत और नई सोच का प्रतीक है। डेयरी फ़ार्मिंग में उनकी शुरुआत और भविष्य की योजनाएं ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार और विकास का नया रास्ता खोल सकती हैं। उनका लक्ष्य न केवल अपने परिवार की आय बढ़ाना है, बल्कि अपने काम से समाज को भी लाभ पहुंचाना है।
उनके जैसे प्रगतिशील किसान कृषि और डेयरी फ़ार्मिंग के क्षेत्र में क्रांति लाने में सक्षम हैं। अमित कुमार सिंह निश्चित रूप से एक प्रेरणादायक किसान हैं, जो अपनी मेहनत और सोच से डेयरी फ़ार्मिंग में नई ऊंचाइयां छूने की ओर अग्रसर हैं।
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