खाद्य प्रसंस्करण में किसान भरत कुमार नवाचार की ओर में बढ़ा रहें सफलता के कदम

भरत बताते हैं, “हमारे क्षेत्र में कृषि उत्पादों की अधिकता है, लेकिन इनका उचित रूप से प्रसंस्करण (Food Processing ) न होने के कारण किसानों को कम कीमत मिलती है। मैंने खाद्य प्रसंस्करण में कदम इसलिए रखा ताकि हमारे क्षेत्र के लोगों को उनके उत्पादों का सही मूल्य मिल सके और वे सीधे बाजार तक पहुँच सकें।” भरत का मानना है कि खाद्य प्रसंस्करण (Food Processing ) से जुड़े इन कदमों से स्थानीय समुदाय को आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलेगी।

खाद्य प्रसंस्करण में किसान भरत कुमार नवाचार की ओर में बढ़ा रहें सफलता के कदम

उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले के राठ गांव के निवासी कुमार खाद्य प्रसंस्करण (Food Processing ) के क्षेत्र में नए प्रयोग कर रहे हैं। उनके कार्यों में मांस काटना, हड्डियों से अलग करना, मछली और मांस को जमाना और धूम्रपान द्वारा संरक्षित करना, तेल निकालना और छानना, भोजन को डिब्बाबंद करना, खाद्य विकिरण के माध्यम से संरक्षण, अंडों का कैंडलिंग, और दूध का समरूपीकरण और पाश्चुरीकरण शामिल है। भरत कुमार का उद्देश्य न केवल अपने उत्पादों की गुणवत्ता को सुधारना है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर भी बढ़ाना है। 

खाद्य प्रसंस्करण की शुरुआत और प्रेरणा 

भरत बताते हैं, “हमारे क्षेत्र में कृषि उत्पादों की अधिकता है, लेकिन इनका उचित रूप से प्रसंस्करण (Food Processing ) न होने के कारण किसानों को कम कीमत मिलती है। मैंने खाद्य प्रसंस्करण में कदम इसलिए रखा ताकि हमारे क्षेत्र के लोगों को उनके उत्पादों का सही मूल्य मिल सके और वे सीधे बाजार तक पहुँच सकें।” भरत का मानना है कि खाद्य प्रसंस्करण (Food Processing ) से जुड़े इन कदमों से स्थानीय समुदाय को आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलेगी।

खाद्य प्रसंस्करण की तकनीकी जानकारी 

भरत कुमार ने अपने खाद्य प्रसंस्करण (Food Processing ) कार्यों में नवीन तकनीकों का उपयोग किया है। वे बताते हैं, “हम मांस और मछली को संरक्षित करने के लिए जमाने और धूम्रपान करने की तकनीक का उपयोग करते हैं। इससे उत्पाद की ताजगी और गुणवत्ता लंबे समय तक बनी रहती है।” इसके अलावा, वे अंडों का कैंडलिंग करते हैं, जिससे अंडों की गुणवत्ता की जांच की जा सकती है और उपभोक्ताओं को ताजगी से भरे उत्पाद मिलते हैं। तेल निकालने और छानने की प्रक्रिया में वे प्राकृतिक तकनीकों का उपयोग कर रहे हैं, जिससे तेल की पौष्टिकता बनी रहती है।

बाजार में पहुंच और भविष्य की योजनाएं 

भरत कुमार के लिए उनकी सबसे बड़ी चुनौती अपने उत्पादों को बड़े बाजार तक पहुँचाना है। वे बताते हैं, “हमारे क्षेत्र में प्रसंस्करण (Food Processing ) के बाद उत्पादों को भंडारण और मार्केटिंग के लिए सही नेटवर्क का अभाव है। मैं भविष्य में एक ऐसा नेटवर्क विकसित करना चाहता हूँ, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों के उत्पाद सीधे शहरों के बाजार में पहुँच सकें।” इसके साथ ही वे आधुनिक मशीनरी और तकनीकों का उपयोग कर उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार तैयार करने का भी लक्ष्य रखते हैं।

सरकारी योजनाओं का लाभ और विकास की संभावनाएं 

भरत कुमार जैसे उद्यमियों के लिए खाद्य प्रसंस्करण  (Food Processing ) क्षेत्र में विकास की अनेक संभावनाएँ हैं। वर्तमान में भरत ने किसी सरकारी योजना का लाभ नहीं उठाया है, लेकिन वे निकट भविष्य में इस क्षेत्र में उपलब्ध योजनाओं से लाभान्वित होने की आशा रखते हैं। सरकार द्वारा प्रारंभ की गई ‘प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण योजना’ (PMFME) जैसे कार्यक्रम विशेष रूप से छोटे और मध्यम उद्यमियों को समर्थन देने के लिए बनाए गए हैं। इस योजना का उद्देश्य किसानों, सूक्ष्म उद्यमियों, और स्वयं सहायता समूहों को संसाधन और मार्गदर्शन उपलब्ध कराना है ताकि वे अपने उत्पादों को बेहतर तरीके से प्रसंस्कृत और विपणित कर सकें।

पूंजी सब्सिडी, ब्याज छूट, और तकनीकी सहायता

इस योजना के अंतर्गत, उद्यमियों को पूंजी सब्सिडी, ब्याज छूट, और तकनीकी सहायता जैसे लाभ दिए जाते हैं, जो उनके व्यवसाय के विकास में सहायक हो सकते हैं। यदि भरत कुमार इस योजना का लाभ उठाते हैं, तो वे अपने प्रसंस्करण कार्य को और अधिक व्यावसायिक स्तर पर ले जा सकते हैं। वे अपने उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार ला सकते हैं और आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल कर अपने उत्पादों की लंबी अवधि के लिए भंडारण सुनिश्चित कर सकते हैं।

‘मुद्रा योजना’ और ‘खाद्य प्रसंस्करण उद्यमता योजना’

सरकार की अन्य योजनाएँ जैसे ‘मुद्रा योजना’ और ‘खाद्य प्रसंस्करण उद्यमता योजना’ (PMKSY) भी इस क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने और युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से संचालित की जा रही हैं। इन योजनाओं से भरत कुमार अपने प्रसंस्करण केंद्र को उच्च गुणवत्ता के मशीनरी से सुसज्जित कर सकते हैं और वितरण व्यवस्था को सुधार सकते हैं, जिससे उनके व्यवसाय की पहुँच विस्तारित हो सके।

सही जानकारी और मार्गदर्शन

विकास की संभावनाओं को देखते हुए भरत कुमार यह समझते हैं कि सही जानकारी और मार्गदर्शन के साथ इन योजनाओं का लाभ उठाकर वे अपने उत्पादों को एक व्यापक बाजार में पहुंचाने में सक्षम हो सकते हैं। सरकार द्वारा विभिन्न प्रोत्साहनों के तहत खाद्य प्रसंस्करण (Food Processing ) क्षेत्र के लिए विपणन, पैकेजिंग, और भंडारण के उन्नत साधनों की उपलब्धता बढ़ाई जा रही है, जिससे छोटे उद्यमियों को बेहतर अवसर मिल सकें। ऐसे में, यदि स्थानीय प्रशासन और कृषि विस्तार केंद्र जैसे संस्थान उन्हें इस दिशा में प्रशिक्षण और सहायता उपलब्ध कराएं, तो भरत कुमार जैसे किसानों के लिए यह खाद्य प्रसंस्करण (Food Processing ) के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर एक सशक्त कदम साबित हो सकता है। 

ग्रामीण विकास में योगदान 

भरत कुमार का मानना है कि खाद्य प्रसंस्करण (Food Processing ) में नवाचार से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों का सृजन किया जा सकता है। उनके अनुसार, “खाद्य प्रसंस्करण (Food Processing ) के क्षेत्र में कार्य करके न केवल हमारे किसानों की आय में बढ़ोतरी होती है, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी पैदा होते हैं।” उनका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं को इस कार्य से जोड़ना और उन्हें प्रशिक्षित करना है, ताकि वे इस उद्योग में अपने लिए स्थिर भविष्य बना सकें।

भरत कुमार के इन प्रयासों ने यह साबित कर दिया है कि सही दिशा में काम करके सीमित संसाधनों के बावजूद सफलता पाई जा सकती है। उनका उदाहरण उन सभी किसानों और उद्यमियों के लिए प्रेरणा है जो खाद्य प्रसंस्करण (Food Processing ) के क्षेत्र में कदम रखना चाहते हैं। 

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top