लाल प्याज की खेती में क्रांति लाने वाले किसान इंदरपाल यादव, 70 दिनों में पैदावार!

इंदरपाल ने लाल प्याज की खेती में नई तकनीकों का उपयोग किया, जिससे न केवल उन्होंने अपनी फसल की गुणवत्ता में सुधार किया, बल्कि उत्पादन में भी उल्लेखनीय वृद्धि की।

लाल प्याज की खेती

राजस्थान के खैरथल-तिजारा जिले के मासीत गांव के इंदरपाल यादव ने नई तकनीक के माध्यम से खेती में ऐसा नवाचार किया है, जिससे न केवल उनका परिवार आर्थिक तंगी से बाहर निकला, बल्कि उन्होंने हजारों किसानों को भी बेहतर फसल उत्पादन का मार्ग दिखाया। उनकी मेहनत, नवाचार और उद्यमिता ने उन्हें एक प्रगतिशील किसान के रूप में पहचान दिलाई है। खासतौर पर, इंदरपाल ने लाल प्याज की खेती में नवाचार किया, जिससे न केवल उन्होंने अपनी फसल की गुणवत्ता में सुधार किया, बल्कि उत्पादन में भी बढ़ोतरी की। इस खेती से उनके परिवार को आर्थिक रूप से सशक्त बनने में मदद मिली और उन्होंने यह साबित कर दिया कि कृषि में तकनीकी सुधारों से बड़ी सफलता प्राप्त की जा सकती है।

प्याज की खेती में नई तकनीक अपनाई

इंदरपाल यादव ने अपनी खेती की यात्रा महज 12 साल की उम्र में शुरू की। परिवार की आर्थिक स्थिति खराब थी और कर्ज का बोझ लगातार बढ़ रहा था। लेकिन इंदरपाल ने हार मानने की बजाय एक नई राह चुनी। उन्होंने लाल प्याज की खेती में नई तकनीकों का उपयोग करते हुए केवल 70 दिनों में फसल तैयार करने की विधि विकसित की।

यह तकनीक न केवल समय की बचत करती है, बल्कि फसल को ऐसे समय में तैयार करती है जब प्याज की मांग और कीमतें अपने चरम पर होती हैं, यानी अक्टूबर-नवंबर के महीने में।

कर्ज से मुक्ति और सफलता की कहानी

इंदरपाल की इस तकनीक ने उनके परिवार को कर्ज से उबरने में मदद की। उन्होंने यह साबित कर दिया कि सही समय पर फसल तैयार कर बाजार में पहुंचाने से किसानों को अधिक मुनाफा हो सकता है।

उनकी खेती की विशेषताएं:

  1. 70 दिनों में तैयार फसल: पारंपरिक खेती में प्याज की फसल 4 महीने में तैयार होती है, लेकिन लाल प्याज की खेती में इंदरपाल ने इसे 70 दिनों में तैयार करने की तकनीक विकसित की।
  2. उच्च गुणवत्ता और बाजार मूल्य: फसल को बाजार में उच्चतम कीमतों पर बेचने का मौका मिलता है।
  3. कम लागत, अधिक मुनाफा: नई तकनीक से लागत कम आती है और उत्पादन अधिक होता है।

यूट्यूब चैनल के माध्यम से जागरूकता फैलाना

इंदरपाल यादव ने अपनी सफलता की कहानी को साझा करने और अन्य किसानों को प्रशिक्षित करने के लिए यूट्यूब चैनल शुरू किया।

  1. 12 लाख से अधिक किसान जुड़े: उनके चैनल के माध्यम से लगभग 12 लाख किसान उनसे जुड़ चुके हैं।
  2. नई तकनीकों की जानकारी: प्याज की खेती की नई तकनीकों को समझाने के लिए वे वीडियो बनाते हैं।
  3. प्रेरणा स्रोत: उनके चैनल ने देशभर के किसानों को खेती के प्रति प्रेरित किया है।

आर्थिक स्थिति और खेती का विस्तार

इंदरपाल यादव की आय 1-10 लाख रुपये प्रतिवर्ष है।

उनकी खेती की विशेषताएं:

  1. भूमि जोत: उनके पास 1 एकड़ से कम भूमि है, लेकिन उन्होंने इसे बेहतर तरीके से उपयोग में लाया है।
  2. फसल की रणनीति: सही समय पर फसल तैयार कर बाजार में ऊंचे दाम पर बेचने की रणनीति।

सरकारी योजनाओं और समर्थन का उपयोग

इंदरपाल यादव ने अभी तक किसी सरकारी योजना का लाभ नहीं लिया है। हालांकि, उनके प्रयास और नवाचार इस बात का उदाहरण हैं कि बिना किसी बाहरी मदद के भी कैसे सफलता हासिल की जा सकती है।

किसानों के लिए संदेश और भविष्य की योजनाएं

इंदरपाल यादव का मानना है कि “किसानों को तकनीक के साथ कदम से कदम मिलाकर चलना चाहिए।”

वे चाहते हैं कि किसान नई तकनीकों को अपनाएं और अपनी फसल की गुणवत्ता और उत्पादन को बढ़ाएं।

उनकी भविष्य की योजनाएं हैं:

  1. तकनीक का विस्तार: देशभर में किसानों तक अपनी तकनीक को पहुंचाना।
  2. नवाचार में सुधार: खेती के अन्य क्षेत्रों में नई तकनीकों का उपयोग करना।
  3. समुदायिक समर्थन: किसानों के लिए सामुदायिक सहायता और प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करना।

इंदरपाल यादव की प्रेरणादायक कहानी

इंदरपाल यादव की कहानी यह साबित करती है कि सीमित संसाधनों के बावजूद, सही दृष्टिकोण और नवाचार के माध्यम से बड़ी सफलता हासिल की जा सकती है। उनकी मेहनत और जुनून ने न केवल उनके परिवार को एक बेहतर जीवन दिया, बल्कि देशभर के किसानों को एक नई दिशा दिखाई है। उनका योगदान खेती के क्षेत्र में एक क्रांति के समान है और वे कृषि क्षेत्र के लिए एक प्रेरणा स्रोत बने हुए हैं।

सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।

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