टेक्नोलॉजी और सोशल मीडिया कॉम्बिनेशन के संग जुगनू छिल्लर का कृषि में क्रांति का सपना

जुगनू छिल्लर ने पारंपरिक खेती को नए आयाम दिए हैं।वे नई टेक्नोलॉजी और प्रगतिशील किसानों (Progressive Farmers) की कहानियों को शेयर करके देशभर के किसानों को प्रेरित कर रहे हैं।

जुगनू छिल्लर का कृषि में क्रांति का सपना

हरियाणा के झज्जर ज़िले के खेरी होसदारपुर गांव के जुगनू छिल्लर ने पारंपरिक खेती को नए आयाम दिए हैं। 1994 में जन्मे जुगनू न केवल किसान हैं, बल्कि  यूट्यूबर के रूप में भी अपनी पहचान बना चुके हैं। वे नई टेक्नोलॉजी और प्रगतिशील किसानों (Progressive Farmers) की कहानियों को शेयर करके देशभर के किसानों को प्रेरित कर रहे हैं। उनका उद्देश्य है कि किसान अपनी आय बढ़ाने और खेती को उन्नत बनाने के लिए नई तकनीकों को अपनाएं।

शुरुआत का सफर

जुगनू बताते हैं:

“मैंने अपनी यात्रा छोटे पैमाने की खेती से शुरू की थी। हालांकि मेरे पास सिर्फ 1 एकड़ भूमि थी, लेकिन मैंने तय किया कि इस सीमित संसाधन को आधुनिक तकनीक और सोशल मीडिया के जरिए ज़्यादा से ज़्यादा उपयोग में लाऊंगा।”

खेती के प्रति उनकी रुचि और डिजिटल माध्यमों की समझ ने उन्हें एक नई दिशा दी। वे यूट्यूब चैनल के माध्यम से किसानों के लिए एक नई उम्मीद बनकर उभरे हैं।

सोशल मीडिया: किसानों का मंच

जुगनू छिल्लर ने यूट्यूब चैनल के जरिए किसानों को नई तकनीकों और प्रगतिशील कहानियों से जोड़ने की शुरुआत की।

उनके चैनल की विशेषताएं:

1. प्रगतिशील किसानों की कहानियां: चैनल पर उन किसानों की कहानियों को दिखाया जाता है जिन्होंने आधुनिक तकनीकों और विचारों को अपनाकर अपनी आय में वृद्धि की है।

2.तकनीकी जानकारी: किसान ड्रिप इरिगेशन, जैविक खेती, और उन्नत बीजों के उपयोग के बारे में विस्तृत जानकारी पाते हैं।

3.सशक्तिकरण का माध्यम: चैनल उन किसानों को प्रोत्साहित करता है जो नई तकनीकों के प्रति अनभिज्ञ हैं।

उनके चैनल के एक नियमित दर्शक रामपाल कहते हैं:

“जुगनू जी के वीडियो देखकर मैंने ड्रिप इरिगेशन अपनाई, जिससे मेरी सिंचाई लागत 30% तक कम हो गई।”

ड्रिप इरिगेशन: जल संरक्षण की मिसाल

जुगनू ने अपनी खेती में ड्रिप इरिगेशन तकनीक अपनाई और इसके लिए सरकारी सब्सिडी का लाभ उठाया।

ड्रिप इरिगेशन के फायदे:

•जल की बचत: इस तकनीक ने उनकी पानी की खपत को 40% तक कम कर दिया।

•उत्पादकता में वृद्धि: पौधों को समय पर और संतुलित पानी मिलने से उपज में 20% तक सुधार हुआ।

•लागत में कमी: पारंपरिक सिंचाई की तुलना में सिंचाई की लागत कम हो गई।

जुगनू बताते हैं:

“ड्रिप इरिगेशन तकनीक ने मेरी खेती को लाभदायक बना दिया है। इससे न केवल जल की बचत हुई, बल्कि मिट्टी की उर्वरता भी बरकरार रही।”

प्रगतिशील किसानों की कहानियां: प्रेरणा का स्रोत

जुगनू का यूट्यूब चैनल उन किसानों की कहानियां भी साझा करता है जिन्होंने अपने प्रयासों से खेती को नए आयाम दिए।

इन कहानियों का प्रभाव:

1.छोटे और सीमांत किसानों को तकनीकी ज्ञान।

2.उन्नत खेती के विचारों को बढ़ावा।

3.नई तकनीकों को अपनाने के लिए प्रोत्साहन।

एक किसान सुरेश यादव कहते हैं:

“जुगनू जी की प्रेरणा से मैंने मल्चिंग तकनीक अपनाई, जिससे मेरी सब्जियों की गुणवत्ता में सुधार हुआ।”

सरकारी योजनाओं का लाभ:

जुगनू ने ड्रिप इरिगेशन योजना के तहत सरकारी सब्सिडी का लाभ उठाया।

सरकारी योजनाओं की विशेषताएं:

•सब्सिडी से सिंचाई सिस्टम की स्थापना में मदद।

•जल संरक्षण तकनीकों को अपनाने का प्रोत्साहन।

•लागत को कम करने और उत्पादकता बढ़ाने में सहायता।

सरकार की इन योजनाओं का लाभ उठाकर जुगनू ने अपने खेत को आदर्श मॉडल में बदल दिया।

आर्थिक प्रभाव और आय में वृद्धि

जुगनू के यूट्यूब चैनल और खेती ने उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत बनाया।

आय स्रोत:

1.यूट्यूब चैनल: चैनल के माध्यम से वे ब्रांड प्रमोशन और विज्ञापनों से आय अर्जित करते हैं।

2.खेती: आधुनिक तकनीकों और ड्रिप इरिगेशन से उत्पादकता बढ़ाकर उन्होंने अपनी खेती को लाभकारी बनाया।

आंकड़े:

•वार्षिक आय: 10 लाख रुपये तक।

•खेती से 6 लाख रुपये और सोशल मीडिया से 4 लाख रुपये।

भविष्य की योजनाएं

जुगनू छिल्लर अपनी यूट्यूब यात्रा और खेती को और विस्तार देना चाहते हैं।

लक्ष्य

1.अधिक किसानों तक पहुंच: यूट्यूब चैनल को बढ़ावा देकर अधिक किसानों को तकनीकी जानकारी देना।

2.नई तकनीकों को अपनाना: ड्रोन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी आधुनिक तकनीकों को अपनी खेती में शामिल करना।

3.प्रशिक्षण कार्यक्रम: क्षेत्रीय किसानों को प्रशिक्षण देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना।

निष्कर्ष

जुगनू छिल्लर की कहानी दिखाती है कि कैसे एक सीमित संसाधनों वाला किसान भी नवाचार और डिजिटल माध्यमों के जरिए कृषि क्षेत्र में बड़ा बदलाव ला सकता है। उनका यूट्यूब चैनल न केवल किसानों को जागरूक कर रहा है, बल्कि आधुनिक तकनीकों के प्रति उनकी सोच को भी बदल रहा है। उनकी मेहनत और दृष्टिकोण हर उस किसान के लिए प्रेरणा है, जो खेती को केवल आजीविका नहीं, बल्कि एक सफल व्यवसाय के रूप में देखना चाहता है।

जुगनू कहते हैं:

“खेती अब केवल हल चलाने तक सीमित नहीं है। यह एक विज्ञान है, जिसे सही तरीके से अपनाया जाए तो इसमें असीम संभावनाएं हैं।” 

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