अचल कुमार मिश्रा ने कैसे आधुनिक खेती से गन्ना उत्पादन में किया क्रांतिकारी बदलाव, जानें

उत्तर प्रदेश के अचल कुमार मिश्रा ने आधुनिक खेती के माध्यम से गन्ना उत्पादन में नवाचार और सफलता के नए आयाम स्थापित किए हैं, जो किसानों के लिए प्रेरणादायक हैं।

आधुनिक खेती Modern Farming

उत्तर प्रदेश के खीरी जिले के भीरा गांव के निवासी अचल कुमार मिश्रा ने अपनी मेहनत और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से आधुनिक खेती के जरिए गन्ना उत्पादन में नए आयाम स्थापित किए हैं। 1982 में जन्मे अचल ने पारंपरिक खेती से शुरुआत की और आज अपनी नवाचारी तकनीकों और उन्नत खेती के तरीकों के लिए राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर सम्मानित हो चुके हैं। उनका सफर भारतीय किसानों के लिए प्रेरणा का स्रोत है।

शुरुआती संघर्ष और आधुनिक खेती की ओर कदम

अचल ने अपनी कृषि यात्रा साधारण गन्ना खेती से शुरू की, जिसमें पारंपरिक विधियों के माध्यम से प्रति हेक्टेयर 700-800 क्विंटल गन्ने का उत्पादन होता था। लेकिन उनके मन में हमेशा यह सवाल उठता था कि कैसे आधुनिक खेती के तरीकों का उपयोग करके खेती को अधिक लाभकारी और टिकाऊ बनाया जाए।

उन्होंने वैज्ञानिक ट्रेंच विधि (Trench Method) को अपनाया, जिससे उत्पादन बढ़कर 1000-1200 क्विंटल प्रति हेक्टेयर हो गया। हालांकि, इस विधि में उत्पादन तो बढ़ा, लेकिन लागत भी अधिक थी।
वे बताते हैं: “ट्रेंच विधि के बाद मुझे महसूस हुआ कि हमें खेती में नवाचार और आधुनिक खेती के तरीकों की आवश्यकता है। इसी सोच के साथ मैंने रिंग पिट विधि (Ring Pit Method) पर काम शुरू किया।”

रिंग पिट विधि: एक क्रांतिकारी बदलाव और आधुनिक खेती का उदाहरण

अचल ने रिंग पिट विधि में गन्ने की बुवाई के लिए गड्ढों की दूरी 21 इंच और लाइन की दूरी 42 इंच रखी। इस तकनीक से उनके खेतों में उत्पादन में भारी वृद्धि हुई। जहां पहले उत्पादन 1200 क्विंटल प्रति हेक्टेयर था, वहीं रिंग पिट विधि से यह बढ़कर 1800-2000 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पहुंच गया।
वे कहते हैं: “यह विधि आधुनिक खेती के सिद्धांतों पर आधारित है। इससे न केवल उत्पादन बढ़ा, बल्कि लागत भी कम हुई।”

उत्पादन में बढ़ोतरी और आधुनिक खेती का प्रभाव

अचल की मेहनत और नवाचार का परिणाम साफ दिखता है। उनके खेतों में गन्ने की पैदावार 2017-18 में 3296 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पहुंच गई। इस अद्वितीय उपलब्धि के लिए उन्हें राज्य और जिला स्तर पर कई पुरस्कार मिले।
अचल बताते हैं: “गन्ना उत्पादन में सुधार केवल आधुनिक खेती के तरीके अपनाने से संभव हुआ। नई तकनीकें किसानों के लिए वरदान हैं।”

सम्मान और उपलब्धियां: 

अचल की नवाचारी खेती ने उन्हें कई सम्मान दिलाए हैं। इनमें से कुछ प्रमुख हैं:

  1. राज्य स्तरीय पुरस्कार
    • 2007-08: गन्ना प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार।
    • 2017-18: गन्ना उत्पादन में उत्कृष्टता का राज्य स्तरीय पुरस्कार।
    • 2020-21: उत्कृष्ठ एकीकृत कृषि पुरस्कार।
  2. राष्ट्रीय पुरस्कार
    • 2024: IARI, दिल्ली द्वारा इनोवेटिव फार्मर अवार्ड।
    • 2021: कैन-ओवेटर अवार्ड, ICAR शुगरकेन ब्रीडिंग इंस्टीट्यूट, कोयंबटूर।
    • 2024: मिलियनेयर फार्मर ऑफ इंडिया अवार्ड।
  3. जिला स्तरीय पुरस्कार
    • 2012-13, 2016-17, 2017-18 और 2018-19 में सर्वश्रेष्ठ गन्ना उत्पादक किसान।

सरकारी योजनाओं का लाभ और जागरूकता

अचल ने कई सरकारी योजनाओं का लाभ उठाया, जिनमें प्रमुख हैं:

  1. आधुनिक मशीनरी का उपयोग
    उन्होंने पेडी स्ट्रॉ चॉपर, मल्चर, थ्रेशर जैसी मशीनों का उपयोग किया, जिससे कृषि लागत कम हुई और उत्पादकता बढ़ी।
  2. फसल अवशेष प्रबंधन
    सरकार द्वारा जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से अचल ने फसल अवशेषों को जलाने की बजाय खाद बनाने के लिए डीकंपोजर का उपयोग शुरू किया।
  3. सिंचाई योजनाएं
    प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत उन्होंने ड्रिप और फव्वारा सिंचाई विधि का लाभ उठाया।
    वे बताते हैं: “सरकारी योजनाओं से हमें न केवल आधुनिक खेती के उपकरण मिले, बल्कि तकनीकी सहायता भी प्राप्त हुई।”

किसानों के लिए प्रेरणा और आधुनिक खेती को अपनाने की आवश्यकता

अचल ने अपनी सफलता को अपने तक सीमित नहीं रखा। उन्होंने अपने अनुभव और ज्ञान को अन्य किसानों के साथ साझा किया। आज उनके मार्गदर्शन में कई किसान उन्नत गन्ना उत्पादन की तकनीक अपना रहे हैं।
वे कहते हैं: “मेरा सपना है कि हर किसान आधुनिक खेती के तरीकों का उपयोग कर अपनी आय दोगुनी करे।”

खेती के अनुभव: अचल से बातचीत

प्रश्न: रिंग पिट विधि अपनाने की प्रेरणा कैसे मिली?
अचल: ट्रेंच विधि में लागत अधिक थी, इसलिए मैंने सोचा कि क्यों न ऐसी विधि अपनाई जाए जो कम लागत में अधिक उत्पादन दे। रिंग पिट विधि से यह संभव हो सका।

प्रश्न: किसानों को क्या सलाह देंगे?
अचल: मैं किसानों से कहना चाहता हूं कि नई तकनीकों को अपनाने से घबराएं नहीं। यह आपके खेत और पर्यावरण दोनों के लिए लाभदायक हैं।

प्रश्न: आपको सबसे बड़ी चुनौती क्या लगी?
अचल: शुरुआत में किसानों को समझाना मुश्किल था। लेकिन जब उन्होंने परिणाम देखे, तो खुद इस विधि को अपनाने लगे।

प्रश्न: आपने सरकार की किन योजनाओं से लाभ उठाया और उनका क्या प्रभाव पड़ा?
अचल: प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना और फसल अवशेष प्रबंधन जैसी योजनाओं से मुझे आधुनिक खेती के उपकरणों का उपयोग करने का मौका मिला। इससे खेती आसान और उत्पादक हो गई।

प्रश्न: आपके लिए सबसे यादगार उपलब्धि क्या रही?
अचल: 2017-18 में 3296 क्विंटल प्रति हेक्टेयर गन्ने का उत्पादन करना मेरे लिए सबसे खास उपलब्धि थी। यह मेरी मेहनत और आधुनिक खेती के तरीकों का परिणाम था।

भविष्य की योजनाएं: आधुनिक खेती का फैलाव

अचल मिश्रा का सपना है कि वे अपनी तकनीकों को पूरे देश में फैलाएं। वे चाहते हैं कि हर किसान आधुनिक खेती की विधियों का उपयोग करे और अपनी आय बढ़ाए।
“भारत का हर किसान समृद्ध हो, यही मेरा सपना है। आधुनिक खेती हमें इस लक्ष्य तक पहुंचा सकती है।”

निष्कर्ष

अचल कुमार मिश्रा की कहानी यह साबित करती है कि सही दृष्टिकोण और मेहनत से आधुनिक खेती के तरीकों को अपनाकर कृषि में क्रांतिकारी बदलाव लाया जा सकता है। उनकी रिंग पिट विधि न केवल गन्ना उत्पादन को बढ़ाने में सहायक है, बल्कि यह टिकाऊ खेती का भी एक उत्कृष्ट उदाहरण है। उनकी यह यात्रा यह सिखाती है कि यदि किसान अपनी सोच को वैज्ञानिक दृष्टिकोण के साथ जोड़ें, तो न केवल उनकी आय बढ़ेगी, बल्कि भारतीय कृषि का भविष्य भी उज्जवल होगा।

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सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।

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