शोभा राम : कृषि क्षेत्र में New Technologies को अपनाकर लिखी सफलता की इबारत

शोभा राम ने कृषि में नई तकनीकों का इस्तेमाल कर फसल उत्पादन की परिभाषा ही बदल दी है। उन्होंने मल्टी-क्रॉपिंग सिस्टम अपनाया, जिससे एक ही खेत में कई फसलें उगाई जा रही हैं। उनकी खेती में धान के साथ केला, टमाटर, फूल गोभी, पत्ता गोभी, खीरा, बैंगन, गन्ना और हरी मिर्च की फसलें शामिल हैं।

शोभा राम : कृषि क्षेत्र में New Technologies को अपनाकर लिखी सफलता की इबारत

उत्तर प्रदेश के अयोध्या ज़िले के पूरे रामदीन का पुरवा मंगलसी गांव के एक प्रेरणादायक किसान, शोभा राम ने खेती की परंपरागत सोच को तोड़ते हुए कृषि क्षेत्र में नई तकनीकों (New Technologies) को अपनाकर सफलता की इबारत लिखी है, जो हर किसान के लिए मिसाल बन सकती है।

खेत में नई तकनीक का जादू

शोभा राम ने कृषि में नई तकनीकों का इस्तेमाल कर फसल उत्पादन की परिभाषा ही बदल दी है। उन्होंने मल्टी-क्रॉपिंग सिस्टम अपनाया, जिससे एक ही खेत में कई फसलें उगाई जा रही हैं। उनकी खेती में धान के साथ केला, टमाटर, फूल गोभी, पत्ता गोभी, खीरा, बैंगन, गन्ना और हरी मिर्च की फसलें शामिल हैं। लेकिन ये सिर्फ फसल उगाने तक सीमित नहीं है। शोभा राम की तकनीक में कम लागत और बेहतर उत्पादन का ऐसा मेल है, जिससे न केवल मुनाफा बढ़ा है, बल्कि खेती में नए आयाम जुड़े हैं।

पुरस्कारों से सजी कामयाबी की राह

शोभा राम को उनकी मेहनत और नई तकनीकों के उपयोग के लिए कई सम्मान मिले हैं। उन्होंने मिर्च की खेती में जिला स्तर पर, बैंगन में मंडल स्तर पर, और केले और आलू की खेती में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं। बकरी पालन में भी उनका काम सराहनीय है। यह सफलता उनकी दूरदृष्टि और निरंतर प्रयोगशीलता का नतीजा है।

छोटे किसान, बड़ा मुनाफा

1 से 5 एकड़ जमीन पर खेती करने वाले शोभा राम की सालाना आय 1 से 10 लाख रुपये के बीच है। यह साबित करता है कि सीमित संसाधनों के साथ भी अगर सही तकनीक और मेहनत हो, तो बड़ा मुनाफा कमाया जा सकता है।

सरकारी योजनाओं का सहारा नहीं

दिलचस्प बात यह है कि शोभा राम ने अपनी सफलता के लिए किसी भी सरकारी योजना का सहारा नहीं लिया। उन्होंने खुद के अनुभव और मेहनत से यह मुकाम हासिल किया है। उनका मानना है कि खेती में आत्मनिर्भरता सबसे बड़ी ताकत है।

खेती का नया मॉडल

शोभा राम का खेत सिर्फ एक उत्पादन स्थल नहीं, बल्कि एक मॉडल फार्म बन चुका है। यहां किसान सीखने आते हैं कि कैसे कम संसाधनों के साथ अधिकतम लाभ कमाया जा सकता है। उन्होंने स्थानीय किसानों को भी नई तकनीकों के प्रति जागरूक किया है और उन्हें परंपरागत खेती से बाहर निकलने की प्रेरणा दी है।

क्या है शोभा राम की सफलता का राज?

  1. नवीनतम तकनीकों का उपयोग: मल्टी-क्रॉपिंग और स्मार्ट फार्मिंग जैसी विधियों का उपयोग।
  2. जमीन का सही इस्तेमाल: 1-5 एकड़ की जमीन पर फसलों का सही संयोजन।
  3. कम लागत, ज्यादा मुनाफा: खेती में ऐसी तकनीकों का उपयोग, जो लागत घटाए और उत्पादन बढ़ाए।
  4. किसानों को प्रेरित करना: स्थानीय किसानों को प्रोत्साहित कर उन्हें भी आधुनिक खेती की ओर ले जाना।

हर किसान के लिए सीख

शोभा राम की कहानी हर किसान के लिए एक सीख है। यह बताती है कि खेती सिर्फ मेहनत का काम नहीं, बल्कि तकनीक और इनोवेशन के साथ इसे एक फायदे का सौदा बनाया जा सकता है।

शोभा राम से सीखें सफलता का मंत्र

शोभा राम कहते हैं, “खेती में इनोवेशन और सही प्रबंधन से ही हम अपनी जमीन की क्षमता का सही उपयोग कर सकते हैं। मेहनत के साथ तकनीक का मेल हर किसान को आत्मनिर्भर बना सकता है।”

तो दोस्तों, अगर आप भी खेती में नई तकनीकों का उपयोग करके अपनी पैदावार बढ़ाना और कम लागत में ज्यादा मुनाफा कमाना चाहते हैं, तो शोभा राम की कहानी से प्रेरणा लें।

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