राजेंद्र कुमार शर्मा को मिली जैविक खेती से सफलता की नई दिशा

जैविक खेती से राजेंद्र कुमार शर्मा ने न केवल अपनी जीवनशैली सुधारी, बल्कि किसानों के लिए प्रेरणा भी बने। यह खेती पर्यावरण और किसानों दोनों के लिए फ़ायदेमंद है।

जैविक खेती Organic Farming

उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के निवासी राजेंद्र कुमार शर्मा ने जैविक खेती को अपनाकर न केवल अपनी जीवनशैली को बेहतर किया, बल्कि अपने गांव और आसपास के किसानों के लिए एक मिसाल पेश की है। राजेंद्र का मानना है कि जैविक खेती सिर्फ़ किसानों के लिए नहीं, बल्कि पूरे पर्यावरण के लिए फ़ायदेमंद है। उन्होंने अपनी मेहनत और लगन से यह साबित कर दिया है कि छोटे से खेत से भी बड़े पैमाने पर सफलता हासिल की जा सकती है।

जैविक खेती की ओर कदम (move towards organic farming)

राजेंद्र ने शुरू में पारंपरिक खेती की थी, लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता गया, उन्हें महसूस हुआ कि रासायनिक उर्वरक और कीटनाशकों से न केवल मिट्टी की उर्वरता घट रही है, बल्कि उनकी खेती में भी गिरावट आ रही है। इसके बाद, उन्होंने Organic Farming अपनाने का निर्णय लिया। राजेंद्र बताते हैं, “मैंने जैविक खेती को इसलिए अपनाया क्योंकि इसमें न केवल उत्पादन की गुणवत्ता बढ़ती है, बल्कि मिट्टी की उर्वरता भी बनी रहती है।”

राजेंद्र की खेती में आज विभिन्न प्रकार के मोटे अनाज, जैसे बाजरा, मक्का और गेहूं के अलावा सब्जियां और फल भी उगाए जाते हैं। उनका मानना है कि Organic Farming में प्राकृतिक संसाधनों का सही उपयोग किया जाता है, जिससे ना केवल उत्पादन अच्छा होता है, बल्कि वातावरण भी स्वच्छ रहता है।

सरकारी योजनाओं का लाभ (Benefits of government schemes)

राजेंद्र ने सरकारी योजनाओं का भी पूरा लाभ उठाया है। उन्हें प्रधानमंत्री किसान योजना के तहत आर्थिक सहायता प्राप्त हुई, जिससे उन्होंने अपनी खेती को और बेहतर बनाने के लिए नए उपकरण और उर्वरक खरीदे। उन्होंने बताया, “सरकारी योजनाओं से मुझे बहुत मदद मिली है, जिससे मेरी खेती में सुधार आया है और मेरी आय में भी वृद्धि हुई है।”

जैविक खेती के आर्थिक फ़ायदे (Economic benefits of organic farming)

राजेंद्र के अनुसार, जैविक खेती न केवल पर्यावरण के लिए लाभकारी है, बल्कि आर्थिक दृष्टिकोण से भी यह फ़ायदे का सौदा है। “परंपरागत खेती में जहां रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों पर भारी खर्च होता है, वहीं Organic Farming में खर्च बहुत कम होता है। इसमें प्राकृतिक उर्वरकों का उपयोग किया जाता है, जो मिट्टी के लिए भी अच्छा होता है,” उन्होंने कहा। इसके अलावा, जैविक उत्पादों की बाज़ार में अच्छी मांग है, जिससे राजेंद्र को अपने उत्पादों की अच्छे दाम मिलते हैं।

बाज़ार में जैविक उत्पादों की मांग (Demand for organic products in the market)

आजकल लोग स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हो गए हैं और वे रासायनिक मुक्त, जैविक उत्पादों की ओर बढ़ रहे हैं। राजेंद्र के अनुसार, “अब लोग जैविक खेती से उगाए गए उत्पादों को ज्यादा पसंद करते हैं, क्योंकि ये उनकी सेहत के लिए फ़ायदेमंद होते हैं।” उनका कहना है कि जैविक उत्पादों की बाज़ार में अच्छी मांग है और इसके कारण उनकी आमदनी में वृद्धि हुई है।

किसान समुदाय के लिए प्रेरणा (Inspiration for the farming community)

राजेंद्र की जैविक खेती ने उनके गांव के अन्य किसानों को भी प्रेरित किया है। वह कहते हैं, “मेरे गांव के कुछ किसान अब Organic Farming की ओर रुख कर रहे हैं। मैं उन्हें वर्मी कम्पोस्ट और जैविक उर्वरकों के बारे में बताता हूं, ताकि वे भी इस तकनीक को अपनाकर सफलता प्राप्त कर सकें।” उनका मानना है कि यदि किसानों को सही मार्गदर्शन मिले तो वे Organic Farming से बेहतर परिणाम प्राप्त कर सकते हैं।

जैविक खेती में चुनौतियां और भविष्य की योजना (Challenges and future plans in organic farming)

हालांकि, राजेंद्र को जैविक खेती शुरू करने में कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने इन्हें अवसर के रूप में लिया। “शुरुआत में जैविक खेती के बारे में बहुत कम जानकारी थी और कई बार डर भी लगता था कि उत्पादन कम न हो जाए,” वे कहते हैं। लेकिन अब वह आत्मनिर्भर हो चुके हैं और उनका मानना है कि यदि सरकार और संस्थाएं Organic Farming के प्रचार-प्रसार में और मदद करें, तो देशभर में जैविक खेती को बढ़ावा मिल सकता है।

आने वाले समय में, राजेंद्र Organic Farming का दायरा बढ़ाना चाहते हैं। वह कहते हैं, “मेरे पास अब 1 एकड़ ज़मीन है, लेकिन मैं आगे जैविक फल और अन्य उत्पादों की खेती करने का सोच रहा हूं। इससे मेरी आय और बढ़ेगी और मैं ज्यादा किसानों को इस दिशा में प्रेरित कर सकूंगा।”

निष्कर्ष (conclusion)

राजेंद्र कुमार शर्मा की कहानी यह साबित करती है कि Organic Farming न केवल किसानों के लिए आर्थिक लाभ का जरिया हो सकती है, बल्कि यह पर्यावरण को भी बचाने में सहायक है। उनके प्रयासों ने यह साबित कर दिया है कि यदि सही तकनीक और मेहनत हो, तो कोई भी किसान Organic Farming से सफलता प्राप्त कर सकता है। उनके जैसी सोच रखने वाले किसान भारतीय कृषि में क्रांतिकारी बदलाव ला सकते हैं, और जैविक खेती से भविष्य में और भी अधिक किसान अपनी जिंदगी में बदलाव ला सकते हैं।

राजेंद्र कुमार शर्मा की सफलता की कहानी हर किसान के लिए प्रेरणा का स्रोत बन सकती है, जो Organic Farming को अपनाकर अपनी आय बढ़ाना चाहते हैं।

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