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कृषि क्षेत्र में नई तकनीक का उपयोग आज के समय में बेहद महत्वपूर्ण हो चुका है। समय के साथ बदलाव और नवाचार के बिना कृषि में स्थिरता लाना कठिन है। इस बदलते समय में कुछ ऐसे किसान हैं, जिन्होंने कृषि में नई तकनीक का इस्तेमाल कर न केवल अपनी उपज में वृद्धि की है, बल्कि पूरे क्षेत्र में एक प्रेरणा भी स्थापित की है। महाराष्ट्र के पुणे जिले के पिलनवाडी गांव के किसान, प्रकाश मोहनलाल बाफना ने कृषि में नई तकनीक को अपनाकर यह साबित कर दिया है कि सही दिशा में किए गए प्रयासों से किसी भी चुनौती का सामना किया जा सकता है।
कृषि में नई तकनीक की दिशा में उठाया पहला कदम (First step taken towards new technology in agriculture)
प्रकाश मोहनलाल बाफना ने वर्ष 2000 के आस-पास अपनी खेती में कीटनाशकों का उपयोग शुरू किया, लेकिन यह उनकी खेती की शुरुआत भर थी। जैसे-जैसे उन्होंने देखा कि रासायनिक कीटनाशकों से खेती में लागत बढ़ रही थी और पर्यावरण पर बुरा असर पड़ रहा था, उन्होंने धीरे-धीरे जैविक कीटनाशकों की ओर रुख किया। कृषि में नई तकनीक के तहत बाफना जी ने बायोपेस्टिसाइड्स जैसे ट्राइकोडर्मा विरिडे, ट्राइकोडर्मा हार्ज़ियनम, प्स्यूडोमोनास फ्लोरेसेंस, और बैसिलस सुभटिलिस का इस्तेमाल शुरू किया। इसके साथ ही, उन्होंने बायोइन्सेक्टिसाइड्स जैसे ब्योवेरिया बैसियाना, वर्टिसिलियम लेकानी, और मेटाराइजियम एनीसोप्लाई का उपयोग भी नियमित रूप से किया।
इन जैविक उपायों के चलते उनके खेतों में बीमारियों और कीटों से लड़ने की क्षमता बेहतर हुई। सबसे अहम बात यह रही कि जैविक कीटनाशकों का उपयोग करने से न केवल उत्पादन में वृद्धि हुई, बल्कि फ़सलों की गुणवत्ता में भी सुधार आया।
बायोफर्टिलाइजर्स और पर्यावरण के अनुकूल खेती (Biofertilizers and eco-friendly farming)
प्रकाश जी का मानना है कि केवल कीटनाशकों का उपयोग ही कृषि में सुधार नहीं ला सकता, बल्कि मृदा की गुणवत्ता को भी बढ़ाना जरूरी है। इसके लिए उन्होंने बायोफर्टिलाइजर्स का उपयोग शुरू किया, जिससे रासायनिक उर्वरकों की जरूरत 40% तक कम हो गई। उन्होंने नाइट्रोजन-फिक्सिंग बैक्टीरिया, पीएसबी (Phosphate Solubilizing Bacteria), केएमबी (KMB), और जेडएसबी (ZSB) जैसे बायोइनोकुलेंट्स का नियमित रूप से उपयोग किया। इसके परिणामस्वरूप मृदा में पोषक तत्वों की उपयुक्तता बढ़ी और फ़सलों की पैदावार में भी इजाफा हुआ।
प्रकाश जी की इस तकनीक ने न केवल लागत में कमी की, बल्कि उनके खेतों में उर्वरता की गुणवत्ता भी बेहतर हुई। आज, उनके खेतों में बायोफर्टिलाइजर्स का इस्तेमाल करने से उर्वरक दक्षता (FUE) बढ़ी और रासायनिक उर्वरकों की खपत 60% तक घट गई।
पुरस्कार और मान्यता (Awards and recognition)
प्रकाश मोहनलाल बाफना की कृषि में नई तकनीक के उपयोग और उनके द्वारा किए गए नवाचारों को पहचान मिली है। उन्हें 2024 में IARI Farmer Award से नवाजा गया। इसके अलावा, 2024 में Lokmat Marudhar Award और 2022 में NRCP Farmer Award जैसी कई मान्यताएं प्राप्त हुई हैं। 2018 में उन्हें Ready for Challenges of New Millennium अवार्ड भी मिला, जो उनकी मेहनत और कृषि में नई तकनीक को अपनाने के प्रति समर्पण को दर्शाता है।
नई तकनीकों का प्रभाव (The impact of new technologies)
प्रकाश जी ने कृषि में नई तकनीक के विभिन्न पहलुओं को अपनाया और उसके सकारात्मक परिणाम देखे। उनकी खेती में 25% रासायनिक कीटनाशकों का उपयोग कम हुआ, जबकि जैविक कीटनाशकों और बायोफर्टिलाइजर्स के उपयोग से पैदावार में भी वृद्धि हुई। उन्होंने ग्रेप, पोम और अमरूद की फ़सलों में इन तकनीकों का प्रभाव देखा, जहाँ इन फ़सलों ने बेहतर रोग प्रतिरोधक क्षमता और कीट प्रतिकारक गुण दिखाए, जिससे उपज और गुणवत्ता दोनों में सुधार हुआ।
प्रकाश जी की सफलता केवल उनके खुद के लिए नहीं है, बल्कि वह किसानों के लिए एक प्रेरणा बन चुके हैं। उनकी विधियों ने किसानों को यह दिखाया है कि कैसे नई तकनीक के साथ खेती की गुणवत्ता और लाभ में वृद्धि की जा सकती है।
कृषक समुदाय के लिए प्रेरणा (Inspiration for the farming community)
प्रकाश मोहनलाल बाफना का सफर यह साबित करता है कि कृषि में नई तकनीक को अपनाकर ही किसान अपनी उपज और आय में वृद्धि कर सकते हैं। उन्होंने जैविक कीटनाशकों और बायोफर्टिलाइजर्स के नियमित उपयोग के माध्यम से किसानों को एक नया रास्ता दिखाया है। उनकी सफलता का राज यही है कि वह समय-समय पर कृषि में नई तकनीक अपनाते रहते हैं और पर्यावरण का भी ध्यान रखते हैं।
कृषि में नई तकनीक का उपयोग एक बदलाव का प्रतीक है। यह न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाता है, बल्कि पर्यावरण को भी सुरक्षित रखता है। जैसे-जैसे अधिक किसान बाफना जी की तरह नई तकनीक को अपनाएंगे, वैसे-वैसे कृषि क्षेत्र में एक नया बदलाव आएगा, जो भविष्य में और अधिक समृद्ध होगा।
निष्कर्ष (conclusion)
प्रकाश मोहनलाल बाफना ने कृषि में नई तकनीक के प्रभावी उपयोग से यह साबित कर दिया है कि अगर किसान नए तरीकों को अपनाते हैं, तो वह न केवल अपनी खेती की गुणवत्ता में सुधार कर सकते हैं, बल्कि पर्यावरण की सुरक्षा भी कर सकते हैं। उनके जैसे प्रगतिशील किसानों से हम सभी को प्रेरणा मिलती है कि कृषि क्षेत्र में निरंतर नवाचार और तकनीकी सुधार जरूरी हैं, ताकि हम अपनी खेती को और अधिक लाभकारी बना सकें।
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