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‘अन्नदाता’ शब्द भारतीय संस्कृति में सबसे सम्मानजनक उपाधियों में से एक है। लेकिन एक कड़वी सच्चाई ये है कि यही अन्नदाता अक्सर अपनी फसल के दाम तय करने, उसे सुरक्षित रखने और वक्त पर लोन पाने की जद्दोजहद में खुद को बेबस पाता है। पारंपरिक कृषि व्यवस्था में बिचौलिया (आढ़तिया) के चंगुल, असुरक्षित गोदाम और लोन के लिए बार-बार दौड़ लगाना आम रहा है। लेकिन अब, ये तस्वीर बदल रही है। वेयरहाउसिंग डेवलपमेंट एंड रेगुलेटरी अथॉरिटी (Warehousing Development and Regulatory Authority) यानी WDRA और उसके डिजिटल सारथी – e-NWR (Electronic Negotiable Warehouse Receipt) और e-Kisan Upaj Nidhi (eKUN) – एक क्रांतिकारी बदलाव की नींव रख रहे हैं।
सिर्फ एक रसीद नहीं, एक दस्तावेज़ है e-NWR
e-NWR सिर्फ एक डिजिटल रसीद नहीं है, ये किसान की फसल का ‘डिजिटल पासपोर्ट’ है। जब एक किसान अपनी उपज को WDRA रजिस्टर्ड गोदाम में जमा करता है, तो उसे ये e-NWR रसीद मिलती है। इस एक दस्तावेज में वो ताकत है जो किसान को बिचौलियों से मुक्त करती है।
ऋण की सुविधा
e-NWR एक ‘नकारोटिएबल’ यानी transferable दस्तावेज़ है। इसका सीधा मतलब है कि किसान को अपनी फसल बेचे बिना ही लोन मिल सकता है। वो इस e-NWR को गिरवी रखकर बैंक से 80 फीसदी तक का ऋण तुरंत पा सकते है। इससे उसे बाज़ार के सही दाम का इंतजार करने की आजादी मिलती है; उसे मजबूरी में सस्ते दाम पर फसल नहीं बेचनी पड़ती।
फसल की सुरक्षा और क्वालिटी
WDRA रजिस्टर गोदाम वैज्ञानिक तरीके से बने होते हैं, जहां फसल नमी, कीड़ों और ख़राब होने से सेफ रहती है। e-NWR पर फसल की क्वालिटी, क्वाटिटी और जमा करने की तारीख जैसी सभी जानकारियां रजिस्टर रहती हैं, जिससे किसी भी तरह के विवाद की गुंजाइश नहीं रहती।
e-Kisan Upaj Nidhi (eKUN): गोदाम भंडारण लागत की टेंशन से मुक्ति
फसल को गोदाम में रखने की लागत अक्सर छोटे किसानों के लिए एक बड़ी रूकावट थी। eKUN पोर्टल ने इस परेशानी का भी हल निकाला है। इसके तहत किसान गोदाम का किराया अदा करने के बजाय, अपनी e-NWR रसीद के आधार पर ‘उपज ऋण ब्याज सब्सिडी’ (Yield Loan Interest Subsidy) के रूप में सहायता पा सकता है। ये सरकार की ओर से मिलने वाली सब्सिडी है, जो गोदाम भंडारण की लागत को कम करके किसान के लाभ को ज़्यादा करती है।
शिकायत दर्ज करें और तुरंत पाएं समाधान
WDRA ने सिर्फ लेन-देन को ही डिजिटल नहीं बनाया है, बल्कि शिकायत निवारण प्रक्रिया (Grievance Redressal Process) को भी पारदर्शी और कारगर बनाया है। अब किसान अपनी शिकायत ऑनलाइन दर्ज कर सकते हैं, उसे ट्रैक कर सकते हैं और एक यूनिक रेफरेंस नंबर के जरिए तुरंत समाधान पा सकते हैं। ये ‘सीधा संवाद’ की कॉन्सेप्ट को साकार करता है, जहां किसान को किसी भी समस्या के लिए दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ते।
किसान की आत्मनिर्भरता की ओर एक बड़ा कदम
WDRA, e-NWR और eKUN पोर्टल का Combination भारतीय कृषि के लिए एक गेम-चेंजर साबित हो रहा है। ये Technology and policy का एक ऐसा मॉडल है जो किसान को उसकी मेहनत का सही मूल्य दिलाने, उसे फाइनेंशली मज़बूत बनाने और उसे बाज़ार का असली खिलाड़ी बनाने की दिशा में एक मजबूत आधार देता है।
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