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केरल (Kerala) की हरियाली अब डिजिटल तकनीक (Digital Technology) से और भी संपन्न होने जा रही है। राज्य के कृषि विभाग (State Agriculture Department) ने एक ऐतिहासिक पहल की शुरुआत की है वो है पूरे राज्य में डिजिटल क्रॉप सर्वे (Digital Crop Survey)। ये सिर्फ एक सर्वे नहीं, बल्कि कृषि क्षेत्र को डेटा पर आधारित, पारदर्शी और ज़्यादा फायदेमंद बनाने की एक क्रांतिकारी कोशिश है। इसका उद्देश्य राज्य के हर किसान, हर खेत और हर फसल का सटीक, अप-टू-डेट डिजिटल डेटाबेस (Up-to-date digital database) तैयार करना है, जो भविष्य की कृषि नीतियों की रीढ़ बनेगा।
क्या है डिजिटल क्रॉप सर्वे और ये कैसे काम करता है?
डिजिटल क्रॉप सर्वे (Digital Crop Survey) पारंपरिक रेवेन्यू रिकॉर्ड पर निर्भरता को खत्म करने वाली एक आधुनिक प्रोसेस है। ये केवल रिकॉर्ड करने तक सीमित नहीं है कि जमीन खेती के अंदर आती है या नहीं, बल्कि ये फसल के प्रकार, सिंचाई की स्थिति, भूमि की गुणवत्ता और कुल क्षेत्रफल जैसे micro data को डिजिटल रूप से इकट्ठा करता है।
इसकी प्रक्रिया अत्याधुनिक तकनीक पर आधारित है:
1.भूमि का फ़िजिकल वैरिफिकेशन: चुने गए सर्वेक्षक सीधे खेतों का दौरा करेंगे।
2.जियो-टैगिंग: GPS तकनीक की मदद से हर खेत की सटीक फिजिकल लोकेशन मार्क्ड की जाएगी। इससे ज़मीन के दस्तावेजों में हेराफेरी या गड़बड़ी की संभावना खत्म हो जाएगी।
3.फोटोग्राफिक सबूत: खेत और फसल की तस्वीरें ली जाएंगी, जो एक Visual evidence and records के तौर पर काम आएंगी।
4.रीयल-टाइम डेटा एंट्री: एकत्र सभी जानकारी को surveyor एक स्पेशल मोबाइल ऐप के जरिए तुरंत अपलोड कर देंगे। ये डेटा सीधे राज्य और केंद्र सरकार के डेटाबेस में पहुंच जाएगा।
ये सर्वे साल में दो बार-खरीफ और रबी, दोनों मौसमों में किया जाएगा, ताकि डेटा हमेशा ताजा और Relevant बना रहे।
किसानों के लिए ‘गेम-चेंजर’ साबित होगा ये सर्वे
इस डिजिटल सर्वे का सबसे बड़ा और सीधा फायदा राज्य के किसानों को मिलेगा। यह डेटाबेस किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने में आने वाली बाधाओं को दूर करेगा।
1.सीधे और रुकावट-मुक्त फायदा
इस डेटाबेस के बन जाने के बाद, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN) जैसी स्कीम की धनराशि सीधे और तेजी से Beneficiaries के खाते में पहुंचेगी। नकली या गैर-जरूरी लाभार्थियों की संभावना खत्म हो जाएगी।
2.फसल बीमा में ट्रासपेरेंसी
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के तहत, फसल क्षति का आकलन अब और भरोसेमंद होगा। जियो-टैग्ड फोटो और सटीक डेटा दावे की प्रोसेस को आसान और पारदर्शी बनाएंगे।
3.आसान एग्रीकल्चर लोन
किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) और अन्य कृषि ऋण योजनाओं के लिए अप्लाई करना सरल हो जाएगा। बैंकों के पास किसान और उसकी ज़मीन का सत्यापित डिजिटल रिकॉर्ड उपलब्ध होगा, जिससे लोन मंजूरी का प्रोसेस तेज होगा।
4.सटीक पॉलिसी मेकिंग
सरकार के पास अब कृषि उत्पादन, भूमि उपयोग और संसाधनों का सटीक डेटा होगा। इससे बीज, उर्वरक, सिंचाई जैसी सुविधाओं की योजना बनाना आसान होगा और संकट के समय जल्दी और प्रभावी कदम उठाए जा सकेंगे।
कृषि के भविष्य की नींव
केरल का डिजिटल क्रॉप सर्वे ‘डिजिटल इंडिया’ की भावना को साकार करने की दिशा में एक सराहनीय कदम है। यह सिर्फ आंकड़ों का संग्रह नहीं, बल्कि किसानों के जीवन में सुधार लाने और कृषि क्षेत्र को एक नई दिशा देने का एक मजबूत माध्यम है। यह पहल किसानों और सरकार के बीच विश्वास का एक डिजिटल पुल बनाएगी। इससे न केवल केरल बल्कि पूरे देश के लिए एक मिसाल कायम होगी, जो दर्शाती है कि तकनीक का सही इस्तेमाल करके कृषि को कैसे लाभ का व्यवसाय बनाया जा सकता है। किसानों से सहयोग की अपील इस पूरी प्रक्रिया की सफलता की कुंजी है, ताकि आने वाले समय में हर धूप में तपता किसान, सरकारी योजनाओं की छत्रछाया का पूरा लाभ उठा सके।
सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।
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