PM Krishi Dhan Dhanya Yojana: उत्तर प्रदेश के 12 पिछड़े ज़िलों के लिए कृषि क्रांति का ऐलान, पूर्वांचल और बुंदेलखंड पर Focus

प्रधानमंत्री  मोदी (Prime Minister Modi) द्वारा शुरू की गई प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना (PM Krishi Dhan Dhanya Yojana) के तहत उत्तर प्रदेश के 12 जिलों को चुना गया है, जिन्हें कृषि के हर पहलू में आत्मनिर्भर बनाने का टारगेट है।

PM Krishi Dhan Dhanya Yojana: उत्तर प्रदेश के 12 पिछड़े ज़िलों के लिए कृषि क्रांति का ऐलान, पूर्वांचल और बुंदेलखंड पर Focus

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh), जो देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ माना जाता है, अब अपने कृषि क्षेत्र में एक नए युग में प्रवेश करने जा रहा है। राज्य के वो ज़िले जो कृषि उत्पादन के मामले में पिछड़ गए थे, अब केंद्र सरकार की एक बड़ी स्कीम का हिस्सा बनने जा रहे हैं। प्रधानमंत्री  मोदी (Prime Minister Modi) द्वारा शुरू की गई प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना (PM Krishi Dhan Dhanya Yojana) के तहत उत्तर प्रदेश के 12 जिलों को चुना गया है, जिन्हें कृषि के हर पहलू में आत्मनिर्भर बनाने का टारगेट है।

क्यों है ये योजना इतनी ख़ास?

ये योजना केवल एक सहायता पैकेज नहीं है, बल्कि कृषि क्षेत्र में एक समस्त और वैज्ञानिक सुधार (Holistic and scientific reforms) की पहल है। इसका उद्देश्य केवल प्रोडक्शन बढ़ाना ही नहीं, बल्कि किसानों की आमदनी को दोगुना करने के मूलमंत्र पर काम करना है। इसके लिए एक साथ कई मोर्चों पर काम किया जाएगा- 

सिंचाई सुविधाओं का विस्तार: सूखा प्रभावित इलाकों में जल की एक-एक बूंद का सही इस्तेमाल  तय किया जाएगा।

मिट्टी की सेहत सुधारना: मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ाने और उसे फिर से स्वस्थ बनाने पर जोर दिया जाएगा।

उन्नत बीजों की उपलब्धता: किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले और रोग प्रतिरोधी बीज आसानी से मिल सकेंगे।

बाज़ार और स्टोरेज की समस्या का समाधान: फसल की बिक्री के लिए बाजार और उसके भंडारण की सही व्यवस्था पर ध्यान दिया जाएगा।

आधुनिक तकनीक और मशीनों का प्रशिक्षण: किसानों को आधुनिक कृषि यंत्रों और वैज्ञानिक तरीकों का प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि वक्त और मेहनत दोनों की बचत हो।

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किन 12 जिलों को मिला लाभ? पूर्वांचल और बुंदेलखंड को प्राथमिकता

इस योजना की सबसे बड़ी रणनीतिक ख़ूबी ये है कि इसमें राज्य के सबसे संवेदनशील कृषि क्षेत्रों को पहले चरण में शामिल किया गया है। ये वे इलाके हैं जो प्राकृतिक कठिनाईयों और सिंचाई की कमी (Natural adversities and lack of irrigation) से लंबे समय से जूझ रहे हैं।

बुंदेलखंड क्षेत्र

इस क्षेत्र के सात जिलों – महोबा, हमीरपुर, बांदा, चित्रकूट, जालौन, झांसी, और ललितपुर को योजना में शामिल किया गया है। बुंदेलखंड, सूखे और किसानों की आत्महत्या के लिए दुख के रूप में फेमस  रखता है। यहां ये योजना एक वरदान साबित हो सकती है।

पूर्वांचल क्षेत्र

इस क्षेत्र से सोनभद्र, श्रावस्ती, प्रयागराज, प्रतापगढ़ और उन्नाव जिलों को चुना गया है। ये ऐसे इलाके हैं जहां कृषि की अपार संभावनाएं हैं, लेकिन संसाधनों के अभाव में वे पूरी तरह विकसित नहीं हो पाई हैं।

एक साथ हजारों करोड़ का निवेश 

प्रधानमंत्री मोदी ने नई दिल्ली में कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के लिए 42 हजार करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। इसमें अकेले पीएम धन धान्य योजना और दलहन आत्मनिर्भरता मिशन के लिए 35 हजार करोड़ रुपये से अधिक की लागत आई है। यह भारी निवेश इस बात का संकेत है कि सरकार इस बार टुकड़े-टुकड़े में नहीं, बल्कि पूरी ताकत के साथ कृषि क्षेत्र को मजबूत करना चाहती है।

मत्स्य पालन में भी नई क्रांति 

इस कार्यक्रम का एक और महत्वपूर्ण पहलू मत्स्य पालन क्षेत्र (Fisheries) को बढ़ावा देना है। चंदौली में 61 करोड़ रुपये की लागत से बनी अल्ट्रा मॉडर्न फिश मंडी का उद्घाटन इसी दिशा में एक कदम है। इससे न केवल मछली पालन करने वाले किसानों को सीधा लाभ मिलेगा, बल्कि रोज़गार के नए अवसर भी पैदा होंगे।

गेम-चेंजर स्कीम 

प्रधानमंत्री धन धान्य योजना उत्तर प्रदेश के लिए एक गेम-चेंजर साबित हो सकती है। अगर यह योजना जमीन पर ईमानदारी से लागू होती है, तो न केवल इन 12 जिलों के किसानों की तकदीर बदल जाएगी, बल्कि पूरे राज्य की कृषि अर्थव्यवस्था को एक नई दिशा मिलेगी। 

सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।

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