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पशुपालन में लागत का एक बड़ा हिस्सा आहार पर खर्च होता है, ऐसे में बाज़ार में मिलने वाले पशुओं के लिए संतुलित आहार की बदौलत पशुपालक न सिर्फ लागत में कमी ला सकते हैं, बल्कि दूध का भी बंपर उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं। पशुपालन (दुधारू पशु) की लागत का 60-70 फ़ीसदी आहार पर ही खर्च होता है। ऐसे में अगर इतना खर्च करने के बाद भी पशुपालकों को पर्याप्त दूध न मिले तो ज़ाहिर सी बात है कि उन्हें नुकसान उठाना पड़ता है।
मगर जन्म के समय से ही अगर बछियों की सही देखभाल की जाए और पौष्टिक आहार दिया जाए, तो ये न सिर्फ़ जल्दी परिपक्व हो जाती हैं, बल्कि दूध भी ज़्यादा देती हैं। हरा चारा ही पशुओं के लिए काफ़ी नहीं है, उन्हें बाज़ार में मिलने वाला पौष्टिक पशु आहार खिलाना भी ज़रूरी है। पशुओं को जन्म से लेकर ब्यांत तक क्या आहार देना चाहिए, इस बारे में मुस्कान केटल फीड के ए.एस.एम हरविंदर सिंह ने विस्तार से चर्चा की किसान ऑफ़ इंडिया के संवाददाता सर्वेश बुंदेली के साथ।
पशुओं को उम्र के हिसाब से दें चारा (Feed Nutrition By Age)
आजकल पशुओं को सिर्फ़ हरा चारा और भूसा ही नहीं खिलाया जाता है, बल्कि उनके लिए बाज़ार में संतुलित आहार उपलब्ध है। कई कंपनियां केटल फ़ीड यानि पशु आहार बनाती हैं। हरविंदर सिंह की कंपनी मुस्कान केटल फ़ीड भी नवजात बच्चे से लेकर व्यस्क पशु की अलग-अलग ज़रूरतों के हिसाब से पशुओं के लिए संतुलित आहार तैयार करती है। अपने प्रोडक्ट के बारे में हरविंदर सिंह बताते हैं कि उनके पास नवजात बच्चों से लेकर डिलीवरी के बाद पशुओं के लिए आहार उपलब्ध है। उनके पास उत्पाद की अलग-अलग श्रेणी है जैसे-
काफ़ स्टार्टर- ये आहार खासतौर पर नवजात बच्चों के लिए है। 8-10 दिन के बच्चों के लिए जो हरा चारा नहीं खाते हैं, वो बस मां का दूध ही पीते हैं। ये आहार खाने से नवजात का विकास अच्छा होता है और खास बात ये है कि इसकी लागत दूध से कम होती है। जिससे किसानों को फायदा होगा। क्योंकि ये आहार देने से नवजात जल्दी बड़ा हो जाता है, साथ ही इससे दूध की भी बचत होती है। मान लीजिए पहले अगर बछड़े को 4 लीटर दूध पिलाया जाता था, तो काफ स्टार्टर खिलाने के बाद सिर्फ 1 लीटर दूध देने की ज़रूरत पड़ती है इससे बछड़े को संपूर्ण पोषण मिल जाता है और पशुपालक का 3 लीटर दूध भी बच जाता है जिसे वो बेच मुनाफा कमा सकता है।
काफ़ ग्रोवर- 6-7 दिन के बच्चे से लेकर ये 3 महीने तक के बच्चे को काफ स्टार्टर खिलाया जाता है, इसके बाद काफ ग्रोवर दिया जाता है। क्योंकि अब बछड़ा खाना सीख गया है और उसे भोजन पचाने भी आ गया है, तो अब उसके विकास पर ध्यान देने की ज़रूरत है। एक बच्चा जिसका वज़न एक क्विंटल है उसे 24 घंटे के अंदर सवा किलो आहार/फीड देना चाहिए और जैसे-जैसे उसका विकास होता जाता है उसी हिसाब से आहार की मात्रा भी बढ़ाने की ज़रूरत है।
होफ़र- 7 महीने तक के बच्चे को काफ ग्रोवर दिया जाता है। इस समय तक उनके शरीर का उचित विकास हो जाता है। अब उनका शरीर तो बड़ा हो गया लेकिन उन्हें अपना वज़न भी तो उठाने में सक्षम होना चाहिए। इसलिए उन्हें मज़बूती देने के लिए दूसरा आहार दिया जाता है, जो हड्डियों को मज़बूत बनाने में मदद करता है। होफर नामक इस आहार से कैल्शियम, प्रोटीन, फॉस्फोरस आदि मिल जाता है, जिससे मादा जानवर में बच्चेदानी और अंडेदानी का विकास सही तरीके से होता है।
पोषित आहार बेहतर दूध उत्पादन (Role Of Nutrition In Milk Production)
हरविंदर सिंह बताते हैं कि जो किसान भाई केटल फीड, काफ़ स्टार्टर, काफ़ ग्रोवर और होफ़र तीनों उत्पादों का इस्तेमाल कर लेते हैं, वो 2.5 से 3 साल के अंदर बछिया से दूध निकालने लग जाते हैं। जबकि जिन पशुपालकों को इस तरह के पशुओं के लिए संतुलित आहार की जानकारी नहीं है वो दूध बढ़ाने के लिए पारंपरिक आहार जैसे खल-चोकर, भूसा आदि ही खिलाते रहते हैं, ऐसे में वो 3-4 साल बाद पशु को गाभिन कराने के बारे में सोचते हैं, जिससे लागत और बढ़ जाती है। जबकि केटल फीड खिलाने वाले पशुपालकों को जल्दी दूध मिलने लगता है। दुधारू पशु अधिक दूध उत्पादन दें, इसके लिए ज़रूरी है कि उन्नत आहार प्रबंधन अपनाया जाए।
गर्भावस्था के दौरान आहार (Cattle Diet During Pregnancy)
हरविंदर सिंह कहते हैं कि कुछ पशुपालक इस दौरान पशुओं को बिनौले का तेल, चना आदि खिलाते हैं। मगर गर्भावस्था के दौरान पशु को मिनरल, विटामिन सहित सभी तरह के पोषक तत्वों की ज़रूरत होती है जो खास उनके लिए तैयार पशु आहार से ही पूरी हो सकती है। गर्भावस्था के अंतिम दिनों में पशुओं की खाने की क्षमता कम हो जाती है जिससे उन्हें पूरा पोषण नहीं मिल पाता है। ऐसे में डिलिवरी के 25 दिन पहले से उन्हें ट्रांजिशन (पशु आहार) खिलाना चाहिए। इसे खिलाने से गर्भावस्था के बाद पशुओं को कमज़ोरी नहीं होती और बच्चे को जन्म देने में भी किसी तरह की समस्या नहीं आती है। बच्चे के जन्म के बाद ट्रांजिशन+21 पशुओं को दिया जाता है जिससे उनके शरीर से गंदगी बाहर निकल जाए।
दूध देने वाले चरण में आहार (Cattle Diet In Lactation Stage)
हर नस्ल की गाय और भैंस की दूध देने की क्षमता अलग-अलग होती है ऐसे में उनके लिए आहार भी दूध की मात्रा के हिसाब से तय किया जाता है। हरविंदर सिंह बताते हैं कि 20-25 लीटर दूध देने वाले पशु का आहार और 5-8 लीटर दूध देने वाले पशु का आहार एक ही नहीं होगा, उन्हें अलग तरह के और अलग मात्रा में पोषक तत्वों की ज़रूरत होगी। इसलिए जब कोई किसान उनके पास आहार लेने आता है तो वो पहले किसानों से पूछते हैं कि पशु कितने लीटर दूध देता है, क्योंकि इससे पशुओं की नस्ल के बारे में पता चल जाता है। अगर कोई बताता है कि उसका पशु 10-12 लीटर दूध देता हैं तो कंपनी के न्यूट्रिशनिस्ट उसके हिसाब से पोषक तत्वों को एकत्र करके पशुओं के लिए संतुलित आहार तैयार करते हैं। आमतौर पर पशु जितना दूध देता है उसका आधा आहार दिया जाना चाहिए एक दिन के अंदर।
जब दूध बंद हो जाए तो क्या खिलाएं? (Feed For Dairy Cattles In Dry Period)
हरविंदर सिंह की कंपनी न सिर्फ बछड़ों और ब्यांत जानवरों के लिए आहार तैयार कर रही है, बल्कि वो ऐसे जानवरों के लिए भी फीड बना रही है जो दूध देना बंद कर देते हैं। इस समय को ड्राई पीरियड कहते हैं। ऐसे में पशुओं को एक से डेढ़ महीने तक होफर (पशु आहार)खिलाना चाहिए। वो किसानों को सलाह देते हैं कि 70 दिन पहले ही पशु को ड्राई करें। इसके लिए उन्हें थोड़ा कम पानी कम दें, फीडिंग बंद कर दें। इससे दूध कम हो जाता है। साथ ही घास और साइलेज बंद करके सिर्फ भूसा दें और दूध एक दिन बीच करके निकाले।
किसी कंपनी द्वारा बनाए पशु आहार में किसानों को अलग से कुछ मिलाने की ज़रूरत नहीं पड़ती है, क्योंकि वो संतुलित आहार ही होता है। जब पशुओं को शुरुआत से ही संतुलित आहार दिया जाता है तो उनके दूध का उत्पादन भी अधिक होगा, जिससे किसानों का मुनाफा बढ़ेगा।
पशुओं के लिए संतुलित आहार पर अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
सवाल: पशुओं के लिए संतुलित आहार क्यों महत्वपूर्ण है?
जवाब: पशुओं के लिए संतुलित आहार उनके स्वास्थ्य और उत्पादकता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इससे उनका इम्यून सिस्टम और उत्पादन क्षमता भी प्रभावित होती है।
सवाल: संतुलित आहार क्या होता है?
जवाब: संतुलित आहार में पशु को सभी ज़रूरी पोषक तत्व और ऊर्जा प्रदान की जाती है, जैसे प्रोटीन, विटामिन, मिनरल्स, अमीनो एसिड्स, और प्राकृतिक फैट्स।
सवाल: गर्भवती पशुओं के लिए कौन सा आहार अच्छा होता है?
जवाब: गर्भवती पशुओं को उनकी स्थिति के अनुसार ऊर्जा, प्रोटीन, और विटामिन-मिनरल्स संदृश्यी आहार देना चाहिए। इससे उनकी सेहत अच्छी रहती है और उनके बच्चों का भी सही विकास होता है।
सवाल: पशुओं के लिए आहार में कौन-कौन से पोषक तत्व शामिल होने चाहिए?
जवाब: पशुओं के आहार में प्रोटीन, विटामिन (विटामिन ए, डी, बी कंप्लेक्स), मिनरल्स (जैसे कैल्शियम, फॉस्फरस), और अमीनो एसिड्स होने चाहिए, जो उनके संतुलित विकास और स्वास्थ्य के लिए आवश्यक होते हैं।
सवाल: पशुओं के लिए संतुलित आहार तैयार करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण निर्देश क्या हैं?
जवाब: संतुलित आहार तैयार करते समय पशु की उम्र, प्रजाति, और विशेष आवश्यकताओं का ध्यान रखना चाहिए। इसमें ऊर्जा स्त्रोत, प्रोटीन स्रोत, और अन्य पोषक तत्वों की सही मात्रा और अनुपात बहुत महत्वपूर्ण हैं।
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