Shelter Management For Livestock: पशुओं के लिए सही आवास की व्यवस्था कैसी होनी चाहिए?

पशुओं के स्वास्थ्य, सही विकास और उत्पादकता का पूरी क्षमता से इस्तेमाल करने के लिए पशुओं के लिए आश्रय प्रबंधन का होना ज़रूरी है।

पशुओं के लिए आश्रय प्रबंधन

रहने की साफ-सुथरी, सूखी और हवादार जगह सिर्फ इंसानों के लिए ही नहीं, बल्कि पालतू जानवरों के लिए भी ज़रूरी है। दिनभर की भागदौड़ के बाद सुकून के लिए जैसे इंसानों को एक घर चाहिए, उसी तरह सुकून और प्रतिकूल मौसम की मार से बचने के लिए पालतू पशुओं को भी सही आवास की ज़रूरत होती है। लेकिन अधिकांश पशुपालक उनके पोषण, चिकित्सा और प्रजनन पर तो खूब ध्यान देते हैं, मगर आवास व्यवस्था को हल्के में लेते हैं, जबकि पशुओं के स्वास्थ्य, सही विकास और उत्पादकता का पूरी क्षमता से इस्तेमाल करने के लिए पशुओं के लिए आश्रय प्रबंधन ज़रूरी है।

इसके अभाव में पशु संक्रामक रोगों का शिकार हो सकते हैं, प्रतिकूल मौसम में वो अपनी ऊर्जा मौसम की मार से बचने में लगा देते हैं और इसका असर उनकी उत्पादकता पर पड़ता है। पशुओं के रहने की जगह जितनी साफ़ और आरामदायक होगी, पशुओं का स्वास्थ्य उतना ही अच्छा रहेगा। पशुओं के लिए आश्रय प्रबंधन करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना ज़रूरी है।

पशु आवास के लिए जगह का चुनाव (Choice Of Animal Shelter Place)

जिस जगह पर आप पशु आवास बनाना चाहते हैं, ध्यान रखें कि वो थोड़ी ऊंचाई पर हो ताकि बरसात के समय पानी, पशुओं का मल-मूत्र और नाली का पानी आसानी से निकल सके। साथ ही उस जगह पर सूर्य की रोशनी भी आनी चाहिए। कम से कम तीन ओर से आवास में धूप लगनी चाहिए। गाय का आवास बना रहे हैं तो गौशाला की लंबाई उत्तर-दक्षिण दिशा में होने से पूर्व और पश्चिम दिशा से सूर्य की रोशनी खिड़कियों व दरवाजों से गौशाला में आएगी। धूप के साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि पशु आवास सर्दियों में चलनी वाली ठंडी और बर्फीली हवाओं से सुरक्षित रहे।

पहुंच में हो पशु आवास (Transportation & Accessibility)

पशुपालकों को पशुओं का आवास हमेशा अपने घर के नजदीक ही बनाना चाहिए ताकि कोई ज़रूरत पड़ने पर वो तुरंत पहुंच सके। साथ ही उस जगह से रो़ड कनेक्टिविटी भी ज़्यादा दूर नहीं होनी चाहिए, वरना दूध, चारा, दानी आदि लाने ले जाने में दिक्कत होगी और खर्च भी बढ़ेगा, जिससे पशुपालकों के लागत में बढ़ोतरी होगी।

पशु आश्रय में बिजली-पानी की व्यवस्था (Electricity & Water In animal Shelter)

पशुओं के आवास में साफ पानी की व्यवस्था होना ज़रूरी है, साथ ही आज के ज़माने में बिजली रहना भी आवश्यक हो गया गया है, क्योंकि रात के समय लाइट और गर्मी में पंखें की ज़रूरत पड़ती है।

पशु के रहने की जगह में चारे की उपलब्धता (Availability Of Fodder)

डेरी पशुओं के रहने के स्थान का चुनाव करते समय यह भी देखना ज़रूरी है कि आस-पास पशुओं के लिए चारे की उपलब्धता हो, क्योंकि चारे के बिना दुधारू पशुओं को पालना संभव नहीं है। अच्छी गुणवत्ता वाले दूध के लिए इन्हें हरा चारा खिलाना ज़रूरी है, इसलिए हरा चारे उगाने के लिए पर्याप्त मात्रा में सिंचित कृषि योग्य भूमि का होना आवश्यक है। हरा चारा कितनी मात्रा में उपलब्ध है इसकी के आधार पर दुधारू पशुओं की संख्या तय करनी चाहिए। इसके अलावा पशुओं के दिन-प्रतिदिन के काम जैसे उन्हें नहाना, दाना-पानी देने के काम के लिए पर्याप्त मात्रा में श्रमिक भी उपलब्ध होने चाहिए।

Shelter Management For Livestock: पशुओं के लिए सही आवास की व्यवस्था कैसी होनी चाहिए?

पशु आवास का वातावरण (Animal Habitat Environment)

पशुओं का आवास हमेशा साफ-सुथरी जगह में ही बनाना चाहिए। प्रदूषित वातावरण में अगर उन्हें रखा जाए, तो इससे पशुओं की सेहत पर नकारात्मक असर पड़ता है और उनकी दूध उत्पादन क्षमता में भी कमी आ सकती है।

पशु आवास के प्रकार (Types Of Animal Shelter)

पशुओं के लिए आश्रय प्रबंधन में पशु आवाज आमतौर पर दो तरह के होते हैं, एक तो बंद आवास और दूसरा खुला आवास:

बंद आवास- इस तरह के आवास में पशुओं को एक ही जगह पर बांधकर रखा जाता है, आमतौर पर गाय-भैंसों के लिए इस तरह का आवास बनाया जाता है। इसमें पुश का दूध भी उसी जगह पर निकाला जाता है, बस चरने के लिए कुछ समय के लिए उन्हें खोल दिया जाता है। अगर किसी के पास जगह की कमी हो, तो पशुओं के लिए बंद आवास बना सकता है। इस तरह के आवास की खासियत है कि पशुओं को पशुओं को अलग-अलग खिलाना, पिलाना संभव होता है, पशु को अगर किसी तरह की बीमारी हुई है, तो आसानी से उसका पता लग जाता है। मगर इन फायदों के साथ ही इस तरह के आवास की कुछ खामियां भी हैं जैसे इसे बनाने में खर्च ज़्यादा होता है, जगह को बढ़ाए बिना पशुओं की संख्या बढ़ाना संभव नहीं होता है और पशुओं को पूरी आज़ादी नहीं मिल पाती है।

खुला आवास- इस तरह के आवास में पशुओं को एक ही स्थान पर बांधा नहीं जाता है, बल्कि एक घिरी हुई चारदीवारों के अंदर खुला छोड़ दिया जाता है और उनके खाने-पीने का इंतज़ाम उसी में किया जाता है। इस तरह का आवास बनाने का खर्च बंद आवास से थोड़ा कम है। इसमें श्रम की बचत होती है, पशुओं को ज़्यादा आराम मिलता है और मद में आए पशु का पता आसानी से लगाया जा सकता है। जबकि इस तरह के आवास की सबसे बड़ी कमी है कि इसके लिए अधिक जगह की ज़रूरत पडती है, पशुओं को अलग-अलग खिलाना संभव नहीं है और मद में आए पशु दूसरे पशुओं को परेशान करते है।

अर्ध खुला आवास- बंद और खुला आवास के अलावा पशुओं के लिए दोनों की खासियतों को मिलाकर अर्ध खुला आवास भी बनाया जा सकता है। इस तरह का आवास अधिक उपयोगी माना जाता है। इसमें पशु को खिलाने, दूध निकालने और इलाज करते समय बांधा जाता है, जबकि बाकी समय में उसे खुला रखा जाता है। इस आवास में हर पशु को 12-14 वर्ग मीटर जगह की आवश्यकता होती है जिसमें से 4.25 वर्ग मीटर (3.5 X 1.2 मी.) ढका हुआ और 8.6 वर्ग मीटर खुला हुआ रखा जाता है। इस तरह की आवास व्यवस्था में बछड़ों–बछड़ियों और ब्याने वाले पशु के लिए अलग से ढके हुए स्थान की व्यवस्था की जाती है।
गर्मी के मौसम में पशुओं को अधिक गर्मी न लगे इसके लिए आवास के शेड के चारो तरफ छायादार पेड़ लगाने चाहिए और सर्दी व बरसात के मौसम में पशुओं को ढके हुए हिस्से में रखना चाहिए। सर्दियों में ठंडी हवा से बचने के लिए बोरे या पॉलीथीन के पर्दे पशु आवास में लगाए जा सकते हैं।

पशु आवास बनाते समय इन बातों का रखें ध्यान (Considerations For Building An Animal Shelter)

  • आवास के छत की ऊंचाई कम से कम 2.5 मीटर होनी चाहिए ताकि इसकी गर्मी से पशु प्रभावित न हों।
  • अगर तापमान 40 डिग्री से अधिक हो जाए तो पशु मद में नहीं आएगा, इसके लिए आवास की पक्की छत पर घास-फूस, पराली आदि डालकर पानी का छिड़काव करें।
  • छत के लिए आप कोई भी सस्ती और स्थानीय रूप से उपलब्ध सामग्री का इस्तेमाल कर सकते हैं, इसका मकसद सिर्फ आसपास के तापमान को 25-32 डिग्री बनाए रखना होता है। दक्षिण-पश्चिम दिशा में छायादार पेड़ लगाएं।
  • सर्दी के मौसम में कुछ खिड़की और दरवाज़ों को छोड़कर बाकी सबको बंद रखें ताकि ठंडी हवा से पशुओं का बचाव हो सके।
  • फर्श ऐसा होना चाहिए जो फिसले नहीं, पानी न सोखे और बहुत कठोर न हो। सर्दी के मौसम में फर्श पर धान की पुआल बिछा दें ताकि पशुओं को फर्श की ठंडक न लगे।
  • पशु के खड़े होने की जगह के पीछे 35 से.मी. चौड़ी एक नाली होनी चाहिए। फर्श और नाली का ढलान 2.5 से.मी. रखना चाहिए। पानी कहीं रुकना नहीं चाहिए, साथ ही पशुओं का मल-मूत्र भी आसानी से निकल जाना चाहिए।
  • साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें और पशु आवास को समय-समय पर जीवाणु रहित बनाएं।
  • पशुओं को रोज़ाना नहलाने की भी व्यवस्था होनी चाहिेए। इससे उनकी त्वचा से जूं और दूसरे परजीवियों को हटाया जा सकता है। गर्मी के मौसम में दुधारू पशुओं को दो बार नहलाने से दूध उत्पादन 5 प्रतिशत तक बढ़ता है।
  • आवास बनाते समय इस बात का ध्यान रखें कि बीमार और संक्रमित पशुओं को रखने के लिए अलग से व्यवस्था हो।

पशुओं के लिए आश्रय प्रबंधन पर अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

 

सवाल: पशुओं के लिए सही शेल्टर कैसा होना चाहिए?

जवाब: एक अच्छा शेल्टर पशुओं के लिए सुरक्षित, स्वास्थ्य, गर्मी और ठंडे मौसम में रक्षा, और वेंटिलेशन की सुविधा से लैस होता है। इस तरह का वातावरण उन्हें सुरक्षित महसूस कराने में मदद करता है।

सवाल: गायों और भैंसों के लिए शेल्टर कैसा होना चाहिए?

जवाब: गायों और भैंसों का आवास स्थान खुला  होना चाहिए, जिसमें वेंटिलेशन अच्छी हो और जहां वो आराम से घूम सकें और अच्छी तरह से खा सकें।

सवाल: बकरियों और भेड़ियों के लिए सही आवास कैसा होना चाहिए?

जवाब: बकरियों और भेड़ियों के लिए अच्छा शेल्टर सुरक्षित और स्थिर होना चाहिए, जिसमें वे वेंटिलेशन के साथ रह सकें और बारिश, ठंड, और गर्मी से सुरक्षित रहें।

सवाल: बारिशी मौसम में पशुओं के लिए आवास की व्यवस्था कैसे की जाए?

जवाब:  बारिश के मौसम में पशुओं के लिए आवास को ध्यान में रखते हुए उनकी सुरक्षा के लिए सुरक्षित स्थान और उचित ड्रेनेज प्रणाली की व्यवस्था करनी चाहिए।

सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।

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