बाढ़, सूखा, ओला-वृष्टि जैसी प्राकृतिक आपदाओं से फसलों को होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए भले ही फसल बीमा योजना बेजोड़ हो, लेकिन ये भी सच है कि किसानों में इसकी लोकप्रियता या प्रचलन के विस्तार का काम बेहद धीमा रहा है। इसीलिए केन्द्रीय कृषि मंत्रालय ने 1 से 7 जुलाई तक फसल बीमा योजना के विस्तार के लिए विशेष जागरूकता अभियान की शुरुआत की है।
फसल बीमा जागरूकता अभियान के तहत इस मामले में बेहद कमज़ोर रहे 75 जनजातीय ज़िलों की पहचान की गयी है। इन ज़िलों में पूरे सप्ताह विशेष प्रचार वाहन (ICC Van) घूमेंगे और किसानों को स्थानीय भाषा में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के बारे में जागरूक करेंगे। अभियान के तहत किसानों को फसल बीमा के लाभ और इसकी प्रक्रिया के बारे में समझाया जाएगा और प्रचार सामग्री बाँटी जाएगी।
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वैसे तो फसल बीमा जागरूकता अभियान के दौरान खरीफ-2021 सीज़न के तहत सभी अधिसूचित क्षेत्रों और ज़िलों को कवर किया जाएगा, लेकिन इसमें से भी उन 75 आकांक्षी (inspiration) और जनजातीय ज़िलों पर ख़ास ध्यान दिया जाएगा जहाँ फसल बीमा की पहुँच बहुत कम है और जिनकी पहचान कृषि मंत्रालय ने की है। जागरूकता अभियान के तहत डिजिटल मीडिया, PMFBY वैन, रेडियो, क्षेत्रीय अख़बारों पत्रों, वॉल पेंटिंग आदि के ज़रिये किसानों को फसल बीमा योजना से जोड़ने की कोशिश की जाएगी।
जागरूकता अभियान के तहत किसानों को NCIP पोर्टल, SSC केन्द्रों, बीमा कम्पनियों और बैंकों के बारे में बताया जाएगा कि फसल बीमा के लिए नामांकन कैसे करें? विभिन्न परिस्थितियों में बीमा का दावा कैसे करें? शिकायत निवारण और फसल की हानि के बारे में सूचना कैसे दें? जागरूकता अभियान की शुभारम्भ करते हुए केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने सभी राज्य सरकारों और बैंकों, SSC, बीमा कम्पनियों और किसानों से अपील की कि वो फसल बीमा का लाभ उठाने और संकट के समय में आत्मनिर्भर बनने के लिए आगे आएँ।
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अभियान से महिला किसानों को जोड़ने की भी ख़ास कोशिश की जाएगी तथा सोशल मीडिया पर वीडियो और तस्वीरों से बनी कहानियों के ज़रिये फसल बीमा के ऐसे लाभार्थी किसानों की आपबीती के बारे में भी प्रचार किया जाएगा जो न सिर्फ़ ख़ुद फसल बीमा से लाभान्वित हुए हैं, बल्कि जिन्होंने अपने आसपास के किसानों की भी मदद की है। जागरूकता अभियान को लेकर होने वाले आयोजनों में कोरोना प्रोटोकॉल यानी मॉस्क, दो गज़ की दूरी और बार-बार साबुन से हाथ धोते रहने जैसे व्यावहार का भी सख़्ती से पालन करने की हिदायत दी गयी है।
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प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) का मौजूदा प्रारूप साल 2016 से प्रभावी है। इस उन्नत प्रारूप के तहत 5 साल में 8.3 करोड़ से अधिक किसानों ने फसल बीमा का लाभ उठाया है। 5 साल में किसानों ने 20 हज़ार करोड़ रुपये के किस्त चुकायी और बदले में उन्हें 95 हज़ार करोड़ रुपये के मुआवज़ा मिला।