मध्यप्रदेश सरकार किसानों के हित को ध्यान रखते हुए कई योजनाओं पर काम कर रही है। इन योजनाओं को अमली जामा पहनाने के लिए मध्यप्रदेश राज्य सहकारी विपणन संघ तथा अन्य कई सरकारी विभागों और एजेंसियों को जिम्मेदारी दी गई है। चाहे किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर फसलों की खरीद करना हो या फिर रासायनिक उर्वरकों का भंडारण और किसानों तक पहुंचाने की बात हो, मार्कफेड हर तरह से मध्यप्रदेश सरकार की अति महत्वपूर्ण सहायक एजेंसी के रुप में कार्य कर रहा है।
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खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में मध्यप्रदेश राज्य की उपार्जन एजेन्सियों एमपी स्टेट सिविल सप्लॉईज कारपोरेशन लिमिटेड एवं मध्यप्रदेश राज्य सहकारी विपणन संघ मर्यादित द्वारा उपार्जन अवधि 21 अक्टूबर-2020 से 15 जनवरी-2021 तक एजेन्ट सहकारी समितियों के माध्यम से 5.89 लाख किसानों से 37.26 लाख में टन धान का उपार्जन किया गया है जोकि गत खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 में कुल उपार्जित धान मात्रा 25.86 लाख मेट्रिक टन से लगभग 11.40 लाख मेट्रिक टन अधिक है।
जिलों में उपार्जन कार्य को सुविधाजनक बनाने एवं किसानों के हितो को दृष्टिगत रखते हुए इस वर्ष उपार्जन केन्द्रों पर किसानों को व्यापक प्रचार-प्रसार के माध्यम से उपज सूखी, साफ एवं छन्ना लगी हुई लाने हेतु प्रेरित किया गया एवं एफ.ए.क्यू. गुणवत्ता संबंधी सामान्य जानकारी एवं गुणवत्ता संबंधी बैनर प्रर्द्षित किए गए साथ ही आवष्यकता होने पर किसानों की उपज को छनाई एवं साफ करने की व्यवस्था भी उपार्जन केन्द्रों पर की गई। इसके अतिरिक्त उपार्जन केन्द्रों पर किसानो के लिए स्वच्छ पीने के पानी एवं शौचालय की व्यवस्था भी की गई।
मार्कफेड द्वारा खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में शासन द्वारा आवंटित 33 जिलों में निर्धारित 495 उपार्जन केन्द्रों में पंजीकृत 2.37 लाख किसानों में से 17 जिलों में कुल 480 उपार्जन केन्द्रों पर 1.75 लाख किसानों से 12.75 लाख में टन धान का उपार्जन कार्य किया गया है जोकि गत वर्ष की तुलना में 4.03 लाख मेट्रिक टन एवं गत वर्ष की तुलना में 46 प्रतिशत अधिक है।
जिसमें मुख्यतः बालाघाट जिले में 0.54 लाख मेट्रिक टन, जबलपुर जिले में 0.48 लाख मेट्रिक टन, ग्वालियर जिले में 0.54 लाख मेट्रिक टन, शिवपुरी में 0.14 लाख मेट्रिक टन एवं दतिया जिले में 0.13 लाख मेट्रिक टन शामिल है। इसके अतिरिक्त विपणन संघ द्वारा इस वर्ष उज्जैन जिले में पहली बार 5 किसानों से समर्थन मूल्य पर 32.72 मेट्रिक टन धान का उपार्जन किया गया है।
धान उपार्जन हेतु भारत सरकार द्वारा निर्धारित 46 प्रतिशत पुराने बारदाने एवं 54 प्रतिशत पुराने बारदाने के उपयोग किये जाने का प्रावधान है, चूंकि वर्ष 2020 में विश्वव्यापी महामारी कोराना एवं रबी विपणन वर्ष 2020-21 में गेंहू के बम्पर उत्पादन होने से राज्य में नये बारदानों की कमी के कारण उपार्जित धान की भर्ती हेतु मिलर्स एवं समितियों से अधिक मात्रा में पुराने बारदानों को प्राप्त कर उपार्जन अवधि में किसी भी जिले में बारदाने की कमी के कारण धान उपार्जन कार्य प्रभावित नहीं होने दिया जो विपणन संघ के कुषल नेतृत्त के कारण ही संभव हो सका है।
विपणन संघ द्वारा खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में उपार्जित धान के समय से एवं सूचारू परिवहन हेतु भारत सरकार के दिषा निर्देषों के अनुसार एस. ओ.आर. पद्धति से आवंटित जिलों में ऑनलाईन निविदा के माध्यम से परिवहनकर्ताओं से निविदायें आमंत्रित कर समय-सीमा में परिवहन कार्य संपन्न कराया गया है।
विपणन संघ द्वारा वर्तमान खरीफ विपणन वर्ष में 2020-21 में कुल 12.75 लाख मेट्रिक टन धान के विरूद्ध किसानों को 2382.32 करोड की राशि सीधे उनके बैंक खातों में भुगतान किये जाने के लिए से खाघान्न साख सीमा से राशि रूपये 2541.11 करोड का ऋण लिया गया है।
विपणन संघ द्वारा एजेन्ट सहकारी समितियों को धान के उपार्जन कार्य के लिए लगभग 40 करोड की राशि कमीशन मद में भुगतान की जावेगी जिससे सहकारी समितियों की वित्तीय स्थिति सुदृढ होगी।