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बिहार के बरौनी में स्थापित अत्याधुनिक डेयरी उत्पाद यूनिट भारत के डेयरी उद्योग में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि साबित हो सकता है। यह संयंत्र 3 लाख से अधिक दूध उत्पादकों को संगठित बाज़ार उपलब्ध कराने के साथ-साथ प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से हजारों रोज़गार के अवसर भी प्रदान करेगा। यह संयंत्र तकनीक और सहकारिता के सफल समन्वय का बेहतरीन उदाहरण है, जिससे किसानों की आय और आजीविका को एक नई दिशा मिलेगी।
डेयरी क्षेत्र में नई क्रांति (New revolution in dairy sector)
भारत विश्व में सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश है, लेकिन संगठित बाज़ार की कमी के कारण किसानों को उनका उचित लाभ नहीं मिल पाता। इस समस्या को हल करने के लिए बरौनी में आधुनिक डेयरी उत्पाद यूनिट स्थापित किया गया है। यह संयंत्र डेयरी क्षेत्र में एक नई क्रांति लाने का कार्य करेगा।
3 लाख दूध उत्पादकों को संगठित बाज़ार (Organized market for 3 lakh milk producers)
इस डेयरी उत्पाद यूनिट की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह 3 लाख से अधिक दूध उत्पादकों को एक संगठित बाज़ार प्रदान करेगा। इससे छोटे और मध्यम स्तर के डेयरी किसानों को उनकी मेहनत का उचित मूल्य मिलेगा, जिससे वे अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत कर सकेंगे।
रोज़गार के नए अवसर (New employment opportunities)
इस डेयरी उत्पाद यूनिट से 250 प्रत्यक्ष और 3400 अप्रत्यक्ष रोज़गार के अवसर सृजित होंगे। इससे न केवल डेयरी किसानों को लाभ मिलेगा, बल्कि स्थानीय युवाओं को भी रोज़गार के नए अवसर उपलब्ध होंगे।
किसानों की आय और आजीविका में सुधार (Improvement in income and livelihood of farmers)
इस डेयरी उत्पाद यूनिट के माध्यम से किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य मिलेगा, जिससे उनकी आय में वृद्धि होगी। साथ ही, उन्नत तकनीकों और वैज्ञानिक तरीकों का प्रयोग करके दूध उत्पादन की गुणवत्ता को बेहतर बनाया जाएगा, जिससे किसानों की आजीविका को मजबूती मिलेगी।
डेयरी क्षेत्र में तकनीक और सहकारिता का सशक्त संगम (A strong amalgamation of technology and cooperation in the dairy sector)
इस डेयरी उत्पाद यूनिट में अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग किया गया है, जिससे दूध और उससे बने उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार होगा। साथ ही, सहकारी समितियों के माध्यम से किसानों को संगठित कर एक मजबूत सप्लाई चेन विकसित की जाएगी।
अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग (Use of cutting edge technologies)
इस संयंत्र में दूध संग्रहण, प्रोसेसिंग और पैकेजिंग के लिए अत्याधुनिक मशीनों का उपयोग किया जाएगा, जिससे उत्पादों की गुणवत्ता उच्चतम स्तर पर बनी रहेगी।
सहकारी मॉडल का समर्थन (Supporting the cooperative model)
इस डेयरी उत्पाद यूनिट के संचालन में सहकारी समितियों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। यह सहकारी समितियां किसानों से सीधे दूध खरीदेंगी और उन्हें उचित मूल्य प्रदान करेंगी, जिससे किसानों का शोषण कम होगा और वे आर्थिक रूप से सशक्त बनेंगे।
संयंत्र की वित्तीय संरचना (Financial structure of the plant)
133.5 करोड़ की लागत से निर्मित इस डेयरी उत्पाद यूनिट को DIDF से 78.79 करोड़ का ऋण, NPDD से 11.82 करोड़ का अनुदान, और बरौनी दुग्ध संघ द्वारा 42.89 करोड़ का योगदान मिला है। इस वित्तीय सहायता से संयंत्र को अत्याधुनिक तकनीकों से सुसज्जित किया गया है, जिससे दूध उत्पादन और प्रसंस्करण की प्रक्रिया को अधिक प्रभावी और लाभदायक बनाया जा सके।
निष्कर्ष (Conclusion)
बिहार के बरौनी में स्थापित यह आधुनिक डेयरी उत्पाद यूनिट न केवल डेयरी क्षेत्र को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा, बल्कि किसानों, युवाओं और उपभोक्ताओं के लिए भी फ़ायदेमंद साबित होगा। यह संयंत्र तकनीक और सहकारिता का बेहतरीन संगम है, जो भारत के डेयरी उद्योग को एक नई दिशा देने में सक्षम है।
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