मौसम विज्ञानियों ने मानसून की प्रगति को सामान्य और सुखद बताया

मौसम विज्ञान के हिसाब से यही प्री-मॉनसून सिस्टम है और इसका सामान्य होना किसानों के लिए सबसे ज़्यादा सुखद है, क्योंकि देश की करीब 60 फ़ीसदी खेती योग्य ज़मीन पूरी तरह से मॉनसून पर ही निर्भर रहती है। मई की शुरुआत में उत्तर भारत में भी प्री-मॉनसून सिस्टम की वजह से धूल भरी आँधियों और हल्की बारिश का दौर का दौर आता है। फ़िलहाल, इसका असर उत्तर-पश्चिमी भारत के इलाकों में बढ़ने की उम्मीद है।

मानसून की भविष्यवाणी बारिश

मानसून (Monsoon): ठंडे पहाड़ी इलाकों को छोड़कर पूरा देश इन दिनों सामान्य से लेकर ज़बरदस्त गर्मी के आगोश में है। किसानों के लिए ये मौसम अपने खेतों से रबी की फसल की कटाई के बाद अगली फसल के लिए खेतों की गहरी जुताई करने और खरीफ की तैयारियों में जुट जाने का है।

देश के पूर्वी तटवर्ती राज्यों के किसानों के लिए अच्छी सूचना ये है कि उत्तर पश्चिम मॉनसून की शुरुआती गतिविधियाँ अपने सामान्य वक़्त से आगे बढ़ रही हैं।

नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय

भारतीय मौसम विभाग और मौसम की गतिविधियों पर नज़र वाली वेबसाइट ‘स्काईमेट’ का पूर्वानुमान या भविष्यवाणी रही है कि साल 2021 में मॉनसून सामान्य रहेगा। अब बताया जा रहा है कि बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से उठने वाली नमी भरी हवाएँ तमिलनाडु की ओर बढ़ रही हैं। उधर, दो-तीन दिनों से जम्मू-कश्मीर की ओर से ठंडी हवाएँ लेकर आने वाली नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हुआ है।

इसी पश्चिमी विक्षोभ की वजह से शनिवार को पंजाब-हरियाणा और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के आसपास के इलाकों में धूल भरी तेज़ हवाएँ चलीं और छिटपुट बारिश भी हुई। दूसरी ओर, इस समय पूर्वी और मध्य भारत के साथ सिन्ध में भी चक्रवाती हवा के दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। इसी मल्टीवेदर सिस्टम का नतीज़ा है कि मॉनसून की अक्षीय रेखा तमिलनाडु से मध्य भारत की ओर बढ़ रही है।

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प्री-मॉनसून सिस्टम सिस्टम

मौसम विज्ञान के हिसाब से यही प्री-मानसून सिस्टम है और इसका सामान्य होना किसानों के लिए सबसे ज़्यादा सुखद है, क्योंकि देश की करीब 60 फ़ीसदी खेती योग्य ज़मीन पूरी तरह से मानसून पर ही निर्भर रहती है। मई की शुरुआत में उत्तर भारत में भी प्री-मानसून सिस्टम की वजह से धूल भरी आँधियों और हल्की बारिश का दौर का दौर आता है।

फ़िलहाल, इसका असर उत्तर-पश्चिमी भारत के इलाकों में बढ़ने की उम्मीद है। इस तरह मौसम का पूर्वानुमान है कि इस पूरे हफ़्ते यानी 7 मई तक गर्मी का तेवर ज़रा नरम रहेगा।

मौसम विज्ञानियों के अनुसार दक्षिण-पश्चिमी क्षेत्र से आने वाली नमी भरी हवाएँ अरब सागर से उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत के ज़्यादातर इलाकों को बीते दो दिनों से नमी दे रही हैं। इससे पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, दक्षिण छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र के कुछ हिस्से में आँधी और बादलों की गरज के साथ छिटपुट बारिश का दौर अभी जारी रहेगा।

इसी प्री-मानसून सिस्टम की वजह से उत्तर-पश्चिम भारत, गुजरात के कुछ हिस्सों, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, ओडिशा, गांगेय पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार, पूर्वोत्तर के कुछ राज्यों तथा दक्षिण प्रायद्वीप में 6-7 मई तक बारिश और गरज के साथ बौछारें जारी रहने का अनुमान है।

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इससे पहले 3-5 मई के दौरान बिहार, पश्चिम बंगाल और उड़ीसा के कुछ हिस्सों में ‘काल बैसाखी’ के नाम से मशहूर भारी बारिश, तेज़ हवाओं के साथ बादलों के गरजने और बिजली गिरने का भी अनुमान है। कुलमिलाकर, मौसम की इन गतिविधियों की वजह से मई के पहले सप्ताह में देश भर में भीषण गर्मी और लू चलने जैसी दशाओं से राहत रहने की उम्मीद है।

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