MP में किसान फंदे पर झूला, सुसाइट नोट में लिखा, मेरा अंग-अंग बेचकर शासन का पैसा चुका देना

सरकारें किसानों को राहत देने के भले ही कितने दावे करे, लेकिन बिजली विभाग की प्रताड़ना के चलते मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले का एक किसान फांसी के फंदे पर झूल गया। किसान का शव खेत के पेड़ पर लटका मिला।

किसान फंदे पर झूला farmer suicide

सरकारें किसानों को राहत देने के भले ही कितने दावे करे लेकिन बिजली विभाग की प्रताड़ना के चलते मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले का एक किसान फांसी के फंदे पर झूल गया। किसान का शव खेत के पेड़ पर लटका मिला। पुलिस को उसके पास से एक सुसाइट नोट भी मिला है।

सुसाइट नोट में किसान ने लिखा है कि मेरे शरीर का अंग-अंग बेचकर शासन पैसे वसूल ले। उधर कृषि मंत्री कमल पटेल के मुताबिक मामले की जांच की जा रही है, इसमें जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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किसान पर था 88 हजार रुपए का बिजली बिल बकाया

मध्यप्रदेश के छतरपुर जिला स्थित गांव मातगंवा के किसान मुनेंद्र राजपूत पर 88 हजार रुपये का बिजली बिल बकाया था। बिजली बिल की राशि वसूलने के लिए बिजली विभाग के कर्मचारी उसे लगातार प्रताड़ित कर रहे थे। प्रताड़ना से परेशान किसान ने घातक कदम उठाया। उसका शव पेड़ से लटका मिला है. किसान के पास से मिले सुसाइट नोट में किसान ने बिजली विभाग द्वारा प्रताड़ित किए जाने का जिक्र किया है।

उसने लिखा है कि ‘बकाया बिजली बिल के लिए विभाग के कर्मचारी लगातार परेशान कर रहे हैं। यहां तक कि मेरी बाइक भी उठा ले गए। मेरे मरने के बाद मेरा शरीर सरकार को सौंप दिया जाए ताकि मेरे शरीर का एक-एक अंग बेचकर बिजली विभाग का बकाया पैसा वसूल हो सके। बताया जाता है कि मृतक को बिजली विभाग का 50 हजार का बकाया बिल देना था। इसके ऊपर 38000 की पेनल्टी भी लगाई गई थी। मृतक किसान ने अपने सुसाइड नोट में इस बात का जिक्र किया है कि फसल खराब होने की वजह से बिल नहीं चुका पाया।

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किसान ने अपने सुसाइड नोट में यह भी लिखा कि उसकी तीन बेटियां हैं और एक बेटा है। जिनमें से कोई भी अभी 16 साल से अधिक उम्र का नहीं है। उसकी मौत के बाद से परिवार के लोगों का रो-रोकर बुरा हाल है। उधर छतरपुर के एडिशनल एसपी समीर सौरभ का कहना है कि मामले की जांच शुरू कर दी गई है।

किसान के पिता रिटायर्ड बिजली कर्मचारी हैं। बिजली बिल न देने पर विभाग के लोग कुर्की की कार्रवाई करते हुए इसकी बाइक ले गए थे। ऐसे में ये कारण हो सकता है लेकिन अभी तक ये स्पष्ट नहीं है। जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।

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कृषि मंत्री बोले आत्महत्या नहीं करनी थी

उधर प्रदेष के कृषि मंत्री कमल पटेल किसान के आत्महत्या पर कहते हैं कि किसान को आत्महत्या नहीं करनी थी, उसे संघर्ष करना चाहिए था। आत्महत्या किसी बात का समाधान नहीं है। उन्होंने कहा कि मामले की जांच कराई जा रही है, जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।
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