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कृषि क्षेत्र में मछली पालन (Fisheries) एक ऐसी तकनीक है, जो अब तेजी से भारत में लोकप्रिय हो रही है। इस क्षेत्र में काम करने वाले किसान अपनी मेहनत, अनुभव और नई सोच से ना सिर्फ अपने खेतों को समृद्ध कर रहे हैं, बल्कि अन्य किसानों के लिए भी एक मिसाल पेश कर रहे हैं। ऐसे ही किसान हैं, पुष्पक और वंदना, जो मछली पालन (Fisheries) से जुड़े अपने अनुभवों और सफलता की कहानी साझा कर रहे हैं। ये कहानी किसी विशेष व्यक्ति की नहीं, बल्कि उस किसान वर्ग की है, जो अपनी मेहनत और समझदारी से कृषि के परंपरागत तरीके से कुछ अलग करने की कोशिश कर रहे हैं।
शुरूआत
मछली पालन (Fisheries) की शुरुआत 2018 में की थी और 2019 में उन्होंने अपनी कंपनी की स्थापना की। उनकी कंपनी ने ‘स्टार्टअप इंडिया’ के कार्यक्रम में भाग लिया और फाइनलिस्ट के रूप में चयनित होने के बाद अपने काम को नया मुकाम दिया। इस क्षेत्र में उन्होंने बहुत कुछ नया किया, जिसमें कम जगह में अधिक मछली उत्पादन और मछली को पैक करके दूसरे जगहों तक पहुंचाना शामिल है।
मछली पालन के अनोखे तरीके
उनकी मछली पालन (Fisheries) की पद्धति बहुत ही आधुनिक और प्रभावी है। वे न सिर्फ मछलियों का पालन करते हैं, बल्कि उन्हें पैक कर के दूसरे स्थानों में भेजने का काम भी करते हैं। उनकी कंपनी का एक यूनिट शतिजगड में है, जबकि दूसरा यूनिट कोलकाता में स्थित है। शतिजगड में वे मछली पालन के साथ-साथ निर्माण कार्य भी करते हैं, जिसमें किसानों के लिए तालाब और अन्य सुविधाएं तैयार करते हैं।
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत, वे किसानों को शीर (तलाब) उपलब्ध कराते हैं और उन्हें मछली पालन (Fisheries) के लिए जानकारियां भी देते हैं।
मछली पैकिंग और परिवहन
कोलकाता में उनका एक पैकिंग यूनिट है, जहां से वे लाइव फिश पैक करके त्रिपुरा के अगरतला भेजते हैं। यहां से मछलियां बाय एयर भेजी जाती हैं, जो महज कुछ घंटों में वहां पहुंच जाती हैं। इसके अलावा, उन्होंने मछली पालन (Fisheries) से जुड़ी रिसर्च भी की है, जिससे मछलियों को अच्छे से पैक कर के दूर-दराज के स्थानों में भेजना आसान हो गया है।
वे बताते हैं कि भारत में मछली की कीमतों में बहुत अंतर है। जैसे कि उत्तर भारत में मछलियां सस्ती मिलती हैं, वहीं दक्षिण भारत और अन्य क्षेत्रों में ये महंगी होती हैं। इसी अंतर का फायदा उठाते हुए, उनकी कंपनी मछलियों को सस्ते दामों में खरीदकर महंगे इलाकों में बेचती है।
रिसर्च और अनुभव
मछली पालन (Fisheries) में सफलता प्राप्त करने के लिए उन्होंने गहन रिसर्च किया। जैसे, वे ये जानने की कोशिश करते थे कि कहां से सस्ती मछलियां मिल सकती हैं, और कहां पर इनकी डिमांड ज्यादा है। उनका रिसर्च कार्य मछली पालन से जुड़ी हर छोटी-बड़ी जानकारी जुटाने पर केंद्रित था। इसके अलावा, उन्होंने अपने अनुभव से सीखा कि मछलियों को पैक करने का तरीका कैसे बेहतर किया जा सकता है।
इसके अलावा, उनके पास मछली पालन (Fisheries) के लिए आवश्यक सभी उपकरण और संसाधन हैं। इसके बावजूद, उनका मानना है कि कोई भी काम यदि सही तरीके से किया जाए तो सफलता जरूर मिलती है।
व्यावसायिक दृष्टिकोण
उनका व्यावसायिक दृष्टिकोण बहुत सटीक और प्रभावी है। वे मानते हैं कि मछली पालन केवल एक पारंपरिक व्यवसाय नहीं है, बल्कि एक आधुनिक और तकनीकी दृष्टिकोण से किया गया व्यवसाय है। उन्होंने अपने काम में कई नई तकनीकों को शामिल किया है, जिनसे मछलियों का पालन ज्यादा फायदे का सौदा बन गया है।
उनके अनुसार, यदि मछली पालन (Fisheries) से जुड़े किसी भी किसान को ये व्यवसाय करना है तो उन्हें पैकिंग, ट्रांसपोर्टेशन और मार्केटिंग के क्षेत्र में भी काम करना होगा। मछलियों को पैक करके सही स्थान पर भेजना और वहां पर सही तरीके से बेचना एक चुनौतीपूर्ण काम है, लेकिन अगर इसे सही तरीके से किया जाए तो इसका फायदा बहुत अच्छा होता है।
सरकारी योजनाओं का लाभ
इस किसान ने सरकारी योजनाओं का भी लाभ लिया है। ‘स्टार्टअप इंडिया’ के तहत उनकी कंपनी का चयन हुआ था, लेकिन उन्हें फंड नहीं मिल पाया। हालांकि, उनके लिए ये एक बड़ा अवसर था क्योंकि इससे उन्हें अपनी कंपनी को आगे बढ़ाने में मदद मिली।
उन्होंने प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना का लाभ लिया है, जिससे उन्हें मछली पालन के लिए तालाब और अन्य आवश्यक संसाधन प्राप्त हुए हैं। इसके अलावा, उनके लिए सरकारी योजनाएं किसानों की मदद करने में सहायक रही हैं।
मछली पालन से जुड़े लाभ
मछली पालन एक लाभकारी व्यवसाय हो सकता है, बशर्ते इसे सही तरीके से किया जाए। उनके अनुसार, मछली पालन (Fisheries) में लाभ की संभावना बहुत अधिक है। वे मानते हैं कि इस व्यवसाय में 40% से 60% तक का मुनाफा हो सकता है। हालांकि, ये मुनाफा ट्रांसपोर्टेशन और पैकिंग के खर्चों के बाद होता है।
वे बताते हैं कि मछली पालन (Fisheries) करने वाले किसानों को मछली के छोटे बच्चों से लेकर बड़े मछलियों तक का पालन करना चाहिए, ताकि हर चरण में फायदा हो सके।
संदेश
इस किसान का संदेश है कि मछली पालन (Fisheries) एक ऐसा व्यवसाय है, जिसमें मेहनत और समझदारी से सफलता प्राप्त की जा सकती है। उनका कहना है कि मछली पालन को एक व्यवसाय के रूप में अपनाने से किसान न केवल अपनी आमदनी बढ़ा सकते हैं, बल्कि इसे खेती के साथ जोड़ कर और भी अधिक लाभ कमा सकते हैं।
मेहनत, समर्पण और रिसर्च
मछली पालन (Fisheries) के क्षेत्र में ये किसान एक बेहतरीन उदाहरण प्रस्तुत करते हैं कि कैसे एक नया दृष्टिकोण और सही जानकारी से किसी भी व्यवसाय को सफलता मिल सकती है। उनकी मेहनत, समर्पण और रिसर्च ने उन्हें इस क्षेत्र में एक अलग पहचान दिलाई है। उनकी सफलता की कहानी अन्य किसानों के लिए प्रेरणा स्रोत है, जो मछली पालन (Fisheries) के क्षेत्र में अपना कदम रखना चाहते हैं।
इस प्रकार, मछली पालन न केवल एक पारंपरिक व्यवसाय है, बल्कि ये आधुनिक तकनीकी दृष्टिकोण से एक मुनाफे का व्यवसाय बन सकता है, जैसा कि इस किसान ने साबित किया है।