खेती में नई तकनीक के जरिए सत्यवान सहरावत ने कैसे बदली कृषि की तस्वीर, जानिए

सत्यवान सहारावत ने खेती में नई तकनीक का उपयोग कर कृषि में नवाचार किया और पारंपरिक पद्धतियों से हटकर एकीकृत कृषि प्रणाली को अपनाया, जिससे किसानों को नई दिशा मिली।

खेती में नई तकनीक new technology in farming

सत्यवान सहरावत, उत्तर दिल्ली के गांव दरियापुर कलां में स्थित “एस एस नर्सरी फ़ार्म” के प्रगतिशील किसान, भारतीय कृषि के क्षेत्र में अपनी खेती में नई तकनीक और अद्वितीय प्रयासों के लिए जाने जाते हैं। 01 जुलाई, 1969 को जन्मे सत्यवान ने स्कूली शिक्षा के बाद ही अपने पिताजी के साथ खेती के क्षेत्र में कदम रखा। स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद, उन्होंने अपने पिता के साथ खेती में नई तकनीक (new technology in farming) को अपनाने की शुरुआत की और पारंपरिक कृषि पद्धतियों से हटकर नवीनतम तकनीकों को अपनाया।

भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) और कृषि विज्ञान केंद्र (KVK), दिल्ली के वैज्ञानिकों के मार्गदर्शन से, उन्होंने खेती में नई तकनीक का उपयोग करते हुए कृषि में नए आयाम जोड़े और इसे एकीकृत कृषि प्रणाली (Integrated Farming System) में बदला। उनकी सोच पारंपरिक खेती के तरीकों से अलग थी; उन्होंने वैज्ञानिक दृष्टिकोण को अपनाते हुए खेती में नई तकनीक को अपना कर नवाचार की दिशा में कदम बढ़ाए।

वैज्ञानिक दृष्टिकोण और नई तकनीकों का उपयोग (Use of scientific approach and new technologies)

सत्यवान ने भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) और कृषि विज्ञान केंद्र (KVK), दिल्ली के वैज्ञानिकों के मार्गदर्शन से खेती में नई तकनीक को अपनाया। उन्होंने कृषि को एकीकृत कृषि प्रणाली (Integrated Farming System) में परिवर्तित किया। उनकी विशेष उपलब्धियां निम्नलिखित हैं:

  1. पॉली-हाउस प्रौद्योगिकी: उन्होंने पॉली-हाउस तकनीक का उपयोग कर बेमौसमी सब्जियों और पौधों की नर्सरी विकसित की। इससे किसानों को अतिरिक्त आय अर्जित करने का एक नया साधन मिला।
  2. अंतरफ़सलीय प्रणाली: सत्यवान ने विभिन्न फ़सलों को एक साथ उगाने की विधि को अपनाकर उत्पादकता बढ़ाई और भूमि का अधिकतम उपयोग किया।
  3. जैविक खेती और बायोगैस प्लांट: उन्होंने जैविक खेती के साथ-साथ फ़सल अवशेष प्रबंधन को बढ़ावा दिया। इसके साथ ही बायोगैस प्लांट का उपयोग करके ऊर्जा की जरूरतों को भी पूरा किया।
  4. मूल्य संवर्धन और बाजार लिंकेज: उन्होंने सब्जियों और फ़सलों के बीज उत्पादन में विशेषज्ञता प्राप्त की, जिससे उनकी आय में वृद्धि हुई।
  5. डेयरी फ़ार्मिंग: अपने फ़ार्म पर स्वदेशी नस्ल की गायों का पालन-पोषण कर उन्होंने डेयरी क्षेत्र में भी सफलता हासिल की।

आधुनिक कृषि के माध्यम से नवाचार (Innovation through modern agriculture)

सत्यवान ने पारंपरिक खेती के साथ-साथ वैज्ञानिक और आधुनिक तकनीकों का कुशलता से उपयोग किया। उनकी प्रमुख उपलब्धियां निम्नलिखित हैं:

  1. पॉली-हाउस प्रौद्योगिकी: उन्होंने पॉली-हाउस के माध्यम से बेमौसमी नर्सरी विकसित की, जिससे न केवल उत्पादन में वृद्धि हुई, बल्कि किसानों को सालभर फ़सलों की बेहतर उपज का लाभ भी मिला।
  2. अल्पावधि सब्जी उत्पादन: उन्होंने तेज़ी से बढ़ने वाली सब्जियों की खेती को प्राथमिकता दी, जिससे किसानों को शीघ्र आय प्राप्त हो सके।
  3. अंतरफ़सलीय प्रणाली: अंतरफ़सल प्रणाली के तहत विभिन्न सब्जियों और फ़सलों को एक साथ उगाकर उन्होंने भूमि उपयोग और उत्पादन क्षमता को बढ़ाया।
  4. फ़सल अवशेष प्रबंधन: फ़सलों के अवशेषों को बर्बाद करने के बजाय, उनका पुनः उपयोग कर उन्होंने पर्यावरण संरक्षण और उत्पादकता को बढ़ावा दिया।
  5. जैविक खेती और पोषक तत्व प्रबंधन: उन्होंने जैविक खेती को अपनाते हुए मिट्टी की उर्वरता बनाए रखने के लिए एकीकृत पोषक तत्व प्रबंधन की प्रणाली लागू की।
  6. बायो गैस प्लांट और उन्नत उपकरणों का उपयोग: उन्होंने बायोगैस प्लांट का निर्माण कर ऊर्जा की जरूरतों को पूरा किया और खेती में नई तकनीक (new technology in farming) के तहत आधुनिक कृषि उपकरणों का उपयोग कर खेती को आसान और कुशल बनाया।
  7. डेयरी फ़ार्म और इंटरक्रॉपिंग: स्वदेशी नस्लों पर आधारित डेयरी फ़ार्म और इंटरक्रॉपिंग प्रणाली के माध्यम से उन्होंने कृषि विविधिकरण को बढ़ावा दिया।
  8. मूल्य संवर्धन और बाजार लिंकेज: उन्होंने सब्जियों के बीज उत्पादन और उनके मूल्य संवर्धन पर विशेष ध्यान दिया, जिससे किसानों की आय में वृद्धि हुई और बाजार में उनके उत्पादों की मांग बढ़ी।

सम्मान और पुरस्कार (Honours and Awards)

सत्यवान जी की मेहनत और उनके योगदान को कई राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय पुरस्कारों से सराहा गया है:

•“नवोन्मेषी किसान पुरस्कार”: भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, पूसा, नई दिल्ली द्वारा 2020 में।
• ICAR-IARI फेलो किसान पुरस्कार: 2020 में कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री, श्री कैलाश चौधरी द्वारा।
• “देवभूमि बागवानी पुरस्कार”: 2019 और 2023 में उत्कृष्ट योगदान के लिए।
• “करोड़पति किसान पुरस्कार”: दैनिक जागरण और कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा।
• जल प्रबंधन पुरस्कार: 2019 में KVK, दिल्ली द्वारा जल संरक्षण में उनके योगदान के लिए।

सामाजिक प्रभाव (Social impact)

20 एकड़ से अधिक भूमि पर खेती करते हुए, सत्यवान ने अपने फ़ार्म को न केवल एक उत्पादक कृषि केंद्र के रूप में विकसित किया, बल्कि इसे एक मॉडल फ़ार्म के रूप में भी स्थापित किया। उनके फ़ार्म पर आने वाले युवा किसान और छात्र उनके काम से प्रेरित होते हैं। सत्यवान सहरावत ने साबित कर दिया है कि अगर परंपरागत खेती में नई तकनीक (new technology in farming) को जोड़ा जाए, तो न केवल उत्पादन में वृद्धि होती है, बल्कि किसानों की आर्थिक स्थिति भी सुदृढ़ होती है। उनका योगदान भारतीय कृषि को आत्मनिर्भर और टिकाऊ बनाने की दिशा में मील का पत्थर है।

आर्थिक स्थिरता और प्रेरणा स्रोत (Financial stability and a source of inspiration)

सत्यवान का लक्ष्य केवल अपनी आय बढ़ाना नहीं, बल्कि अन्य किसानों को भी सशक्त बनाना है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण और खेती में नई तकनीक (new technology in farming) के जरिए उन्होंने न केवल अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत की, बल्कि अपने फ़ार्म को एक उदाहरण के रूप में प्रस्तुत किया।

निष्कर्ष (conclusion)

उनके प्रयास यह साबित करते हैं कि यदि सही तकनीकों और नवाचार को अपनाया जाए, तो कृषि न केवल एक लाभकारी व्यवसाय बन सकती है, बल्कि पर्यावरण और समाज के लिए भी हितकारी साबित हो सकती है। सत्यवान सहरावत की यह यात्रा हर किसान के लिए प्रेरणास्त्रोत है।

उनकी यह उपलब्धियां हमें बताती हैं कि सही दृष्टिकोण और मेहनत से कृषि को न केवल लाभकारी बनाया जा सकता है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक आदर्श स्थापित किया जा सकता है।

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सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।

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